ब्रसेल्स : यूरोप में जून के अंत तक फिर से मुक्त आवाजाही हो सकेगी. यह बात यूरोपीय संघ के गृह मामलों की आयुक्त यल्वा जॉनसन ने संघ के गृह मंत्रियों की वार्ता के बाद कही.
इटली में फरवरी में कोरोना वायरस फैलने के कारण 26 देशों वाले शेनजेन इलाके में बीमारी के प्रसार को रोकने की खातिर देशों ने एक-दूसरे से विचार-विमर्श किए बगैर सीमाओं पर पाबंदियां लगा दीं. इन इलाकों में लोग और सामान की बिना किसी रोक-टोक के मुक्त आवाजाही होती है. पाबंदियां लगने से यातायात जाम लग गया और चिकित्सा उपकरणों की आवाजाही बाधित हो गई.
यूरोप में मुक्त आवाजाही एक अच्छी पहल है, जिससे वहां व्यवसाय फलने-फूलने में मदद मिलती है और यूरोप के कई अधिकारियों को आशंका है कि पाबंदियों से शेनजेन इलाके के भविष्य पर खतरा है. यूरोप में 2015 में दस लाख से अधिक प्रवासियों के पहुंचने से दबाव और अधिक बढ़ गया है.
जॉनसन ने वीडियो कांफ्रेंस से हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जून के अंत तक शेनजेन इलाके में पूरी तरह कामकाज शुरू हो जाएगा और नागरिकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी.'
उन्होंने कहा कि यूरोप का रोग निवारण और नियंत्रण केंद्र मानता है कि पाबंदियों और स्वास्थ्य संबंधी अन्य उपायों का प्रभाव अच्छा हुआ है. केंद्र का कहना है कि यूरोप में कोरोना वायरस के कारण एक लाख 68 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकतर मौतें ब्रिटेन, इटली, फ्रांस और स्पेन में हुई हैं.
जॉनसन ने कहा, 'शारीरिक दूरी और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य उपायों की अब भी जरूरत है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का स्पष्ट मानना है कि यूरोपीय संघ के शेनजेन इलाके में यात्रा पाबंदियों या सीमा उपायों के लिए स्पष्ट क्षेत्राधिकार नहीं है.'
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जॉनसन ने कहा कि यूरोप में आवश्यक यात्राओं को छोड़कर शेष सभी आवाजाही 15 जून तक पूरी तरह बंद है, लेकिन कई मंत्रियों ने सुझाव दिए कि इस समय सीमा को जुलाई के शुरुआत तक बढ़ाया जाए.