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लार आधारित जांच के लिए फ्रांसीसी कंपनियों ने शुरू किया ईजी कॉव का उत्पादन

फ्रांसीसी कंसोर्टियम ने कोविड -19 के पता लगाने के लिए लार आधारित स्क्रीनिंग टेस्ट ईजी कॉव के उत्पादन की घोषणा की है. कंपनियों का लक्षय इसको मध्य जून तक फ्रांसीसी बाजारों में उतारना है.

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Published : May 29, 2020, 1:23 PM IST

पेरिस : एक फ्रांसीसी कंसोर्टियम (सहायता संघ) ने कोविड -19 के पता लगाने के लिए लार आधारित स्क्रीनिंग टेस्ट ईजी कॉव के उत्पादन की घोषणा की है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लार-आधारित परीक्षण का उपयोग कॉलोरीमेट्रिक रीडिंग के माध्यम से एक घंटे से कम समय में किया जा सकता है.

परीक्षण के तहत स्वास्थ्यगत पेशे से जुड़े लोग एक मरीज की जीभ के नीचे से एक मिलीलीटर से कम लार लेकर नमूने को दो ट्यूबों में बांट कर उसे 65 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करते हैं. इसके बाद कॉलोरीमेट्रिक रीडिंग कोरोना वायरस की उपस्थिति के लिए मरीज की स्क्रीन करता है.

CNRS के शोधकर्ता और Sys2 डाइगनोस्टिक प्रयोगशाला के निदेशक फ्रेंक मोलिना ने बताया, 'ईजी कॉव एक अन्वेषण है, जिसे रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था. मुझे विश्वास है कि यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक अहम हथियार होगा.'

फ्रेंच कंपनियों- SKILLCELL, CNRS SYS2DIAG प्रयोगशाला और VOGO के समूह ने कहा कि परीक्षण में तेजी लाने के लिए पहले से ही एक कुशल और विश्वसनीय विकास, निर्माण और वितरण शृंखला मौजूद थी. कंपनियों का लक्षय इसको मध्य जून तक फ्रांसीसी बाजारों में उतारना है.

पढ़ें - वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने घोषित किए 25 असाधारण शोधकर्ताओं के नाम

SKILLCELL की सीईओ एलेक्जांड्रा प्रियु का कहना है कि ईजी कॉव में फ्रांस और यूरोप में लॉकडाउन के उपायों का एक अभिन्न हिस्सा बनने के लिए सभी आवश्यक विशेषताएं मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के साथ-साथ कंपनियां इसके डिजिटल समाधान विकसित करने पर भी काम कर रही हैं, जो उपयोगकर्ता की सहमति पर, परिणाम विश्लेषण को स्वचालित कर सकता है.

पेरिस : एक फ्रांसीसी कंसोर्टियम (सहायता संघ) ने कोविड -19 के पता लगाने के लिए लार आधारित स्क्रीनिंग टेस्ट ईजी कॉव के उत्पादन की घोषणा की है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लार-आधारित परीक्षण का उपयोग कॉलोरीमेट्रिक रीडिंग के माध्यम से एक घंटे से कम समय में किया जा सकता है.

परीक्षण के तहत स्वास्थ्यगत पेशे से जुड़े लोग एक मरीज की जीभ के नीचे से एक मिलीलीटर से कम लार लेकर नमूने को दो ट्यूबों में बांट कर उसे 65 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करते हैं. इसके बाद कॉलोरीमेट्रिक रीडिंग कोरोना वायरस की उपस्थिति के लिए मरीज की स्क्रीन करता है.

CNRS के शोधकर्ता और Sys2 डाइगनोस्टिक प्रयोगशाला के निदेशक फ्रेंक मोलिना ने बताया, 'ईजी कॉव एक अन्वेषण है, जिसे रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था. मुझे विश्वास है कि यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक अहम हथियार होगा.'

फ्रेंच कंपनियों- SKILLCELL, CNRS SYS2DIAG प्रयोगशाला और VOGO के समूह ने कहा कि परीक्षण में तेजी लाने के लिए पहले से ही एक कुशल और विश्वसनीय विकास, निर्माण और वितरण शृंखला मौजूद थी. कंपनियों का लक्षय इसको मध्य जून तक फ्रांसीसी बाजारों में उतारना है.

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SKILLCELL की सीईओ एलेक्जांड्रा प्रियु का कहना है कि ईजी कॉव में फ्रांस और यूरोप में लॉकडाउन के उपायों का एक अभिन्न हिस्सा बनने के लिए सभी आवश्यक विशेषताएं मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के साथ-साथ कंपनियां इसके डिजिटल समाधान विकसित करने पर भी काम कर रही हैं, जो उपयोगकर्ता की सहमति पर, परिणाम विश्लेषण को स्वचालित कर सकता है.

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