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BREXIT : बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ को भेजा पत्र, तीन माह समय विस्तार की मांग

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (EU) को पत्र भेजा है. इस पत्र के माध्यम से जॉनसन ने संघ से तीन महीने का समय विस्तार (extension) मांगा है. बता दें कि ब्रिटेन के EU से अलग होने की तारीख 31 अक्टूबर है. इसे ब्रेग्जिट (BREXIT) का नाम दिया गया है. ऐसे में जॉनसन का ये कदम अहम माना जा रहा है. जानें पूरा मामला...

बोरिस जॉनसन
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Published : Oct 20, 2019, 4:26 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 7:29 PM IST

लंदन : ब्रिटिश सांसदों ने एक अहम घटनाक्रम में ब्रेग्जिट समझौतों के निर्णय को टालने के लिए वोट दिया है. हालांकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रेग्जिट को टालने के लिए यूरोपीय संघ से और अधिक बातचीत नहीं करेंगे.

फिलहाल बोरिस जॉनसन पत्र भेजने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं. उन्होंने EU के पास बिना हस्ताक्षर किये एक पत्र भेजा है. उन्होंने इस पत्र में तीन महीने का समय विस्तार (extension) मांगा है.

वहीं सांसदों ने शनिवार को उनके ब्रेक्जिट समझौते को समर्थन देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कानूनन जॉनसन को ब्रेग्जिट में विलम्ब करने के अनुरोध वाला एक पत्र लिखना पड़ा.

लेकिन जॉनसन का रवैया ठीक इसके विपरीत है और वह इस बात पर अड़े हुए हैं कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर की तय समयसीमा में यूरोपीय संघ से अलग हो जाए.

पढ़ें : PAK : आजादी मार्च से घबराए इमरान खान, उठाया ये कदम

सूत्र ने बताया कि जॉनसन ने कानून के उस पत्र की प्रति ईयू को भेजी है कि ब्रेग्जिट समझौता नहीं होने की सूरत में उन्हें ब्रिटेन को ईयू से बाहर करने में विलम्ब का अनुरोध करने संबंधी एक पत्र लिखना होगा.

लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसके ठीक उलट उन्होंने दूसरा पत्र भेजा है, जिसमें यह स्पष्ट है कि वह इसमें देरी नहीं चाहते और इसी माह ब्रेग्जिट चाहते हैं.

वहीं, ईयू को तीसरा पत्र ब्रिटेन के राजदूत टिम बैरो ने लिखा है कि ब्रेग्जिट विलम्ब पत्र कानून के अनुरूप भेजा जा रहा है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ब्रसेल्स में इस बात की पुष्टि की कि विलम्ब करने का अनुरोध मिला है.

पढ़ें : पाक विदेश मंत्री का दावा - आम आदमी की तरह करतारपुर समारोह में आएंगे मनमोहन सिंह

ईयू से जुड़े एक अन्य सूत्र ने हालांकि, इस पर किसी टिप्पणी से इनकार किया.

टस्क ने ट्वीट किया, 'समयावधि बढ़ाने का अनुरोध अभी प्राप्त हुआ है. ईयू के नेताओं से इस पर विचार-विमर्श करूंगा कि इस पर क्या फैसला लेना है.' जॉनसन ने इससे पहले कहा कि वह ईयू नेताओं से कहेंगे कि आगे और विलम्ब इस देश के लिए बुरा होगा, यूरोपीय संघ के लिए बुरा होगा और लोकतंत्र के लिए बुरा होगा.

उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा, 'मैं ईयू के साथ विलम्ब को बर्दाश्त नहीं करूंगा और न ही कानून को खुद को ऐसा करने के लिए विवश करने दूंगा.'

लंदन : ब्रिटिश सांसदों ने एक अहम घटनाक्रम में ब्रेग्जिट समझौतों के निर्णय को टालने के लिए वोट दिया है. हालांकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ब्रेग्जिट को टालने के लिए यूरोपीय संघ से और अधिक बातचीत नहीं करेंगे.

फिलहाल बोरिस जॉनसन पत्र भेजने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं. उन्होंने EU के पास बिना हस्ताक्षर किये एक पत्र भेजा है. उन्होंने इस पत्र में तीन महीने का समय विस्तार (extension) मांगा है.

वहीं सांसदों ने शनिवार को उनके ब्रेक्जिट समझौते को समर्थन देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद कानूनन जॉनसन को ब्रेग्जिट में विलम्ब करने के अनुरोध वाला एक पत्र लिखना पड़ा.

लेकिन जॉनसन का रवैया ठीक इसके विपरीत है और वह इस बात पर अड़े हुए हैं कि ब्रिटेन 31 अक्टूबर की तय समयसीमा में यूरोपीय संघ से अलग हो जाए.

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सूत्र ने बताया कि जॉनसन ने कानून के उस पत्र की प्रति ईयू को भेजी है कि ब्रेग्जिट समझौता नहीं होने की सूरत में उन्हें ब्रिटेन को ईयू से बाहर करने में विलम्ब का अनुरोध करने संबंधी एक पत्र लिखना होगा.

लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसके ठीक उलट उन्होंने दूसरा पत्र भेजा है, जिसमें यह स्पष्ट है कि वह इसमें देरी नहीं चाहते और इसी माह ब्रेग्जिट चाहते हैं.

वहीं, ईयू को तीसरा पत्र ब्रिटेन के राजदूत टिम बैरो ने लिखा है कि ब्रेग्जिट विलम्ब पत्र कानून के अनुरूप भेजा जा रहा है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ब्रसेल्स में इस बात की पुष्टि की कि विलम्ब करने का अनुरोध मिला है.

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ईयू से जुड़े एक अन्य सूत्र ने हालांकि, इस पर किसी टिप्पणी से इनकार किया.

टस्क ने ट्वीट किया, 'समयावधि बढ़ाने का अनुरोध अभी प्राप्त हुआ है. ईयू के नेताओं से इस पर विचार-विमर्श करूंगा कि इस पर क्या फैसला लेना है.' जॉनसन ने इससे पहले कहा कि वह ईयू नेताओं से कहेंगे कि आगे और विलम्ब इस देश के लिए बुरा होगा, यूरोपीय संघ के लिए बुरा होगा और लोकतंत्र के लिए बुरा होगा.

उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा, 'मैं ईयू के साथ विलम्ब को बर्दाश्त नहीं करूंगा और न ही कानून को खुद को ऐसा करने के लिए विवश करने दूंगा.'

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PRI GEN INT
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BREXIT-JOHNSON-2NDLD LETTER
New Brexit turmoil as Boris Johnson sends unsigned extension letter to EU
By Aditi Khanna
         London, Oct 20 (PTI) British Prime Minister Boris Johnson was on Sunday branded a spoilt brat by the Opposition after he sent an unsigned letter seeking a three-month extension to the October 31 deadline from the European Union (EU).
         The UK PM was bound by law to issue a letter seeking a delay to Brexit after MPs voted in a historic Super Saturday Parliament session to delay voting on his motion on a new Brexit deal.
         Johnson has previously said he would rather be dead in a ditch than miss the October 31 deadline and had triggered speculation soon after the House of Commons vote by declaring that he would not negotiate an extension.
         However, given the Benn Act passed by MPs last month to avert a no-deal crash-out from the economic bloc meant that he was obliged to send an extension letter by the end of October 19 unless a new Brexit deal had been passed through by the Commons.
         "The United Kingdom proposes that this (extension) period should end at 11.00pm GMT on 31 January 2020. If the parties are able to ratify before this date, the government proposes that the period should be terminated early, reads the unsigned letter sent to European Council President Donald Tusk on Saturday night.
         While the Downing Street stance is that the UK PM has complied with the Benn Act by sending the Parliament's letter, there is some speculation if it opens up the prospect of legal action by it being an unsigned request.
         In an accompanied signed letter to Tusk, Johnson repeated his pledge of leaving the EU within the October 31 deadline by pressing ahead with the requisite legislation next week to seek Parliament's ratification for his withdrawal agreement.
         "I have made clear since becoming Prime Minister, and made clear to Parliament again today, my view, and the government's position, that a further extension would damage the interests of the UK and our EU partners, and the relationship between us," he states, insisting that the prolonged Brexit process must be brought to a conclusion to prevent a corrosive impact from further delays.
         Tusk took to Twitter to say the UK's extension request has been received and that he would consult with EU leaders on how to react.
         Meanwhile, the Opposition Labour Party warned that Johnson could be in contempt of Parliament and possibly even the courts with his latest actions.
         Labour's shadow Chancellor said: "He may well be in contempt of Parliament or the courts themselves because he's clearly trying to undermine the first letter and not signing the letter.
         "He's behaving a bit like a spoilt brat. Parliament made a decision, he should abide by it and this idea that you send another letter contradicting the first, I think it flies in the face of what both Parliament and the courts have decided".
         But senior Cabinet ministers, including Brexiteers Michael Gove and Dominic Raab, insisted on Sunday that the government was on track to meet the October 31 deadline to leave the EU.
         In a historic weekend Parliament session on Saturday, the first in 37 years, British MPs had voted to back a motion that delayed the vote on a new Brexit deal struck with the EU earlier in the week.
         In a setback to Johnson, MPs voted 322 for and 306 against on an important amendment introduced as an insurance policy against a default no-deal crash-out by the month-end deadline.
         Johnson stressed that he was neither daunted nor dismayed by Saturday's vote and that the government would place the required legislation around his new EU withdrawal agreement next week, expected to be tabled on Monday and then voted on Tuesday.
         But heading a minority government has made his efforts to seek parliamentary approval for his so-called EU divorce bill extremely difficult, especially minus the support of the Northern Irish Democratic Unionist Party (DUP), which props up the Conservative Party government.
         The party is opposed to the new deal secured at a Brussels summit on Thursday, which gets rid of the controversial Irish backstop from the repeatedly defeated former Prime Minister Theresa May's agreement.
         As a compromise, the new deal effectively draws a new invisible customs border along the Irish Sea where some goods could face tariffs when crossing over to the UK, something that is unacceptable to the DUP.
         Besides, Opposition parties have also opposed the new deal as bad for workers' rights and the economy. PTI AK
RUP
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Last Updated : Oct 20, 2019, 7:29 PM IST
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