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बुकर पुरस्कार की दौड़ में भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी - अवनि दोशी बुकर पुरस्कार

भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी को साल 2020 के बुकर पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों की छह लोगों की सूची में जगह मिली है. उन्हें यह अपने पहले उपन्यास के लिए यह पुरस्कार मिल सकता है.

Writer Avani Doshi
लेखिका अवनि दोशी
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Published : Sep 16, 2020, 6:48 AM IST

लंदन : दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी का नाम 2020 के बुकर पुरस्कार की दौड़ में शामिल अंतिम छह लोगों की सूची में शामिल है. उनको अपने पहले उपन्यास 'बर्न्ट शुगर' के लिए यह पुरस्कार मिल सकता है.

ब्रिटेन या ऑयरलैंड में अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 के बीच प्रकाशित 13 उपन्यासों की सूची के फिर से मूल्यांकन के बाद ज्यूरी ने मंगलवार को लंदन में डिजिटल तरीके से अंतिम छह नामों का चयन किया.

नवंबर में दिए जाने वाले इस साहित्यिक पुरस्कार के तौर पर विजेता को 50 हजार ग्रेट ब्रिटेन पाउंड की रकम भी मिलेगी.

दोशी की किताब पर ज्यूरी ने कहा, 'पूरी तरह से पढ़ने के लिए मजबूर करने वाली यह किताब जटिल और असामान्य मां-बेटी के रिश्तों पर ईमानदारी, बेदाग यथार्थवाद के साथ रोशनी डालती है- कई बार भावनात्मक रूप से निचोड़ने वाली, लेकिन भावनाओं को अभिव्यक्त करने वाली भी, मार्मिकता के साथ लिखी गई याद रखने योग्य.'

अमेरिका में जन्मी दोशी फिलहाल दुबई में रहती हैं और पूर्व में उन्होंने अपने पहले उपन्यास के लंबे सफर के बारे में बात की थी. भारत में इस किताब का पिछले साल 'गर्ल इन व्हाइट कॉटन' के नाम से विमोचन हुआ था और जुलाई में यह ब्रिटेन में जारी की गई थी.

पढ़ें - बुकर पुरस्कार की दौड़ में भारतवंशी लेखिका अवनि दोशी

बुकर पुरस्कार की दौड़ में दोशी के अलावा 'द न्यू वाइल्डरनेस' के लिए डायने कुक, जिम्बाब्वे की लेखिका टी डंगरेम्बगा, डगलस स्टुअर्ट, ब्रैंडन टायलर और माजा मेंगिस्ते भी शामिल हैं.

लंदन : दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की लेखिका अवनि दोशी का नाम 2020 के बुकर पुरस्कार की दौड़ में शामिल अंतिम छह लोगों की सूची में शामिल है. उनको अपने पहले उपन्यास 'बर्न्ट शुगर' के लिए यह पुरस्कार मिल सकता है.

ब्रिटेन या ऑयरलैंड में अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 के बीच प्रकाशित 13 उपन्यासों की सूची के फिर से मूल्यांकन के बाद ज्यूरी ने मंगलवार को लंदन में डिजिटल तरीके से अंतिम छह नामों का चयन किया.

नवंबर में दिए जाने वाले इस साहित्यिक पुरस्कार के तौर पर विजेता को 50 हजार ग्रेट ब्रिटेन पाउंड की रकम भी मिलेगी.

दोशी की किताब पर ज्यूरी ने कहा, 'पूरी तरह से पढ़ने के लिए मजबूर करने वाली यह किताब जटिल और असामान्य मां-बेटी के रिश्तों पर ईमानदारी, बेदाग यथार्थवाद के साथ रोशनी डालती है- कई बार भावनात्मक रूप से निचोड़ने वाली, लेकिन भावनाओं को अभिव्यक्त करने वाली भी, मार्मिकता के साथ लिखी गई याद रखने योग्य.'

अमेरिका में जन्मी दोशी फिलहाल दुबई में रहती हैं और पूर्व में उन्होंने अपने पहले उपन्यास के लंबे सफर के बारे में बात की थी. भारत में इस किताब का पिछले साल 'गर्ल इन व्हाइट कॉटन' के नाम से विमोचन हुआ था और जुलाई में यह ब्रिटेन में जारी की गई थी.

पढ़ें - बुकर पुरस्कार की दौड़ में भारतवंशी लेखिका अवनि दोशी

बुकर पुरस्कार की दौड़ में दोशी के अलावा 'द न्यू वाइल्डरनेस' के लिए डायने कुक, जिम्बाब्वे की लेखिका टी डंगरेम्बगा, डगलस स्टुअर्ट, ब्रैंडन टायलर और माजा मेंगिस्ते भी शामिल हैं.

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