लंदन : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने बकिंघम पैलेस छोड़ दिया है और उन्हें विंडसर कैसल ले जाया गया है. स्थानीय न्यूज एजेंसी के मुताबिक, महारानी को क्वारंटाइन किया जा सकता है. महारानी को विंडसर कैसल ले जाने के पीछे योजना है कि यदि देश में कोरोना वायरस का प्रकोप हो गया तो उन्हें और प्रिंस फिलिप को सेंड्रिंघम में अलग रखा जा सके. यह जानकारी रविवार को सामने आई.
शाही परिवार के सूत्र ने बताया कि उन्हें विंडसर ले जाया गया है. उसने आगे कहा, 'उनकी सेहत अच्छी है, लेकिन सोचा गया कि उन्हें वहां से हटाना ही ठीक होगा. उनका स्टॉफ कोरोना वायरस को लेकर घबराया हुआ है.'
सूत्र ने आगे बताया, 'पैलेस दुनियाभर से आने वाले नेताओं की लगातार मेजबानी करता रहता है. महारानी ने हाल ही में कई लोगों से मुलाकात भी की थी. उनके 94वें जन्मदिन में कुछ ही हफ्ते रह गए हैं और सलाहकारों का मानना है कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए उन्हें यहां से स्थानांतरित करना ही बेहतर है.'
सूत्र ने कहा कि बकिंघम पैलेस एक खतरनाक जगह हो सकता है क्योंकि यह लंदन के बीच में स्थित है और इसमें बाकी जगहों की तुलना में ज्यादा स्टॉफ हैं.
स्थानीय समाचार के मुताबिक, अब तक यहां कोई विशेष डर नहीं है और न ही कोई कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है, लेकिन कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहता.
बकिंघम पैलेस में करीब 500 लोगों का स्टॉफ है, वहीं विंडसर में 100 और सेंड्रिंघम में दर्जनभर लोग हैं.
पैलेस की मई और जून में होने वाली गार्डन पार्टियां रद या स्थगित होने की कगार पर हैं, जिनमें 30 हजार मेहमान हिस्सा ले सकते थे.
रानी को भी छह जून को होने वाली एप्सम डर्बी को छोड़ना पड़ सकता है.
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'सन' ने पैलेस के प्रवक्ता के हवाले से कहा, 'भविष्य में होने वाले समारोहों के लिए मौजूदा हालात की समीक्षा की जाएगी और सलाह ली जाएगी.'
ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के 1,140 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 21 मौतें हो चुकी हैं.