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ब्रिटेन में स्वतंत्र अधिकरण करेगा उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न की जांच

उइगर और तुर्की अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न के लिए चीन को कठघरे में खड़ा करने का ताजा प्रयास सामने आया है. 2017 से जारी इस कथित उत्पीड़न की जांच के लिए ब्रिटेन में एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है. यह गठन प्रख्यात ब्रिटिश मानवाधिकार अधिवक्ता द्वारा किया जाएगा.

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Published : Sep 4, 2020, 8:29 AM IST

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ब्रिटेन में स्वतंत्र अधिकरण करेगा उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न की जांच

लंदन : चीन की सरकार द्वारा उइगर मुस्लिमों के अधिकारों का कथित तौर पर हनन करने के आरोपों की जांच करने के लिए एक प्रख्यात ब्रिटिश मानवाधिकार अधिवक्ता लंदन में एक स्वतंत्र अधिकरण का गठन कर रहे हैं.

अधिकरण इसकी छानबीन करेगा कि क्या चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में मानवता के विरुद्ध अपराध या जनसंहार किया गया.

उम्मीद जताई जा रही है कि अधिकरण में इस मामले पर अगले साल होने वाली सुनवाई में नए तथ्य उजागर होंगे.

हालांकि अधिकरण को सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन उइगर और तुर्की अल्पसंख्यकों के 2017 से जारी कथित उत्पीड़न के लिए चीन को कठघरे में खड़ा करने का यह ताजा प्रयास है.

पढ़ें : पेंटागन का दावा : परमाणु हथियारों के भंडार को बढ़ाने की योजना बना रहा चीन

विश्व उइगर संघ ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में काम कर चुके बैरिस्टर जेफ्री नीस से उइगरों के उत्पीड़न और कथित जनसंहार के मामले की जांच करने को कहा है.

नीस ने कहा कि चीन पर जनसंहार के आरोप लगते रहे हैं लेकिन यह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर प्रश्न पूछे जाने चाहिए लेकिन इन पर सार्वजनिक तौर पर कभी कानूनी जांच नहीं हुई.

लंदन : चीन की सरकार द्वारा उइगर मुस्लिमों के अधिकारों का कथित तौर पर हनन करने के आरोपों की जांच करने के लिए एक प्रख्यात ब्रिटिश मानवाधिकार अधिवक्ता लंदन में एक स्वतंत्र अधिकरण का गठन कर रहे हैं.

अधिकरण इसकी छानबीन करेगा कि क्या चीन के पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में मानवता के विरुद्ध अपराध या जनसंहार किया गया.

उम्मीद जताई जा रही है कि अधिकरण में इस मामले पर अगले साल होने वाली सुनवाई में नए तथ्य उजागर होंगे.

हालांकि अधिकरण को सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है, लेकिन उइगर और तुर्की अल्पसंख्यकों के 2017 से जारी कथित उत्पीड़न के लिए चीन को कठघरे में खड़ा करने का यह ताजा प्रयास है.

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विश्व उइगर संघ ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में काम कर चुके बैरिस्टर जेफ्री नीस से उइगरों के उत्पीड़न और कथित जनसंहार के मामले की जांच करने को कहा है.

नीस ने कहा कि चीन पर जनसंहार के आरोप लगते रहे हैं लेकिन यह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर प्रश्न पूछे जाने चाहिए लेकिन इन पर सार्वजनिक तौर पर कभी कानूनी जांच नहीं हुई.

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