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न्यूजीलैंड: लापता नर्स की पहचान सार्वजनिक होने पर PM अर्डर्न ने जताई असहमती

2013 में अगवा हुई नर्स लुइसा अकावी की पहचान को ICRC ने सार्वजनिक कर दिया है. लोेकिन प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न इससे नाराज है और अपनी असहमती जताई है, जानें कारण.

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न
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Published : Apr 16, 2019, 11:04 AM IST

वेलिंग्टन: न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने लापता नर्स लुइसा अकावी की पहचान सार्वजनिक करने पर बयान दिया. साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल कमिटि ऑफ रेडक्रॉस (ICRC) की तरफ अपनी नाराजगी भी जताई.

बयान देते हुए प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न.

गौरतलब है कि 2013 में नर्स लुइसा अकावी के गायब होने के बाद से ही मीडिया ब्लैकआउट हो गया था.

बता दें कि नर्स लुइसा अकावी सीरियाई चालकों अला रजाब और नबील बाकदुनूज को रेड क्रॉस के काफिले के साथ जाते समय देश के उत्तर-पश्चिम में इदलिब से अपहृत कर लिया गया था. हथियार से लैस लोगों ने 13 अक्टूबर 2013 को काफिले को रोक सात लोगों का अपहरण कर लिया था, जिनमें से चार लोगों को अगले दिन ही छोड़ दिया गया था.

पढ़ें: सूडान के दारफुर विस्थापित शिविर में झड़प, 14 की मौत

आईसीआरसी ने कहा कि उनका मानना है कि इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) ने उनका अपहरण किया था. एक समाचार पत्र द्वारा रविवार को मामले की सूचना देने के बाद, ICRC ने सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि की.

गौरतलब है कि आईसीआरसी ने इतने वर्षों में पहली बार उसके संबंध में यह जानकारी साझा की है.

आईसीआरसी के इस बयान पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने स्पष्ट किया कि वह आईसीआरसी के फैसले से असहमत हैं. उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से सरकार का दृष्टिकोण है. अगर यह मामला सार्वजनिक क्षेत्र नहीं हो, तो ही बेहतर होगा. यदि मामला सार्वजनिक हुआ तो नर्स की जान खतरे में पड़ सकती है.'

वेलिंग्टन: न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने लापता नर्स लुइसा अकावी की पहचान सार्वजनिक करने पर बयान दिया. साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल कमिटि ऑफ रेडक्रॉस (ICRC) की तरफ अपनी नाराजगी भी जताई.

बयान देते हुए प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न.

गौरतलब है कि 2013 में नर्स लुइसा अकावी के गायब होने के बाद से ही मीडिया ब्लैकआउट हो गया था.

बता दें कि नर्स लुइसा अकावी सीरियाई चालकों अला रजाब और नबील बाकदुनूज को रेड क्रॉस के काफिले के साथ जाते समय देश के उत्तर-पश्चिम में इदलिब से अपहृत कर लिया गया था. हथियार से लैस लोगों ने 13 अक्टूबर 2013 को काफिले को रोक सात लोगों का अपहरण कर लिया था, जिनमें से चार लोगों को अगले दिन ही छोड़ दिया गया था.

पढ़ें: सूडान के दारफुर विस्थापित शिविर में झड़प, 14 की मौत

आईसीआरसी ने कहा कि उनका मानना है कि इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) ने उनका अपहरण किया था. एक समाचार पत्र द्वारा रविवार को मामले की सूचना देने के बाद, ICRC ने सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि की.

गौरतलब है कि आईसीआरसी ने इतने वर्षों में पहली बार उसके संबंध में यह जानकारी साझा की है.

आईसीआरसी के इस बयान पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने स्पष्ट किया कि वह आईसीआरसी के फैसले से असहमत हैं. उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से सरकार का दृष्टिकोण है. अगर यह मामला सार्वजनिक क्षेत्र नहीं हो, तो ही बेहतर होगा. यदि मामला सार्वजनिक हुआ तो नर्स की जान खतरे में पड़ सकती है.'

RESTRICTION SUMMARY: NO ACCESS NEW ZEALAND
SHOTLIST:
TVNZ - NO ACCESS NEW ZEALAND
Wellington - 15 April 2019
1. New Zealand Prime Minister Jacinda Ardern arriving at news conference
2. SOUNDBITE (English) Jacinda Ardern, New Zealand Prime Minister:
“Look, you'll forgive me, I hope, for not commenting on that case. It absolutely remains the government's view that it would be preferable if this case were not in the public domain. For that reason, I won’t be commenting further on it.”
++BLACK FRAMES++
3. SOUNDBITE (English) Jacinda Ardern, New Zealand Prime Minister:
Reporter: "Prime Minister, how reckless and irresponsible was it of the International Red Cross to name Louisa Akavi?"
Ardern: “Those are decisions for them (ICRC). All I know, of course, is that as I’ve said, the New Zealand government maintains a position that it would be better not to have this case in the public domain and I won’t be commenting any further on it.”
Reporter: "How much pressure did the government put on the ICRC not to name her?"
Ardern: “Certainly, it remained our view that it would be better for it not to be in the public domain and obviously that was our focus and the basis of our communication. Again though, as I say, decisions have been taken that were not our own and I won’t be commenting any further on decisions made by others.”
++BLACK FRAMES++
4. SOUNDBITE (English) Jacinda Ardern, New Zealand Prime Minister:
“Again, I simply will not be commenting any further. I accept the interest and so, information has been put into the public domain based on the fact that this information is now out there and the case is now public, but beyond that, I will not be commenting.”
5. Ardern leaving
STORYLINE
New Zealand prime minister Jacinda Ardern indicated Monday she's critical of the International Committee of the Red Cross (ICRC)  for confirming the identity of a nurse who's been held by the Islamic State group for almost six years.
There'd been a media blackout on the case ever since the nurse, New Zealand national Louisa Akavi, disappeared in 2013 along with two Syrian drivers.
But after a newspaper reported the case on Sunday, the ICRC publicly confirmed it.
At a news conference on Monday, Ardern made clear she disagreed with the ICRC's decision.
"It absolutely remains the government's view that it would be preferable if this case were not in the public domain," she said.
The blackout was imposed for fear the nurse's life might be at further risk if the case was publicised.
The collapse of Islamic State has raised hopes that Akavi and the two drivers might now be discovered.
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