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जलवायु परिवर्तन : ग्रीनलैंड में ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा टूटा, वैज्ञानिक चिंतित - ग्रीनलैंड में बर्फ के पहाड़

ग्रीनलैंड में बर्फ के पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूट गया है, जो करीब 80 किलोमीटर लंबा और 20 किलोमीटर चौड़ा है. वैज्ञानिकों ने इसे तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन का साक्ष्य बताया है.

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ग्लेशियर का बड़ा हिस्सा टूटा
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Published : Sep 15, 2020, 7:23 AM IST

कोपेनहेगन : ग्रीनलैंड में स्थित बर्फ के पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा उत्तरी-पूर्वी आर्कटिक में टूट गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन का साक्ष्य है.

नेशनल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड ने सोमवार को बताया कि हिमनद का जो हिस्सा टूटा है वह 110 वर्ग किलोमीटर बड़ा है. यह एक बड़े पहाड़ से टूटा है, जो करीब 80 किलोमीटर लंबा और 20 किलोमीटर चौड़ा है.

हिमनद उत्तरी-पूर्वी ग्रीनलैंड आइस स्ट्रीम के अंत में है, जहां से वह जमीन से समुद्र में प्रवेश करेगा.

जीईयूएस नामक सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरी-पूर्वी ग्रीनलैंड में स्थित आर्कटिक के सबसे बड़े बर्फ के पहाड़ के पिघलने की वार्षिक दर पर ऑप्टिकल सेटेलाइट इमेजरी (उपग्रह से ली जाने वाली तस्वीरें) की मदद से नजर रखी जाती है.

यह भी पढ़ें- सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का कारण हो सकता है जलवायु परिवर्तन

साल 1999 से अब तक इस पहाड़ से 160 वर्ग किलोमीटर का हिमनद टूट चुका है जो न्यूयॉर्क में मैनहाटन के क्षेत्रफल से दोगुना है.

कोपेनहेगन : ग्रीनलैंड में स्थित बर्फ के पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा उत्तरी-पूर्वी आर्कटिक में टूट गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन का साक्ष्य है.

नेशनल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ डेनमार्क एंड ग्रीनलैंड ने सोमवार को बताया कि हिमनद का जो हिस्सा टूटा है वह 110 वर्ग किलोमीटर बड़ा है. यह एक बड़े पहाड़ से टूटा है, जो करीब 80 किलोमीटर लंबा और 20 किलोमीटर चौड़ा है.

हिमनद उत्तरी-पूर्वी ग्रीनलैंड आइस स्ट्रीम के अंत में है, जहां से वह जमीन से समुद्र में प्रवेश करेगा.

जीईयूएस नामक सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरी-पूर्वी ग्रीनलैंड में स्थित आर्कटिक के सबसे बड़े बर्फ के पहाड़ के पिघलने की वार्षिक दर पर ऑप्टिकल सेटेलाइट इमेजरी (उपग्रह से ली जाने वाली तस्वीरें) की मदद से नजर रखी जाती है.

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साल 1999 से अब तक इस पहाड़ से 160 वर्ग किलोमीटर का हिमनद टूट चुका है जो न्यूयॉर्क में मैनहाटन के क्षेत्रफल से दोगुना है.

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