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रूस : साइबेरिया के जंगलों में भीषण आग, तापमान पहुंचा 38 डिग्री सेल्सियस - लेखक एंड्रयू सियावरेला

साइबेरिया में लगी आग ने तीन मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा जंगल को चपेट में ले लिया है. यह आग कितनी भीषण है कि आग को बुझाने के लिए 800 दमकलकर्मी तैनात किए गए हैं. बता दें, साइबेरिया दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में से एक है.

साइबेरिया के जंगलों में लगी आग
साइबेरिया के जंगलों में लगी आग
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Published : Jul 19, 2020, 10:42 PM IST

मास्को : दुनिया के सबसे ठंडे क्षेत्रों में से एक साइबेरिया के जंगलों में लगी आग फैलती जा रही है. आग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है. उस पर तेज हवाएं आग की लपटों को फैलने में मदद कर रही हैं. इस आग ने अब तक तीन मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा जंगल को चपेट में ले लिया है.

साइबेरिया के जंगलों में लगी आग

आग पर काबू पाने के लिए 800 दमकलकर्मी तैनात किए गए हैं. बता दें साइबेरिया दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में से एक है. जनवरी से जून तक साइबेरिया में तापमान बढ़कर 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो आर्कटिक के लिए रिकॉर्ड है.

एक अध्ययन के मुताबिक साइबेरिया में लगी यह आग ग्लोबल वार्मिंग के बिना लगभग असंभव है. अध्ययन के मुताबिक, ग्रीनहाउस प्रभाव ने इस क्षेत्र की लंबे समय तक गर्मी की संभावना को कम से कम 600 गुना बढ़ा दिया है.

पढ़ें - जीवाश्म ईंधन : हानिकारक प्रभावों के कारण दूर हो रहे देश

साइबेरिया के जंगलों में लगी आग के कारण जानने के लिए यूनाइटेड किंगडम, रूस, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कोयले, तेल और गैस के जलने से उत्पन्न वार्मिंग के बिना मौजूदा परिस्थितियों की तुलना में हजारों जटिल सिमुलेशन चलाने वाले 70 जलवायु मॉडल का उपयोग किया.

अध्ययन के प्रमुख लेखक और यूके मेट ऑफिस के वैज्ञानिक एंड्रयू सियावरेला ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बिना साइबेरिया में लंबे समय तक चलने वाली गर्मी का प्रसार 80,000 वर्षों में एक बार होगा, जो मानव प्रभाव के बिना असंभव है.

मास्को : दुनिया के सबसे ठंडे क्षेत्रों में से एक साइबेरिया के जंगलों में लगी आग फैलती जा रही है. आग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है. उस पर तेज हवाएं आग की लपटों को फैलने में मदद कर रही हैं. इस आग ने अब तक तीन मिलियन हेक्टेयर से ज्यादा जंगल को चपेट में ले लिया है.

साइबेरिया के जंगलों में लगी आग

आग पर काबू पाने के लिए 800 दमकलकर्मी तैनात किए गए हैं. बता दें साइबेरिया दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में से एक है. जनवरी से जून तक साइबेरिया में तापमान बढ़कर 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो आर्कटिक के लिए रिकॉर्ड है.

एक अध्ययन के मुताबिक साइबेरिया में लगी यह आग ग्लोबल वार्मिंग के बिना लगभग असंभव है. अध्ययन के मुताबिक, ग्रीनहाउस प्रभाव ने इस क्षेत्र की लंबे समय तक गर्मी की संभावना को कम से कम 600 गुना बढ़ा दिया है.

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साइबेरिया के जंगलों में लगी आग के कारण जानने के लिए यूनाइटेड किंगडम, रूस, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने कोयले, तेल और गैस के जलने से उत्पन्न वार्मिंग के बिना मौजूदा परिस्थितियों की तुलना में हजारों जटिल सिमुलेशन चलाने वाले 70 जलवायु मॉडल का उपयोग किया.

अध्ययन के प्रमुख लेखक और यूके मेट ऑफिस के वैज्ञानिक एंड्रयू सियावरेला ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बिना साइबेरिया में लंबे समय तक चलने वाली गर्मी का प्रसार 80,000 वर्षों में एक बार होगा, जो मानव प्रभाव के बिना असंभव है.

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