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पोलैंड राष्ट्रपति चुनाव : आंद्रेज डूडा की ट्रासकोस्की से कड़ी टक्कर

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Published : Jul 13, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Jul 13, 2020, 5:58 PM IST

पौलेंड में हुए राष्ट्रपति चुनावों में यूरोप समर्थक रफाल ट्रासकोस्की राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा कड़ी टक्कर दे रहे हैं. हालांकि, जीत किसकी होगी, यह कह पाना मुश्किल है. ट्रासकोस्की वर्तमान राष्ट्रपति डूडा की अलोकतांत्रिक नीतियों का मुकाबला करने के लिए मैदान में उतरे हैं. चुनाव के परिणाम पोलैंड के लिए अलग तरह के राजनीतिक रास्ते खोलेंगे.

presidential poll in poland
पोलैंड राष्ट्रपति चुनाव

वॉरसॉ : यूरोपीय देश पोलैंड में रविवार को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान कराए गए. एग्जिट पोल के रुझानों के मुताबिक वर्तमान राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा को 50.4 प्रतिशत मत मिले हैं. उनके मुकाबले में यूरोप समर्थक कहे जाने वाले रफाल ट्रासकोस्की को 49.6 प्रतिशत मत मिले हैं.

यह आंकड़े बाद में बदल सकते हैं, इसलिए अभी यह तय नहीं किया जा सकता कि किसकी जीत सुनिश्चित है. चुनाव परिणामों से पोलैंड के लिए अलग तरह के राजनीतिक रास्ते खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.

राष्ट्रपति डूडा को चुनौती दे रहे ट्रासकोस्की उनकी शहरी उदारवादियों, एलजीबीटी समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों को बदनाम करने की नीति के मुखर आलोचक रहे हैं. ट्रासकोस्की अपनी राजनीतिक रैलियों में कह चुके हैं कि वह सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का मुकाबला करने के लिए मैदान में उतरे हैं.

बता दें कि पोलैंड में राष्ट्रपति चुनाव मई में ही होने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था. पोलैंड में कोरोना वायरस के कुल 37,000 मामले हैं और लगभग 1,600 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है.

वॉरसॉ : यूरोपीय देश पोलैंड में रविवार को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान कराए गए. एग्जिट पोल के रुझानों के मुताबिक वर्तमान राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा को 50.4 प्रतिशत मत मिले हैं. उनके मुकाबले में यूरोप समर्थक कहे जाने वाले रफाल ट्रासकोस्की को 49.6 प्रतिशत मत मिले हैं.

यह आंकड़े बाद में बदल सकते हैं, इसलिए अभी यह तय नहीं किया जा सकता कि किसकी जीत सुनिश्चित है. चुनाव परिणामों से पोलैंड के लिए अलग तरह के राजनीतिक रास्ते खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.

राष्ट्रपति डूडा को चुनौती दे रहे ट्रासकोस्की उनकी शहरी उदारवादियों, एलजीबीटी समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों को बदनाम करने की नीति के मुखर आलोचक रहे हैं. ट्रासकोस्की अपनी राजनीतिक रैलियों में कह चुके हैं कि वह सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का मुकाबला करने के लिए मैदान में उतरे हैं.

बता दें कि पोलैंड में राष्ट्रपति चुनाव मई में ही होने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था. पोलैंड में कोरोना वायरस के कुल 37,000 मामले हैं और लगभग 1,600 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है.

Last Updated : Jul 13, 2020, 5:58 PM IST
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