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जानें पोप फ्रांसिस ने स्कूली शिक्षा काे क्याें बताया जरूरी

पोप फ्रांसिस ने कहा कि स्कूल शिक्षा काे बढ़ावा दिया जाना चाहिए. शनिवार शाम को इटली के बोलोग्ना में चार दिवसीय बैठक के पहले दिन उन्हाेंने यह संदेश दिया.

कट्टरपंथी
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Published : Sep 12, 2021, 11:55 AM IST

वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने कहा कि गरीबी और अज्ञानता जैसे कारक कट्टरपंथी हिंसा फैलाने में मदद करते हैं और उन्होंने धार्मिक नेताओं तथा अन्य से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देकर इसे रोकने में मदद करने का अनुरोध किया.

पोप ने धर्मों के बीच परस्पर समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार शाम को इटली के बोलोग्ना में चार दिवसीय बैठक के पहले दिन यह संदेश दिया. वेटिकन ने बताया कि पोप ने सात सितंबर को यह संदेश लिखा था.

उन्होंने पिछले 40 वर्षों में दुनियाभर में प्रार्थना स्थलों पर करीब 5,000 लोगों के मारे जाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं के तौर पर मेरा मानना है कि पहले हम सभी को सच्चाई का साथ देना चाहिए और बिना किसी डर या ढोंग के बुरे को बुरा घोषित करें खासतौर से जब ये उन लोगों द्वारा किया गया कृत्य हो, जो हमारे पंथ का पालन करने का दावा करते हैं.

फ्रांसिस ने कहा कि सबसे ज्यादा हमें लोगों को शिक्षित करने, न्यायसंगत, एकजुटता आधारित और आंतरिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जो शिक्षा के अवसर बढ़ाते हैं क्योंकि जब गरीबी और अज्ञानता होती हैं तो कट्टरपंथी हिंसा आसानी से जगह बना लेती है.

इसे भी पढ़ें : पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान में स्थिति पर चिंता जताई

वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस ने कहा कि गरीबी और अज्ञानता जैसे कारक कट्टरपंथी हिंसा फैलाने में मदद करते हैं और उन्होंने धार्मिक नेताओं तथा अन्य से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देकर इसे रोकने में मदद करने का अनुरोध किया.

पोप ने धर्मों के बीच परस्पर समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार शाम को इटली के बोलोग्ना में चार दिवसीय बैठक के पहले दिन यह संदेश दिया. वेटिकन ने बताया कि पोप ने सात सितंबर को यह संदेश लिखा था.

उन्होंने पिछले 40 वर्षों में दुनियाभर में प्रार्थना स्थलों पर करीब 5,000 लोगों के मारे जाने की निंदा की. उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं के तौर पर मेरा मानना है कि पहले हम सभी को सच्चाई का साथ देना चाहिए और बिना किसी डर या ढोंग के बुरे को बुरा घोषित करें खासतौर से जब ये उन लोगों द्वारा किया गया कृत्य हो, जो हमारे पंथ का पालन करने का दावा करते हैं.

फ्रांसिस ने कहा कि सबसे ज्यादा हमें लोगों को शिक्षित करने, न्यायसंगत, एकजुटता आधारित और आंतरिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जो शिक्षा के अवसर बढ़ाते हैं क्योंकि जब गरीबी और अज्ञानता होती हैं तो कट्टरपंथी हिंसा आसानी से जगह बना लेती है.

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