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ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ पनडुब्बी सौदा रद्द किया - ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु ऊर्जा चालित अमेरिकी पनडुब्बियों

ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु ऊर्जा चालित अमेरिकी पनडुब्बियों में निवेश करने और डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए फ्रांस के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने का फैसला किया है.

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Published : Sep 17, 2021, 6:30 AM IST

कैनबरा : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि बदले रणनीतिक माहौल के कारण ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु ऊर्जा चालित अमेरिकी पनडुब्बियों में निवेश करने और डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए फ्रांस के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने का फैसला किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ एक नए अमेरिकी सुरक्षा गठबंधन की घोषणा की थी जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी बेड़े का विकास किया जाएगा.

इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस को सूचित किया कि वह फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पारंपरिक पनडुब्बियों में से 12 का निर्माण करने के लिए अपना अनुबंध समाप्त कर रहा है. 2016 में फ्रांस के अनुबंध हासिल करने के बाद से ऑस्ट्रेलिया परियोजना पर 2.4 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च कर चुका है.

मॉरिसन ने कहा कि 2016 में जब फ्रांस के साथ पनडुब्बी निर्माण के लिए 56 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का सौदा हुआ था, तब अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी तकनीक ऑस्ट्रेलिया के लिए एक खुला विकल्प नहीं थी और अमेरिका ने अब तक केवल ब्रिटेन के साथ तकनीक साझा की है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जून में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कहा था कि इस बारे में कई वास्तविक मुद्दे हैं कि क्या कोई पारंपरिक पनडुब्बी क्षमता हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगी.

मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिक हित, रणनीतिक क्षमता आवश्यकताओं और बदले हुए रणनीतिक वातावरण के चलते फ्रांस के साथ पारंपरिक पनडुब्बी निर्माण का सौदा रद्द करना पड़ा है.

पढ़ें- अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया की साझेदारी परमाणु अप्रसार की कोशिशों को नुकसान पहुंचाएगी : चीन

वहीं, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल के प्रमुख जनरल एंगस कैंपबेल ने अपनी सरकार के फैसले का स्वागत किया है.

(पीटीआई-भाषा)

कैनबरा : ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को कहा कि बदले रणनीतिक माहौल के कारण ऑस्ट्रेलिया ने परमाणु ऊर्जा चालित अमेरिकी पनडुब्बियों में निवेश करने और डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए फ्रांस के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने का फैसला किया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ एक नए अमेरिकी सुरक्षा गठबंधन की घोषणा की थी जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी बेड़े का विकास किया जाएगा.

इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस को सूचित किया कि वह फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पारंपरिक पनडुब्बियों में से 12 का निर्माण करने के लिए अपना अनुबंध समाप्त कर रहा है. 2016 में फ्रांस के अनुबंध हासिल करने के बाद से ऑस्ट्रेलिया परियोजना पर 2.4 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर खर्च कर चुका है.

मॉरिसन ने कहा कि 2016 में जब फ्रांस के साथ पनडुब्बी निर्माण के लिए 56 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का सौदा हुआ था, तब अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी तकनीक ऑस्ट्रेलिया के लिए एक खुला विकल्प नहीं थी और अमेरिका ने अब तक केवल ब्रिटेन के साथ तकनीक साझा की है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जून में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से कहा था कि इस बारे में कई वास्तविक मुद्दे हैं कि क्या कोई पारंपरिक पनडुब्बी क्षमता हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगी.

मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिक हित, रणनीतिक क्षमता आवश्यकताओं और बदले हुए रणनीतिक वातावरण के चलते फ्रांस के साथ पारंपरिक पनडुब्बी निर्माण का सौदा रद्द करना पड़ा है.

पढ़ें- अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया की साझेदारी परमाणु अप्रसार की कोशिशों को नुकसान पहुंचाएगी : चीन

वहीं, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल के प्रमुख जनरल एंगस कैंपबेल ने अपनी सरकार के फैसले का स्वागत किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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