लंदन : ब्रिटेन को अपने आप को दुनिया में हुए बड़े बदलावों के अनुकूल ढालने के लिए और कदम उठाना चाहिए और अपनी विदेश नीति में भारत, जापान व आस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ हिंद-प्रशांत पर जोर देना चाहिए. मंगलवार को सामने आये देश के ब्रेक्जिट के बाद के 'ग्लोबल ब्रिटेन' विजन डॉक्यूमेंट में यह बात कही गयी है.
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अगले महीने भारत की यात्रा पर जाने की पुष्टि करते हुए इस तथाकथित हिंद प्रशांत झुकाव को सामने रखा. यह दक्षिणपूर्व एशियाई देश संघ (आसियान) के साझेदार दर्जा तथा इस क्षेत्र में रॉयल नेवी के जंगी विमान क्वीन एलिजाबेथ की तैनाती के लिए आवेदन है.
जॉनसन ने ही हाउस ऑफ कमंस में औपचारिक रूप से 'ग्लोबल ब्रिटेन इन कम्पीटिव एज: द इंटीग्रेटेड रिव्यू ऑफ सेक्युरिटी, डिफेंस, डेवलपमेंट एंड फोरेन पॉलिसी' दस्तावेज की औपचारिक शुरुआत की.
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प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ कामंस में अपने बयान में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अपनी दोस्ती मजबूत करने के लिए अगले महीने भारत की यात्रा करूंगा.