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लंदन में पैदा हुआ सुई के आकार का बच्चा

कुदरत का दायरा इंसान की सोच और समझ दोनों से ही परे होता है. इंसान चाहे कितनी कोशिश कर ले, लेकिन दुनिया में कुछ अजूबे ऐसे होते हैं, जिन्हें हम सिर्फ मान सकते हैं समझ नहीं सकते. ऐसा ही वाकया लंदन में हुआ. जहां, एक मां ने सुई के आकार के बच्चे को जन्म दिया.

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Published : Feb 13, 2019, 8:55 PM IST

लंदन: जब बात कुदरत की होती है तो इंसान की सोच और समझ दोनों से ही परे होती है. ऐसा ही कुछ लंदन के एक शहर में हुआ, जो किसी चमत्कार से कम नहीं. दरअसल, यहां एक महिला ने 23 हफ्तों की गर्भावस्था के बाद सुई के बराबर एक बच्चे को जन्म दिया. अहम बात ये कि बच्चा आज तक जीवित है और अब अस्पताल से घर लौट रहा है.

needle child etv bharat
सौ. Caters News Agency
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बता दें, जन्म के समय सुई के आकार के इस बच्चे का वजन 700 ग्राम था. इसके माता-पिता, हैना रोज और डेनियल बोन्स ने बच्चे का नाम जॉर्ज रखा है. बच्चे के जन्म के वक्त डॉक्टरों ने कहा कि ये लाखों में एक है. डॉक्टरों ने बच्चे की स्वस्थ हालत देखकर हैरानी जाताई.

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हैना और डेनियल को डॉक्टरों ने ये बताया था
इस संबंध में हैना रोज और डेनियल बोन्स ने कहा कि हमें डॉक्टरों ने पांच अलग-अलग मौकों पर ये बताया था कि हमारा बच्चा जीवित नहीं रहेगा. उन्होंने बताया कि उनके बच्चे का जन्म गर्भपात की तय समय सीमा से ठीक एक हफ्ते पहले हुआ था.

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बच्चे का जिंदा रह पाना ना मुमकिन
बता दें, इंग्लेड के नॉटिंघमशायर टाउन में इस बच्चे का जन्म जुलाई में हुआ था. जार्ज के जन्म लेने के साथ ही डॉक्टरों ने हैना और डेनियल से कह दिया था कि बच्चे का जिंदा रह पाना ना मुमकिन है. लेकिन तमाम मुशकिलों से लड़ते हुए जार्ज ने मौत को भी मात दे दी और अब वह अपने माता-पिता के साथ घर लौट रहा है.

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पहली बार मां बनी थी हैना
गौरतलब है कि हैना पहली बार मां बनी थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि जॉर्ज के जीवित रहने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. लेकिन उसके पैदा होने के बाद जॉर्ज बिल्कुल स्वस्थ था और इतने समय तक जीवित रहा. हैना ने कहा कि ये एक चमत्कार ही था.

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हैना की थी सामान्य गर्भावस्था
हैना ने बताया कि उनकी गर्भावस्था सामान्य थी और उन्हें किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन 23 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद उन्हें पीठ दर्द महसूस होने लगा. उन्होंने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाया, तो उन्हें बताया गया कि ये लेबर पेन है.

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सौ. Caters News Agency
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पढ़ें: 'चार बच्चे पैदा करो', आजीवन इनकम टैक्स से मुक्ति

हैना को लगा उनका बच्चा मृत पैदा होगा
उन्होंने कहा कि यह सुनकर वे टूट गई थी क्योंकि उन्हें लगा कि उनका बच्चा मृत पैदा होगा. हैना को 23 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद चार दिनों तक अस्पताल में लेबर पेन सहना पड़ा और उसके बाद जॉर्ज का जन्म हुआ.

जॉर्ज को प्लास्टिक के 'सैंडविच बैग' में रखा गया था
हैना ने बताया कि जार्ज के जन्म के तुरंत बाद ही उसे प्लास्टिक के 'सैंडविच बैग' में रखकर इन्क्यूबेटर में रख दिया गया था. उसके बाद ही उसकी तत्काल सर्जरी की गई. जिसके बाद वे जीवित है और हमारे साथ है.

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जॉर्ज को अब तक 20 से ज्यादा बार चढ़ाया जा चुका है खून
उन्होंने बताया कि आज तक जार्ज को कुल मिलाकर 20 से अधिक बार खून चढ़ाया जा चुका है. इसके अलावा जार्ज के छह बार ऑपरेशन किये जा चुके हैं और अब उसका सातवां ऑपरेशन होने वाला है, जोकि उसके दिल का होगा.

जॉर्ज को है फेफड़ों की बीमारी
हैना ने बताया कि जॉर्ज को फेफड़ों की बीमारी है और वह लंबे समय तक बिना मदद के सांस लिए नहीं रह सकता. उसे रोजाना अस्पताल ले जाना पड़ता है और उसका मूवमेंट भी बहुत सीमित है. उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद उन्हें जार्ज के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है. जार्ज उनके लिए बेहद खास है और वे उसे हमेशा अपने पास रखकर लाड़-प्यार करतीं हैं.

लंदन: जब बात कुदरत की होती है तो इंसान की सोच और समझ दोनों से ही परे होती है. ऐसा ही कुछ लंदन के एक शहर में हुआ, जो किसी चमत्कार से कम नहीं. दरअसल, यहां एक महिला ने 23 हफ्तों की गर्भावस्था के बाद सुई के बराबर एक बच्चे को जन्म दिया. अहम बात ये कि बच्चा आज तक जीवित है और अब अस्पताल से घर लौट रहा है.

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बता दें, जन्म के समय सुई के आकार के इस बच्चे का वजन 700 ग्राम था. इसके माता-पिता, हैना रोज और डेनियल बोन्स ने बच्चे का नाम जॉर्ज रखा है. बच्चे के जन्म के वक्त डॉक्टरों ने कहा कि ये लाखों में एक है. डॉक्टरों ने बच्चे की स्वस्थ हालत देखकर हैरानी जाताई.

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हैना और डेनियल को डॉक्टरों ने ये बताया था
इस संबंध में हैना रोज और डेनियल बोन्स ने कहा कि हमें डॉक्टरों ने पांच अलग-अलग मौकों पर ये बताया था कि हमारा बच्चा जीवित नहीं रहेगा. उन्होंने बताया कि उनके बच्चे का जन्म गर्भपात की तय समय सीमा से ठीक एक हफ्ते पहले हुआ था.

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बच्चे का जिंदा रह पाना ना मुमकिन
बता दें, इंग्लेड के नॉटिंघमशायर टाउन में इस बच्चे का जन्म जुलाई में हुआ था. जार्ज के जन्म लेने के साथ ही डॉक्टरों ने हैना और डेनियल से कह दिया था कि बच्चे का जिंदा रह पाना ना मुमकिन है. लेकिन तमाम मुशकिलों से लड़ते हुए जार्ज ने मौत को भी मात दे दी और अब वह अपने माता-पिता के साथ घर लौट रहा है.

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पहली बार मां बनी थी हैना
गौरतलब है कि हैना पहली बार मां बनी थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि जॉर्ज के जीवित रहने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. लेकिन उसके पैदा होने के बाद जॉर्ज बिल्कुल स्वस्थ था और इतने समय तक जीवित रहा. हैना ने कहा कि ये एक चमत्कार ही था.

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हैना की थी सामान्य गर्भावस्था
हैना ने बताया कि उनकी गर्भावस्था सामान्य थी और उन्हें किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन 23 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद उन्हें पीठ दर्द महसूस होने लगा. उन्होंने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को दिखाया, तो उन्हें बताया गया कि ये लेबर पेन है.

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पढ़ें: 'चार बच्चे पैदा करो', आजीवन इनकम टैक्स से मुक्ति

हैना को लगा उनका बच्चा मृत पैदा होगा
उन्होंने कहा कि यह सुनकर वे टूट गई थी क्योंकि उन्हें लगा कि उनका बच्चा मृत पैदा होगा. हैना को 23 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद चार दिनों तक अस्पताल में लेबर पेन सहना पड़ा और उसके बाद जॉर्ज का जन्म हुआ.

जॉर्ज को प्लास्टिक के 'सैंडविच बैग' में रखा गया था
हैना ने बताया कि जार्ज के जन्म के तुरंत बाद ही उसे प्लास्टिक के 'सैंडविच बैग' में रखकर इन्क्यूबेटर में रख दिया गया था. उसके बाद ही उसकी तत्काल सर्जरी की गई. जिसके बाद वे जीवित है और हमारे साथ है.

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जॉर्ज को अब तक 20 से ज्यादा बार चढ़ाया जा चुका है खून
उन्होंने बताया कि आज तक जार्ज को कुल मिलाकर 20 से अधिक बार खून चढ़ाया जा चुका है. इसके अलावा जार्ज के छह बार ऑपरेशन किये जा चुके हैं और अब उसका सातवां ऑपरेशन होने वाला है, जोकि उसके दिल का होगा.

जॉर्ज को है फेफड़ों की बीमारी
हैना ने बताया कि जॉर्ज को फेफड़ों की बीमारी है और वह लंबे समय तक बिना मदद के सांस लिए नहीं रह सकता. उसे रोजाना अस्पताल ले जाना पड़ता है और उसका मूवमेंट भी बहुत सीमित है. उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद उन्हें जार्ज के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है. जार्ज उनके लिए बेहद खास है और वे उसे हमेशा अपने पास रखकर लाड़-प्यार करतीं हैं.

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