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रक्षा निर्यात में भारत को बड़ी सफलता, अर्मेनिया के साथ किया सौदा

भारत को रक्षा निर्यात के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है. भारत ने यूरोपीय देश अर्मेनिया के साथ 40 मिलियन डॉलर का सौदा किया है. इस सौदे के तहत भारत अर्मेनिया को चार स्वदेश निर्मित रेडार बेचेगा. बता दें कि यह रडार डीआरडीओ द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है. पढ़ें पूरी खबर...

india signs defense deal with Armenia
हाथियार का पता लगाने वाला रडार
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Published : Mar 2, 2020, 2:24 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 4:01 AM IST

नई दिल्ली : भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करते हुए रूस और पोलैंड की कंपनी को पीछे छोड़ दिया. भारत ने अर्मेनिया के साथ 40 मिलियन डॉलर का सौदा किया है. इस सौदे के तहत भारत यूरोपीय देश अर्मेनिया को चार स्वदेश निर्मित रेडार बेचेगा.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस सौदे के तहत भारत अर्मेनिया को चार हाथियार का पता लगाने वाले रडार, स्वाती देगा. यह रडार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है.

सूत्रों ने कहा कि आर्मेनिया को उपकरणों की आपूर्ति शुरू कर दी गई है. इस सौदे को रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

सूत्रों ने कहा कि अर्मेनिया ने रूस और पोलैंड द्वारा प्रस्तावित प्रणालियों का परीक्षण किया था, जो अच्छी भी थी, लेकिन उन्होंने विश्वसनीय भारतीय प्रणाली को चुना.

पढ़ें-ट्रंप की भारत यात्रा : 2.6 बिलियन डॉलर के रक्षा सौदे की संभावना

यह रडार 50 किलोमीटर की सीमा में दुश्मन के हथियारों जैसे मोर्टार, गोले और रॉकेट के बारे में तेज, स्वचालित और सटीक स्थिति की जानकारी प्रदान करता है. यह रडार एक साथ कई अलग-अलग हथियारों से दागे गए गोलों के बारे में पता लगा सकता है.

भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास इसी राडार का उपयोग कर रही है.

नई दिल्ली : भारत ने रक्षा निर्यात के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करते हुए रूस और पोलैंड की कंपनी को पीछे छोड़ दिया. भारत ने अर्मेनिया के साथ 40 मिलियन डॉलर का सौदा किया है. इस सौदे के तहत भारत यूरोपीय देश अर्मेनिया को चार स्वदेश निर्मित रेडार बेचेगा.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस सौदे के तहत भारत अर्मेनिया को चार हाथियार का पता लगाने वाले रडार, स्वाती देगा. यह रडार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है.

सूत्रों ने कहा कि आर्मेनिया को उपकरणों की आपूर्ति शुरू कर दी गई है. इस सौदे को रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

सूत्रों ने कहा कि अर्मेनिया ने रूस और पोलैंड द्वारा प्रस्तावित प्रणालियों का परीक्षण किया था, जो अच्छी भी थी, लेकिन उन्होंने विश्वसनीय भारतीय प्रणाली को चुना.

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यह रडार 50 किलोमीटर की सीमा में दुश्मन के हथियारों जैसे मोर्टार, गोले और रॉकेट के बारे में तेज, स्वचालित और सटीक स्थिति की जानकारी प्रदान करता है. यह रडार एक साथ कई अलग-अलग हथियारों से दागे गए गोलों के बारे में पता लगा सकता है.

भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास इसी राडार का उपयोग कर रही है.

Last Updated : Mar 3, 2020, 4:01 AM IST
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