स्टॉकहोम : स्वीडिश एकेडमी ने साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है. अमेरिकी कवि लुईस ग्लूक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. न्यूयार्क में जन्मीं ग्लूक 2016 के बाद नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली पहली अमेरिकी बन गई हैं.
नोबेल पुरस्कार के एलान के बाद स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि लुईस ग्लूक एक ऐसी आवाज हैं, जिनकी रचनाएं व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाती हैं. इनकी रचनाएं सरल, खूबसूरत और अचूक हैं.
अमेरिकी कवि लुइस ग्लूक को 77 साल की ग्लूक यह पुरस्कार पाने वाले 16वीं महिला हैं.
साल 2016 में गायक-गीतकार बॉब डेलान को यह पुरस्कार मिला था. ग्लूक अभी येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं. ग्लूक ने साल 1993 में साहित्य क प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार जीता था.
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The 2020 Nobel Prize in Literature is awarded to the American poet Louise Glück “for her unmistakable poetic voice that with austere beauty makes individual existence universal.”#NobelPrize pic.twitter.com/Wbgz5Gkv8C
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इससे पहले साल 1993 में टोनी मॉरिसन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार की मिला था. मॉरिसन यह पुरस्कार जीतने वालीं अमेरिकी-अफ्रीकी मूल की पहली महिला थीं.
साल 2018 में यौन शोषण के आरोपों के बाद पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था. इसके लिए स्वीडिश एकेडमी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
स्वीडिश एकेडमी ने 2019 में दोनों साल के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की थी. साल 2018 के पुरस्कार के लिए पोलैंड के ओल्गा टोकरुक और 2019 के लिए ऑस्ट्रिया के पीटर हैंडके को पुरस्कार दिया गया था.
हैंडके को साहित्य का नोबेल पुस्कार देने पर विवाद हो गया था. एकेडमी के इस फैसले के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. हैंडके को 1990 के बाल्कन युद्धों के दौरान सर्बिया का समर्थक माना जाता था. नोबेल की घोषणा के बाद उन्हें सर्बियाई युद्ध अपराधों के लिए माफी मांगने को कहा गया था.
अल्बानिया, बोस्निया और तुर्की सहित कई देशों ने विरोध में नोबेल पुरस्कार समारोह का बहिष्कार किया, और साहित्य पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों का नामांकन करने वाली समिति के सदस्य ने इस्तीफा दे दिया था.