नई दिल्ली : कोरोना संकट के चलते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद्द हो गया है. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी.
विदेश मंत्रालय के अरिंदम बागची ने कहा कि देश में कोरोना का मौजूदा स्थिति को देखते हुए आपसी समझौते से यह तय किया गया है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत दौरे पर नहीं आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों भारत-ब्रिटेन संबंधों की योजना शुरू करने के लिए आभासी बैठक करेंगे.
गौरतलब है कि बोरिस जॉनसन अगले हफ्ते भारत दौरे पर आने वाले थे.
इससे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोविड 19 के बढ़ते मामलों के कारण अपनी यात्रा अवधि कम कर दी थी.
गौरतलब है कि इससे पहले बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस पर आने वाले थे, लेकिन ब्रिटेन में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने यह दौरा टाल दिया था.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री 26 अप्रैल को भारत दौरे पर आने वाले थे, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा था.
यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद, ब्रिटेन अपने प्रभाव को बनाए रखने के लिए अन्य मित्रों और सहयोगियों की तलाश कर रहा है. इस वजह से बोरिस जॉनसन की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही थी.
भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने के लिए 2030 के रोडमैप पर सहमत होने के लिए तैयार हैं. जॉनसन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम भी था. साथ ही वह रक्षा और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा करने वाले थे.
ब्रिटेन के विपक्ष ने की थी जॉनसन से भारत यात्रा रद्द करने की मांग
ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी ने भी रविवार को मांग की थी कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत में पाए गए कोरोना वायरस के 'दोहरे उत्परिवर्तन' वाले स्वरूप के चलते नई दिल्ली की अपनी यात्रा रद्द कर देनी चाहिए.
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने कहा था है कि ब्रिटेन में पिछले महीने से कोरोना वायरस के तथाकथित 'डबल म्यूटैंट' (दोहरे उत्परिवर्तन वाले) भारतीय स्वरूप से जुड़े 77 मामले सामने आए हैं. वायरस के इस स्वरूप को 'वैरियंट अंडर इन्वेस्टिगेशन' (वीयूआई) श्रेणी में रखा गया है.
लेबर पार्टी के नेता स्टीव रीड ने कहा था कि मेरी समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री भारत सरकार के साथ जूम के माध्यम से बातचीत क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने स्काई न्यूज से कहा था प्रधानमंत्री को, सार्वजनिक जीवन में हम सबकी तरह, एक उदाहरण स्थापित करने की जरूरत है.