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कोरोना से जूझ रहे भारत के समर्थन में आगे आए दुनिया के कई देश

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Published : May 7, 2021, 3:42 PM IST

भारत इस वक्त काेराेना महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है. पिछले 24 घंटाें में काेराेना के 4.14 लाख नए मामले सामने आये हैं. इस स्थिति से निपटने में अमेरिका के अलावा दुनिया के कई देश भारत की मदद कर रहे हैं, देखे विस्तृत रिपाेर्ट.

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नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के कारण भारत में अब तक लाखों लोगों की जान चली गई है, ऐसे में दुनिया भर के देश कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद कर रहे हैं.

दुनिया के मजबूत देशाें जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के अलावा इटली, फ्रांस जर्मनी, आयरलैंड और मध्य पूर्वी देशों जैसे बहरीन, कुवैत भारत के साथ खड़े हैं.

जानकारी के मुताबिक, महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ इस लड़ाई में भारत की सहायता के लिए दुनिया के 40 से अधिक देश आगे आए हैं. अमेरिका ने कच्चे माल के निर्यात से प्रतिबंध हटाकर भारत काे छह शिपमेंट्स भेजे हैं ताकि भारत कोविशिल्ड टीके आसानी से तैयार कर सके.

इससे पहले भी भारत सरकार के इशारे पर USAID ने भारत काे आवश्यक मेडिकल उपकरणाें की आपूर्ति की है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि भारत सरकार ने महामारी से निपटने के लिए कई चीजाें की जरूरत बताई है, इसकी आपूर्ति के लिए कई फ्लाइट्स रवाना की गई हैं.

जानकारी के मुताबिक, 5 मई को 2.8 लाख से अधिक रैपिड टेस्टिंग किट और अन्य चिकित्सा आपूर्ति भारत पहुंची. इसके अलावा अमेरिका से रेमेडिसिविर की 81000 से अधिक शीशियों की एक खेप मुंबई पहुंच गई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा, '2.8 लाख से अधिक रैपिड टेस्टिंग किट और अन्य मेडिकल उपकरणाें के भरा अमेरिकी विमान भारत पहुंचा. अमेरिका के सहयाेग की दिल से सराहना करते हैं. हम अपनी ऑक्सीजन क्षमताओं को और बढ़ावा देगा.'

इसमें यूनाइटेड किंगडम भी पीछे नहीं. संकट की इस घड़ी में भारत के भरोसेमंद साथी के रूप में सामने आया है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स से लेकर वेंटिलेटर तक कहने का मतलब है इस महामारी की दूसरी लहर में भारत की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, 27 अप्रैल को ब्रिटेन ने 100 वेंटिलेटर, 95 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 29 अप्रैल काे 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 30 अप्रैल काे 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 3 मई काे 60 वेंटिलेटर, 5 लाख एंटी-वायरल फेस कवरिंग, 723 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 4 मई काे 900 एल 46 एल क्षमता और 20 लिक्वड ऑक्सीजन वेसल्स भेजी हैं.

इसके अलावा प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने यह भी घोषणा की कि यूके सरकार की तरफ से तीन ऑक्सीजन संयंत्र और 1000 यूसीएल वेंटिलेटर आने वाले कुछ दिनों में भारत को प्रदान किए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें : कोरोना ने देश में फिर तोड़े सारे रिकॉर्ड, 24 घंटे में 4.14 लाख केस

वहीं रूस जैसे प्रमुख शक्तियों ने भी भारत के प्रति सहयाेग का हाथ बढ़ाया है. 29 अप्रैल को रूस से भारत में अब तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा वेंटिलेशन उपकरण, मॉनिटर दवाओं के अलावा अन्य आवश्यक दवा व उपकरण की कुल 20 टन की खेप आ चुकी है.

5 मई को 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर सहित 22 टन की कुल दवाइयां भारत पहुंच चुकी हैं.

इसे भी पढ़ें : देश में कोरोना की सुनामी के लिए विधानसभा चुनाव और धार्मिक त्योहार जिम्मेदार'

इसके अलावा बांग्लादेश, जर्मनी, फ्रांस, बहरीन, बर्लिन समेत दुनिया के अन्य देशाें ने भी भारत के प्रति मदद का सहयाेग का हाथ बढ़ाया है.

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण के कारण भारत में अब तक लाखों लोगों की जान चली गई है, ऐसे में दुनिया भर के देश कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद कर रहे हैं.

दुनिया के मजबूत देशाें जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के अलावा इटली, फ्रांस जर्मनी, आयरलैंड और मध्य पूर्वी देशों जैसे बहरीन, कुवैत भारत के साथ खड़े हैं.

जानकारी के मुताबिक, महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ इस लड़ाई में भारत की सहायता के लिए दुनिया के 40 से अधिक देश आगे आए हैं. अमेरिका ने कच्चे माल के निर्यात से प्रतिबंध हटाकर भारत काे छह शिपमेंट्स भेजे हैं ताकि भारत कोविशिल्ड टीके आसानी से तैयार कर सके.

इससे पहले भी भारत सरकार के इशारे पर USAID ने भारत काे आवश्यक मेडिकल उपकरणाें की आपूर्ति की है. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि भारत सरकार ने महामारी से निपटने के लिए कई चीजाें की जरूरत बताई है, इसकी आपूर्ति के लिए कई फ्लाइट्स रवाना की गई हैं.

जानकारी के मुताबिक, 5 मई को 2.8 लाख से अधिक रैपिड टेस्टिंग किट और अन्य चिकित्सा आपूर्ति भारत पहुंची. इसके अलावा अमेरिका से रेमेडिसिविर की 81000 से अधिक शीशियों की एक खेप मुंबई पहुंच गई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा, '2.8 लाख से अधिक रैपिड टेस्टिंग किट और अन्य मेडिकल उपकरणाें के भरा अमेरिकी विमान भारत पहुंचा. अमेरिका के सहयाेग की दिल से सराहना करते हैं. हम अपनी ऑक्सीजन क्षमताओं को और बढ़ावा देगा.'

इसमें यूनाइटेड किंगडम भी पीछे नहीं. संकट की इस घड़ी में भारत के भरोसेमंद साथी के रूप में सामने आया है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स से लेकर वेंटिलेटर तक कहने का मतलब है इस महामारी की दूसरी लहर में भारत की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, 27 अप्रैल को ब्रिटेन ने 100 वेंटिलेटर, 95 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 29 अप्रैल काे 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 30 अप्रैल काे 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 3 मई काे 60 वेंटिलेटर, 5 लाख एंटी-वायरल फेस कवरिंग, 723 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 4 मई काे 900 एल 46 एल क्षमता और 20 लिक्वड ऑक्सीजन वेसल्स भेजी हैं.

इसके अलावा प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने यह भी घोषणा की कि यूके सरकार की तरफ से तीन ऑक्सीजन संयंत्र और 1000 यूसीएल वेंटिलेटर आने वाले कुछ दिनों में भारत को प्रदान किए जाएंगे.

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वहीं रूस जैसे प्रमुख शक्तियों ने भी भारत के प्रति सहयाेग का हाथ बढ़ाया है. 29 अप्रैल को रूस से भारत में अब तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के अलावा वेंटिलेशन उपकरण, मॉनिटर दवाओं के अलावा अन्य आवश्यक दवा व उपकरण की कुल 20 टन की खेप आ चुकी है.

5 मई को 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मॉनिटर सहित 22 टन की कुल दवाइयां भारत पहुंच चुकी हैं.

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इसके अलावा बांग्लादेश, जर्मनी, फ्रांस, बहरीन, बर्लिन समेत दुनिया के अन्य देशाें ने भी भारत के प्रति मदद का सहयाेग का हाथ बढ़ाया है.

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