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नहीं रहे डबल एजेंट जार्ज ब्लेक, पुतिन ने जताया शोक - रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन

सोवियत संघ और ब्रिटिश खुफिया अधिकारी जार्ज ब्लेक का निधन हो गया. वह 98 साल के थे. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है.

double agent george blake
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Published : Dec 26, 2020, 11:00 PM IST

मास्को : सोवियत संघ के लिए भी काम कर चुके पूर्व ब्रिटिश खुफिया अधिकारी जार्ज ब्लेक का रूस में निधन हो गया. वह 98 साल के थे.

रूस की विदेश खुफिया शाखा ने शनिवार को एक बयान जारी करके उनके निधन की घोषणा की. उसने उनकी मौत से जुड़ी स्थितियों का ब्योरा नहीं दिया. यह शाखा एसवीआर नाम से भी जानी जाती है.

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने ब्लेक को 'शानदार पेशेवर' और 'उल्लेखनीय साहस' का शख्स करार देते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया.

ब्लेक 1966 में एक ब्रिटिश जेल से दुस्साहसिक तरीके से भागने के बाद रूस में रहने लगे और उन्हें रूसी खुफिया कर्नल का रैंक प्रदान किया गया था.

नीदरलैंड्स में जन्मे ब्लेक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश खुफिया सेवा से जुड़े थे.

उन्हें 1950 में कोरिया में तैनात किया गया था जब युद्ध छिड़ा था. उस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया पर अमेरिका की भारी बमवर्षा देखने के बाद वह सोवियत संघ के लिए काम करना चाहते हैं.

एसवीआर द्वारा जारी बयान में ब्लेक ने कहा कि अमेरिकी सैन्य मिशनों द्वारा भारी नरसंहार देखने के बाद उन्होंने पाला बदलने का ठाना.

दोहरे एजेंट के रूप में ब्लेक ने सोवियत संघ को काफी अहम गोपनीय सूचनाएं दीं.

बाद में पाला बदलने वाले पोलैंड के एक जासूस ने 1961 में ब्लेक को रूस की जासूसी करने को लेकर बेनकाब किया. उन्हें ब्रिटेन में जासूसी करने केा लेकर दोषी ठहराया गया और 42 साल की कैद की सजा सुनाई गई.

वह अक्टूबर, 1966 में साहसिक रूप से जेल से भाग गये. वह दो महीने तक अपने सहायक के यहां रहे और एक कार से जुड़े लकड़ी के बक्से में वह यूरोप पार करके पूर्वी बर्लिन पहुंचे.

मास्को : सोवियत संघ के लिए भी काम कर चुके पूर्व ब्रिटिश खुफिया अधिकारी जार्ज ब्लेक का रूस में निधन हो गया. वह 98 साल के थे.

रूस की विदेश खुफिया शाखा ने शनिवार को एक बयान जारी करके उनके निधन की घोषणा की. उसने उनकी मौत से जुड़ी स्थितियों का ब्योरा नहीं दिया. यह शाखा एसवीआर नाम से भी जानी जाती है.

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने ब्लेक को 'शानदार पेशेवर' और 'उल्लेखनीय साहस' का शख्स करार देते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट किया.

ब्लेक 1966 में एक ब्रिटिश जेल से दुस्साहसिक तरीके से भागने के बाद रूस में रहने लगे और उन्हें रूसी खुफिया कर्नल का रैंक प्रदान किया गया था.

नीदरलैंड्स में जन्मे ब्लेक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश खुफिया सेवा से जुड़े थे.

उन्हें 1950 में कोरिया में तैनात किया गया था जब युद्ध छिड़ा था. उस दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया पर अमेरिका की भारी बमवर्षा देखने के बाद वह सोवियत संघ के लिए काम करना चाहते हैं.

एसवीआर द्वारा जारी बयान में ब्लेक ने कहा कि अमेरिकी सैन्य मिशनों द्वारा भारी नरसंहार देखने के बाद उन्होंने पाला बदलने का ठाना.

दोहरे एजेंट के रूप में ब्लेक ने सोवियत संघ को काफी अहम गोपनीय सूचनाएं दीं.

बाद में पाला बदलने वाले पोलैंड के एक जासूस ने 1961 में ब्लेक को रूस की जासूसी करने को लेकर बेनकाब किया. उन्हें ब्रिटेन में जासूसी करने केा लेकर दोषी ठहराया गया और 42 साल की कैद की सजा सुनाई गई.

वह अक्टूबर, 1966 में साहसिक रूप से जेल से भाग गये. वह दो महीने तक अपने सहायक के यहां रहे और एक कार से जुड़े लकड़ी के बक्से में वह यूरोप पार करके पूर्वी बर्लिन पहुंचे.

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