लंदन : लंबी ब्रेक्जिट प्रक्रिया के बाद नए साल की नई किरण के साथ ब्रिटेन आधिकारिक रूप से यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर हो गया है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की बुधवार को ब्रेक्जिट विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद ही ब्रिटेन नववर्ष से यूरोपीय संघ से बाहर होने के लिए तैयार हो गया था.
ब्रेक्जिट विधेयक को ब्रिटेन की संसद के दोनों सदनों में बुधवार को पारित किया गया था. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस अवसर को 'एक नई शुरुआत' बताया था.
जॉनसन ने एक बयान में ब्रेक्जिट विधेयक को एक दिन में ही पारित करने को लेकर सांसदों का शुक्रिया अदा किया था और कहा था कि राष्ट्र से गुरुवार मध्य रात्रि इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने की अपील की थी. जॉनसन ने कहा था कि हम ब्रिटिश जनता के हितों के लिए दिल से हर चीज करेंगे.
ब्रिटेन के हाउस ऑफ लार्ड्स (उच्च सदन) में बुधवार को विधेयक पारित किया गया. ब्रेक्जिट के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा से महज कुछ समय पहले बनी सहमति के बाद 80 पन्नों का विधेयक संसद में पेश किया गया था.
ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने बुधवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ब्रेक्जिट व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जून 2016 में ब्रेक्जिट से अलग होने के लिए कराए गए जनमत संग्रह के बाद ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर होने में साढ़े चार साल का वक्त लगा है.
ब्रेक्जिट पर जानकारों की राय
जानकारों की मानें तो ब्रेग्जिट से ब्रिटेन के पास फिलहाल खुश होने को बहुत ज्यादा नहीं है, बल्कि इसके चलते, देश के एक मध्य शक्ति बनकर रह जाने का खतरा भी है. वहीं, ईयू के पक्षधारी स्कॉटलैंड में भी ब्रिटेन ले अलग होने के लिए एक दूसरा जनमत संग्रह कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है.
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जानकारों की राय में, देश के राजनेताओं के दूरदर्शी न होने का खामियाजा ब्रिटेन को भुगतना पड़ सकता है और इसके कारण ग्रेट ब्रिटेन के सिमट कर केवल इंग्लैंड बन जाने का खतरा है.