जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सोमवार को सत्र शुरू होने पर म्यांमार के प्रतिनिधित्व को लेकर बहस छिड़ गई. दरअसल, फरवरी में म्यांमार में सेना ने तख्तापलट कर दिया था.
पश्चिमी देशों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के साढ़े तीन हफ्तों के सत्र में म्यांमार में मानवाधिकार की स्थिति पर प्रस्तावित चर्चा आगे बढ़नी चाहिए. भले ही म्यांमार इसमें शामिल नहीं हो रहा हो, लेकिन चीन, फिलीपीन और वेनेजुएला ने उसे इसमें शामिल किये जाने पर जोर दिया.
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद और असैन्य सरकार के प्रतिनिधि के वैश्विक संस्था से स्वदेश लौट जाने के बाद, संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.
चीन के राजदूत चेन शु ने कहा कि यदि हम संबद्ध देश को बाहर कर देते हैं तो यह निष्पक्ष नहीं होगा. हालांकि, पश्चिमी देशों के राजदूतों ने जोर देते हुए कहा कि म्यांमार में मानवाधिकार की स्थिति पर फौरन विचार किये जाने की जरूरत है, खासतौर पर कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर.
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मानवाधिकारों के लिए ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय राजूदत रीता फ्रेंच ने कहा कि हमारे मुताबिक हम ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं जो पहले कभी पैदा नहीं हुई. राजदूतों के बीच यह सहमति बनी कि परिषद के कार्यक्रम को जारी रखा जाए, जिनमें म्यांमार पर दो चर्चाएं भी शामिल हैं. लेकिन परिषद की अध्यक्ष एवं फिजी की राजदूत नजहत शमीम खान ने कहा कि उनका कार्यालय चर्चा आगे बढ़ाने के विषय पर विचार करेगा और योजनाओं में अब भी बदलाव हो सकता है.
(एपी)