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FATF की 'ग्रे सूची' में बरकरार रहेगा पाकिस्तान - वित्तीय कार्रवाई कार्य बल

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force) के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार ग्रे लिस्ट में है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थक करने वाले तुर्की को भी एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है. एफएटीएफ ने तुर्की को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कमियों के लिए ग्रे लिस्ट में शामिल किया है.

FATF की ग्रे लिस्ट
FATF की ग्रे लिस्ट
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Published : Oct 21, 2021, 9:56 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 2:54 AM IST

पेरिस : आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाले निकाय वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने कहा कि पाकिस्तान अभी उसकी ग्रे (संदिग्ध) सूची में ही बरकरार रहेगा, क्योंकि उसे यह दर्शाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों जैसे हाफिज सईद और मसूदद अजहर और उनके नेतृत्व वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सईद और अजहर भारत के वांछितों की सूची में भी हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थक करने वाले तुर्की को भी एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है. एफएटीएफ ने तुर्की को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कमियों के लिए ग्रे लिस्ट में शामिल किया है.

एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर (Marcus Pleyer) ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार निगरानी (ग्रे लिस्ट) में है. इसकी सरकार के पास 34-सूत्रीय कार्य योजना है, जिसमें से 30 मुद्दों को संबोधित किया गया है.

FATF ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. वहीं, FATF के अध्यक्ष ने मॉरीशस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से हटाए जाने पर बधाई दी. एफएटीएफ ने कहा कि इन दोनों देशों ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को मिल रहे पैसों को लेकर बड़ी कार्रवाई की है.

FATF सूची में तीन देश: जॉर्डन, माली और तुर्की सभी FATF के साथ एक कार्य योजना पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि तुर्की ने सूची पर FATF के साथ एक कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की है.

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है. खबर में जर्मन मीडिया संस्थान डायचे वेले के सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' से हटाने का फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाले एफएटीएफ के अगले सत्र में लिया जा सकता है.

इस मुद्दे पर राजनीतिक विचारक और विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ सुवरो कमल दत्ता (Dr Suvro Kamal Dutta) ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुले तौर पर इस विचार की वकालत करने और एफएटीएफ में अन्य सभी पश्चिमी देशों के साथ पैरवी करने का समय है, ताकि पाकिस्तान को एक बार 'ब्लैक लिस्ट' किया जा सके. भारत को पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करना चाहिए. इसके अलावा FATF को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड देश और वैश्विक आतंकवादी देश घोषित करना चाहिए.

सुवरो ने कहा कि जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं और दुनियाभर में खुले तौर पर आतंकवादियों को भेजने की वकालत करते हैं, उन्हें भी दंडित करने आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद में आतंकवाद को फैलाता है. इतना ही नहीं आतंकवाद पाकिस्तान से उत्पन्न और मुक्त होता है. दुनियाभर में हुई कई बमबारी पाकिस्तान की करतूत है और तुर्की ने हमेशा हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का समर्थन किया है.

पढ़ें - एफएटीएफ के अगले सत्र तक 'ग्रे सूची' में रह सकता है पाकिस्तान : मीडिया रिपोर्ट

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान को जून, 2018 में एफएटीएफ ने निगरानी सूची में रखा था. उसे अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने के लिये कार्य योजना सौंपी गयी थी। लेकिन उसे पूरा करने में विफल रहने के कारण वह एफएटीएफ की निगरानी सूची में बना हुआ है.

पेरिस : आतंक वित्तपोषण की निगरानी करने वाले निकाय वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने कहा कि पाकिस्तान अभी उसकी ग्रे (संदिग्ध) सूची में ही बरकरार रहेगा, क्योंकि उसे यह दर्शाना होगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों जैसे हाफिज सईद और मसूदद अजहर और उनके नेतृत्व वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सईद और अजहर भारत के वांछितों की सूची में भी हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थक करने वाले तुर्की को भी एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में शामिल कर लिया है. एफएटीएफ ने तुर्की को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने में कमियों के लिए ग्रे लिस्ट में शामिल किया है.

एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर (Marcus Pleyer) ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार निगरानी (ग्रे लिस्ट) में है. इसकी सरकार के पास 34-सूत्रीय कार्य योजना है, जिसमें से 30 मुद्दों को संबोधित किया गया है.

FATF ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. वहीं, FATF के अध्यक्ष ने मॉरीशस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से हटाए जाने पर बधाई दी. एफएटीएफ ने कहा कि इन दोनों देशों ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को मिल रहे पैसों को लेकर बड़ी कार्रवाई की है.

FATF सूची में तीन देश: जॉर्डन, माली और तुर्की सभी FATF के साथ एक कार्य योजना पर सहमत हुए हैं. उन्होंने कहा कि तुर्की ने सूची पर FATF के साथ एक कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की है.

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है. खबर में जर्मन मीडिया संस्थान डायचे वेले के सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' से हटाने का फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाले एफएटीएफ के अगले सत्र में लिया जा सकता है.

इस मुद्दे पर राजनीतिक विचारक और विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ सुवरो कमल दत्ता (Dr Suvro Kamal Dutta) ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुले तौर पर इस विचार की वकालत करने और एफएटीएफ में अन्य सभी पश्चिमी देशों के साथ पैरवी करने का समय है, ताकि पाकिस्तान को एक बार 'ब्लैक लिस्ट' किया जा सके. भारत को पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा करना चाहिए. इसके अलावा FATF को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड देश और वैश्विक आतंकवादी देश घोषित करना चाहिए.

सुवरो ने कहा कि जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं और दुनियाभर में खुले तौर पर आतंकवादियों को भेजने की वकालत करते हैं, उन्हें भी दंडित करने आवश्यकता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद में आतंकवाद को फैलाता है. इतना ही नहीं आतंकवाद पाकिस्तान से उत्पन्न और मुक्त होता है. दुनियाभर में हुई कई बमबारी पाकिस्तान की करतूत है और तुर्की ने हमेशा हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान का समर्थन किया है.

पढ़ें - एफएटीएफ के अगले सत्र तक 'ग्रे सूची' में रह सकता है पाकिस्तान : मीडिया रिपोर्ट

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान को जून, 2018 में एफएटीएफ ने निगरानी सूची में रखा था. उसे अक्टूबर, 2019 तक पूरा करने के लिये कार्य योजना सौंपी गयी थी। लेकिन उसे पूरा करने में विफल रहने के कारण वह एफएटीएफ की निगरानी सूची में बना हुआ है.

Last Updated : Oct 22, 2021, 2:54 AM IST
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