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ब्रिटेन : लॉकडाउन हटाने के लिए प्रधानमंत्री जॉनसन ने तैयार की योजना - coronavirus in britian

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आने वाले महीनों में ब्रिटेन को फिर से खोलने के लिए एक 'सशर्त योजना' की रूपरेखा तैयार की है. ब्रिटेन में जून की शुरुआत में कुछ स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही लॉकडाउन में भी कुछ ढील दी जा सकती है. पढ़ें यह खास रिपोर्ट...

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Published : May 13, 2020, 8:39 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आने वाले महीनों में ब्रिटेन को फिर से खोलने के लिए एक 'सशर्त योजना' की रूपरेखा तैयार की है. ब्रिटेन में जून की शुरुआत में कुछ स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही लॉकडाउन में भी कुछ ढील दी जा सकती है.

राष्ट्र को दिए गए एक संबोधन में जॉनसन ने कहा कि लॉकडाउन को हटाने का यह सही समय नहीं है. हालांकि इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे, जो लोग घर से काम नहीं कर सकते हैं, उन्हें वापस नौकरी पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

सरकार ने लोगों से कुछ सिफारिशें की हैं. हर जगहों पर सामजिक दूरी बना के रखना संभव नहीं है, इसलिए सरकार ने लोगों को फेस मास्क का उपयोग करने के लिए कहा है. सरकार ने लॉकडाउन को समाप्त करने के लिए तीन चरणों के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है. इसकी शुरुआत बुधवार से की गई बाहरी गतिविधियों के साथ की जाएगी.

इंग्लैंड में पार्क या समुद्र तट पर ड्राइविंग की अनुमति दी जा सकती है. गोल्फ कोर्स और टेनिस कोर्ट फिर से खुल सकते हैं. यदि संक्रमण में कोई नया स्पाइक नहीं हुआ तो जून में कुछ स्कूल, गैर-जरूरी चीजों की दुकानों को भी खोला जा सकता है.

वहीं जुलाई में होने वाले लॉकडाउन के तीसरे चरण में रेस्तरां, कैफे, पब, हेयरड्रेसर और अन्य व्यवसायों को खोला जा सकता है. पीएम जॉनसन ने कहा कि स्थिति बिड़गने पर हमें सारी गतिविधियों पर ब्रेक लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि हवाई सफर कर आ रहे लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. फिलहाल जॉनसन ने इंग्लैंड में 23 मार्च से चल रहे लॉकडाउन को फिर से बढ़ा दिया है. बता दें, अब तक ब्रिटेन में कोविड-19 से 32,065 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मौत के मामलों में ब्रिटेन अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है.

पीएम जॉनसन ने कहा कि महामारी की रफ्तार धीमी हो रही है. अभी लॉकडाउन में छूट देना पागलपन होगा. हालांकि, उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ बदलाव किया है. उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने और सार्वजनिक परिवहन से बचने के लिए कहा है.

इधर, कर्मचारियों, व्यापार मालिकों और ट्रेड यूनियनों ने इस बदलाव को लेकर कुछ चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि लंदन जैसे बड़े शहर में ज्यादातर लोग कार नहीं रखते हैं.

कुछ लोगों ने आशंका व्यक्त की कि कम वेतन वाले लोग, जो घर से काम नहीं कर सकते हैं, उन्हें जोखिम में डाला जाएगा. ऐसे लोगों में सुरक्षा गार्ड, निर्माण श्रमिक, पारगमन कार्यकर्ता और दुकान सहायक शामिल हैं.

45 वर्षीय निर्माण कर्मचारी पीटर ओसू लॉकडाउन के बाद पहली बार एक निर्माण स्थल पर काम करने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा, 'वह बहुते घबराए हुए हैं. लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं. यह अभी पहला दिन था. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सप्ताह के अंत तक यह कैसा दिखने वाला है?'

बता दें स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड की सरकारों ने पीएम जॉनसन के भाषण से पहले ही लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया था. हालांकि, इन देशों की सरकार ने लॉकडाउन में कोई बड़ी छूट नहीं दी है.

इन देशों से अगल पीएम जॉ़नसन ने अपने देशवासियों को लॉकडाउन में नया नारा दिया है. सरकार ने 'स्टे एट होम' के बदले अब 'स्टे अलर्ट' का नारा दिया है. हालांकि, सरकार ने कहा कि वह 'स्टे एट होम' के संदेश को बरकरार रखेंगे.

स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के सेमी-स्वायत्त अधिकारियों ने कहा कि वह जॉनसन द्वारा घोषित उपायों को नहीं अपनाएंगे. स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता-पूर्व प्रथम राष्ट्रपति निकोला स्टर्जन (Nicola Sturgeon) ने कहा कि फिलहाल लॉकडाउन में छूट देना भारी जोखिम हो सकता है. लॉकडाउन को अभी जारी रखने की जरूरत है.

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आने वाले महीनों में ब्रिटेन को फिर से खोलने के लिए एक 'सशर्त योजना' की रूपरेखा तैयार की है. ब्रिटेन में जून की शुरुआत में कुछ स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही लॉकडाउन में भी कुछ ढील दी जा सकती है.

राष्ट्र को दिए गए एक संबोधन में जॉनसन ने कहा कि लॉकडाउन को हटाने का यह सही समय नहीं है. हालांकि इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे, जो लोग घर से काम नहीं कर सकते हैं, उन्हें वापस नौकरी पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

सरकार ने लोगों से कुछ सिफारिशें की हैं. हर जगहों पर सामजिक दूरी बना के रखना संभव नहीं है, इसलिए सरकार ने लोगों को फेस मास्क का उपयोग करने के लिए कहा है. सरकार ने लॉकडाउन को समाप्त करने के लिए तीन चरणों के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है. इसकी शुरुआत बुधवार से की गई बाहरी गतिविधियों के साथ की जाएगी.

इंग्लैंड में पार्क या समुद्र तट पर ड्राइविंग की अनुमति दी जा सकती है. गोल्फ कोर्स और टेनिस कोर्ट फिर से खुल सकते हैं. यदि संक्रमण में कोई नया स्पाइक नहीं हुआ तो जून में कुछ स्कूल, गैर-जरूरी चीजों की दुकानों को भी खोला जा सकता है.

वहीं जुलाई में होने वाले लॉकडाउन के तीसरे चरण में रेस्तरां, कैफे, पब, हेयरड्रेसर और अन्य व्यवसायों को खोला जा सकता है. पीएम जॉनसन ने कहा कि स्थिति बिड़गने पर हमें सारी गतिविधियों पर ब्रेक लगाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि हवाई सफर कर आ रहे लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. फिलहाल जॉनसन ने इंग्लैंड में 23 मार्च से चल रहे लॉकडाउन को फिर से बढ़ा दिया है. बता दें, अब तक ब्रिटेन में कोविड-19 से 32,065 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मौत के मामलों में ब्रिटेन अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है.

पीएम जॉनसन ने कहा कि महामारी की रफ्तार धीमी हो रही है. अभी लॉकडाउन में छूट देना पागलपन होगा. हालांकि, उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ बदलाव किया है. उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने और सार्वजनिक परिवहन से बचने के लिए कहा है.

इधर, कर्मचारियों, व्यापार मालिकों और ट्रेड यूनियनों ने इस बदलाव को लेकर कुछ चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि लंदन जैसे बड़े शहर में ज्यादातर लोग कार नहीं रखते हैं.

कुछ लोगों ने आशंका व्यक्त की कि कम वेतन वाले लोग, जो घर से काम नहीं कर सकते हैं, उन्हें जोखिम में डाला जाएगा. ऐसे लोगों में सुरक्षा गार्ड, निर्माण श्रमिक, पारगमन कार्यकर्ता और दुकान सहायक शामिल हैं.

45 वर्षीय निर्माण कर्मचारी पीटर ओसू लॉकडाउन के बाद पहली बार एक निर्माण स्थल पर काम करने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा, 'वह बहुते घबराए हुए हैं. लोग सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं. यह अभी पहला दिन था. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सप्ताह के अंत तक यह कैसा दिखने वाला है?'

बता दें स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड की सरकारों ने पीएम जॉनसन के भाषण से पहले ही लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया था. हालांकि, इन देशों की सरकार ने लॉकडाउन में कोई बड़ी छूट नहीं दी है.

इन देशों से अगल पीएम जॉ़नसन ने अपने देशवासियों को लॉकडाउन में नया नारा दिया है. सरकार ने 'स्टे एट होम' के बदले अब 'स्टे अलर्ट' का नारा दिया है. हालांकि, सरकार ने कहा कि वह 'स्टे एट होम' के संदेश को बरकरार रखेंगे.

स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के सेमी-स्वायत्त अधिकारियों ने कहा कि वह जॉनसन द्वारा घोषित उपायों को नहीं अपनाएंगे. स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता-पूर्व प्रथम राष्ट्रपति निकोला स्टर्जन (Nicola Sturgeon) ने कहा कि फिलहाल लॉकडाउन में छूट देना भारी जोखिम हो सकता है. लॉकडाउन को अभी जारी रखने की जरूरत है.

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