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ब्रिटेन की अदालत में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मुकदमे की सुनवाई शुरू

पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पिछले साल मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही लंदन की एक जेल में सलाखों के पीछे हैं. मोदी के प्रत्यर्पण के मुकदमे की पांच दिन की सुनवाई ब्रिटेन की अदालत में शुरू हो गई है. मोदी वीडियो लिंक के जरिए ब्रिटेन की अदालत में पेश हुआ. पढ़ें विस्तार से...

Nirav Modi
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी
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Published : Sep 7, 2020, 8:02 PM IST

लंदन : पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मुकदमे की पांच दिन की सुनवाई सोमवार को ब्रिटेन की अदालत में शुरू हो गई.

मोदी (49) पिछले साल मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही लंदन की एक जेल में सलाखों के पीछे हैं. वह वीडियो लिंक के जरिए पेश हुआ, जिसमें उसने गहरे रंग का सूट पहना हुआ था और उसकी दाढ़ी थी. मुकदमे का दूसरा चरण वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में जारी है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिनिधि अदालत में मौजूद थे. ब्रिटेन की शाही अभियोजन सेवाा (सीपीएस) जिला न्यायाधीश सैम्युल गूजी के समक्ष उनके मुकदमे की पैरवी कर रही है.

भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त पुख्ता सबूत जमा कराने के बाद दलीलों को पूरा करने के लिए इस सप्ताह हो रही सुनवाई महत्वपूण है.

इसके बाद अदालत अतिरिक्त प्रत्यर्पण आवेदन को देखेगी, जो इस साल के शुरू में भारतीय अधिकारियों ने किए हैं और ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने उसे प्रमाणित किया है. इसमें मोदी के खिलाफ सबूतों को नष्ट करने, गवाहों को धमकाने या जान से मारने की धमकी के आरोप जोड़े गए हैं.

कोरोना वायरस के कारण लागू पाबंदियों के मद्देनजर न्यायाधीश गूजी ने निर्देश दिया कि मोदी को दक्षिण पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ कारावास के एक कमरे से पेश किया जाए और सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाए.

न्यायाधीश गूजी ने मई में प्रत्यर्पण मुकदमे के पहले चरण की सुनवाई की थी. इस दौरान मोदी के खिलाफ धोखाधड़ी और धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला कायम करने का अनुरोध किया गया था.

यह भी पढ़ें- फरार होने के खतरे से नीरव मोदी की जमानत अर्जी चौथी बार खारिज

गूजी पहले ही कह चुके हैं कि अलग अलग प्रत्यर्पण अनुरोध आपस में जुड़े हुए हैं और सभी दलीलों को सुनने के बाद ही वह अपना फैसला देंगे.

अतिरिक्त सुनवाई तीन नवंबर को होनी है, जिसमें न्यायाधीश सबूतों को स्वीकार करने पर व्यवस्था देंगे जो उनके समक्ष रखे जाएंगे और एक दिसंबर को दोनो पक्ष अंतिम अभिवेदन देंगे. इसका मतलब है कि भारतीय अदालतों में मोदी जवाबदेह है या नहीं, इस पर उनका फैसला दिसंबर में अंतिम सुनवाई के बाद ही आएगा.

लंदन : पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मुकदमे की पांच दिन की सुनवाई सोमवार को ब्रिटेन की अदालत में शुरू हो गई.

मोदी (49) पिछले साल मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही लंदन की एक जेल में सलाखों के पीछे हैं. वह वीडियो लिंक के जरिए पेश हुआ, जिसमें उसने गहरे रंग का सूट पहना हुआ था और उसकी दाढ़ी थी. मुकदमे का दूसरा चरण वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में जारी है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिनिधि अदालत में मौजूद थे. ब्रिटेन की शाही अभियोजन सेवाा (सीपीएस) जिला न्यायाधीश सैम्युल गूजी के समक्ष उनके मुकदमे की पैरवी कर रही है.

भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त पुख्ता सबूत जमा कराने के बाद दलीलों को पूरा करने के लिए इस सप्ताह हो रही सुनवाई महत्वपूण है.

इसके बाद अदालत अतिरिक्त प्रत्यर्पण आवेदन को देखेगी, जो इस साल के शुरू में भारतीय अधिकारियों ने किए हैं और ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने उसे प्रमाणित किया है. इसमें मोदी के खिलाफ सबूतों को नष्ट करने, गवाहों को धमकाने या जान से मारने की धमकी के आरोप जोड़े गए हैं.

कोरोना वायरस के कारण लागू पाबंदियों के मद्देनजर न्यायाधीश गूजी ने निर्देश दिया कि मोदी को दक्षिण पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ कारावास के एक कमरे से पेश किया जाए और सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाए.

न्यायाधीश गूजी ने मई में प्रत्यर्पण मुकदमे के पहले चरण की सुनवाई की थी. इस दौरान मोदी के खिलाफ धोखाधड़ी और धन शोधन का प्रथम दृष्टया मामला कायम करने का अनुरोध किया गया था.

यह भी पढ़ें- फरार होने के खतरे से नीरव मोदी की जमानत अर्जी चौथी बार खारिज

गूजी पहले ही कह चुके हैं कि अलग अलग प्रत्यर्पण अनुरोध आपस में जुड़े हुए हैं और सभी दलीलों को सुनने के बाद ही वह अपना फैसला देंगे.

अतिरिक्त सुनवाई तीन नवंबर को होनी है, जिसमें न्यायाधीश सबूतों को स्वीकार करने पर व्यवस्था देंगे जो उनके समक्ष रखे जाएंगे और एक दिसंबर को दोनो पक्ष अंतिम अभिवेदन देंगे. इसका मतलब है कि भारतीय अदालतों में मोदी जवाबदेह है या नहीं, इस पर उनका फैसला दिसंबर में अंतिम सुनवाई के बाद ही आएगा.

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