लंदन: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप के निधन पर घोषित शोक की अवधि समाप्त हो गई है. अब बुधवार को महारानी के 95वें जन्मदिन और आने वाले महीनों में उनके शासनकाल के 70 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजन की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. पति प्रिंस फिलिप काे खाेने के बाद महारानी का यह पहला जन्मदिन होगा.
बता दें, ये आयोजन इंग्लैंड को यह याद दिला रहे हैं कि उनकी महारानी का शासनकाल भी सीमित है.
गौरतलब है कि इंग्लैंड की वर्तमान जनता में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवनकाल में सिर्फ एक महारानी/महाराज (एलिजाबेथ) का शासन देखा है. इसके साथ ही अटकलें और चर्चा जोरों पर है कि महारानी कितने दिनों तक राजगद्दी पर बनी रहेंगी, भविष्य में राजशाही कैसी होगी और यहां तक कि क्या राजशाही बनी रहनी चाहिए या नहीं.
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लंदन विश्वविद्यालय में रॉयल हौलोवे में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ मॉर्डर्न मोनार्की की निदेशक अन्ना व्हिटलॉक ने कहा कि महारानी अब अपने शासनकाल के अंत समय में प्रवेश कर रही हैं.
ज्यादातर पर्यवेक्षकों का कहना है कि महारानी जीवनकाल में जनसेवा का अपना वादा नहीं छोड़ेंगी, लेकिन उन्होंने अपने बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स (72) को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारियां सौंपनी शुरू कर दी हैं. प्रिंस फिलिप के निधन के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी आने की संभावना है.
महारानी ने लंबी दूरी का हवाई सफर बंद किया है. उसी दौरान प्रिंस चार्ल्स की जिम्मेदारियां बढ़ी हैं. प्रिंस चार्ल्स ने 2013 में श्रीलंका में आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के सरकार की बैठक में महारानी के स्थान पर भाग लिया था.