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सजा से पहले बोले नवेलनी, गिरफ्तारी के पीछे पुतिन का 'डर और घृणा' - Navalny before moscow court

रूस के विपक्षी नेता नवेलनी ने अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार लाखों लोगों को डराने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

नवेलनी ने अदालत में पुतिन सरकार की आलोचना की
नवेलनी ने अदालत में पुतिन सरकार की आलोचना की
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Published : Feb 3, 2021, 7:16 AM IST

मॉस्को : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवेलनी (44) को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. ताजा घटनाक्रम में नवेलनी ने मॉस्को की अदालत में अपनी गिरफ्तारी के पीछे पुतिन के 'डर और घृणा' को वजह बताया है. उन्होंने कहा कि रूस के नेता को इतिहास जहर देने के वाले के तौर पर जानेगा. उन्होंने अदालत में कहा, 'लक्ष्य लोगों को डराने का है. वे एक आदमी को जेल में डालकर लाखों लोगों को डराना चाहते हैं.'

नवेलनी ने कहा कि मानवाधिकारों के लिए यूरोप की अदालत ने व्यवस्था दी थी कि 2014 में उनकी दोषसिद्धि गैर कानूनी थी और रूस उन्हें मुआवजे का भुगतान करे.

नवेलनी और उनके वकीलों ने कहा कि चूंकि वह जर्मनी में उपचार करा रहे थे इसलिए निजी तौर पर रूसी अधिकारियों के सामने रिपोर्ट नहीं कर पाए. नवेलनी ने मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा, 'उपचार पूरा होने के बाद मैं वापस मॉस्को आ गया. मैं और क्या कर सकता था?'

वहीं, अभियोजन ने अदालत से नवेलनी को नियमों के उल्लंघन के लिए जेल की सजा देने का अनुरोध किया. रूस के अभियोजन ने आरोप लगाया है कि नवेलनी ने 2014 में धन शोधन में दोषसिद्धि के तहत साढे तीन साल की अपनी निलंबित सजा की शर्तों का उल्लंघन किया. हालांकि नवेलनी ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया. अभियोजन ने सिमोनोवस्की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से उन्हें सजा देने का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवेलनी (44) को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. नर्व एजेंट (जहर) के हमले के बाद वह जर्मनी में पांच महीने से उपचार करा रहे थे और उन्होंने जहर दिए जाने के लिए रूस की सरकार पर दोष मढ़ा था. हालांकि रूस की सरकार ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि जहर दिए जाने के सबूत नहीं मिले.

नवेलनी को जेल भेजे जाने के बाद पिछले दो सप्ताहांत पर समूचे रूस में व्यापक प्रदर्शन हुआ और पुतिन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों ने नवेलनी को रिहा किए जाने की मांग की. पुलिस ने रविवार को मॉस्को में 1900 से ज्यादा लोगों सहित कुल 5750 लोगों को हिरासत में लिया. ज्यादातर लोगों को अदालती समन सौंपे जाने के बाद रिहा कर दिया गया.

मॉस्को : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवेलनी (44) को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. ताजा घटनाक्रम में नवेलनी ने मॉस्को की अदालत में अपनी गिरफ्तारी के पीछे पुतिन के 'डर और घृणा' को वजह बताया है. उन्होंने कहा कि रूस के नेता को इतिहास जहर देने के वाले के तौर पर जानेगा. उन्होंने अदालत में कहा, 'लक्ष्य लोगों को डराने का है. वे एक आदमी को जेल में डालकर लाखों लोगों को डराना चाहते हैं.'

नवेलनी ने कहा कि मानवाधिकारों के लिए यूरोप की अदालत ने व्यवस्था दी थी कि 2014 में उनकी दोषसिद्धि गैर कानूनी थी और रूस उन्हें मुआवजे का भुगतान करे.

नवेलनी और उनके वकीलों ने कहा कि चूंकि वह जर्मनी में उपचार करा रहे थे इसलिए निजी तौर पर रूसी अधिकारियों के सामने रिपोर्ट नहीं कर पाए. नवेलनी ने मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा, 'उपचार पूरा होने के बाद मैं वापस मॉस्को आ गया. मैं और क्या कर सकता था?'

वहीं, अभियोजन ने अदालत से नवेलनी को नियमों के उल्लंघन के लिए जेल की सजा देने का अनुरोध किया. रूस के अभियोजन ने आरोप लगाया है कि नवेलनी ने 2014 में धन शोधन में दोषसिद्धि के तहत साढे तीन साल की अपनी निलंबित सजा की शर्तों का उल्लंघन किया. हालांकि नवेलनी ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया. अभियोजन ने सिमोनोवस्की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से उन्हें सजा देने का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवेलनी (44) को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. नर्व एजेंट (जहर) के हमले के बाद वह जर्मनी में पांच महीने से उपचार करा रहे थे और उन्होंने जहर दिए जाने के लिए रूस की सरकार पर दोष मढ़ा था. हालांकि रूस की सरकार ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि जहर दिए जाने के सबूत नहीं मिले.

नवेलनी को जेल भेजे जाने के बाद पिछले दो सप्ताहांत पर समूचे रूस में व्यापक प्रदर्शन हुआ और पुतिन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों ने नवेलनी को रिहा किए जाने की मांग की. पुलिस ने रविवार को मॉस्को में 1900 से ज्यादा लोगों सहित कुल 5750 लोगों को हिरासत में लिया. ज्यादातर लोगों को अदालती समन सौंपे जाने के बाद रिहा कर दिया गया.

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