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काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारी की हत्या, तालिबान लड़ाकों ने पंजशीर को घेरा

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग उसके शासन से बचकर भागने की कोशिश में हैं. जिससे काबुल एयरपोर्ट पर गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है. काबुल एयरपोर्ट पर इस्लामिक स्टेट से संबंधित स्थानीय संगठनों द्वारा हमले का भी खतरा है.

अफगान जवान की हत्या
अफगान जवान की हत्या
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Published : Aug 23, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 7:34 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने के लिए मची अफरातफरी के बीच काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के एक द्वार के पास सोमवार तड़के गोलीबारी में कम से कम एक अफगान सैनिक की मौत हो गई. जर्मनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

हवाईअड्डे पर गोलीबारी के बीच तालिबान ने अपने लड़ाकों को उत्तरी क्षेत्र में भेजा है जहां पर उसे सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. तालिबान ने कहा कि उसने तीन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है जिसे एक दिन पहले उसके विरोधियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था. इसके साथ ही पंजशीर को भी तालिबानी लड़ाकों ने घेर लिया है.

काबुल हवाईअड्डे के एक द्वार के पास गोलीबारी हुई जहां एक दिन पहले भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई थी. किन परिस्थितियों में गोलीबारी हुई यह स्पष्ट नहीं है. जर्मन सेना ने ट्वीट करके बताया कि सोमवार को गोलीबारी में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं.

सुरक्षा अधिकारी की हत्या मामले में जर्मन सेना का ट्वीट
सुरक्षा अधिकारी की हत्या मामले में जर्मन सेना का ट्वीट

बाद में जर्मन सेना ने स्पष्ट किया कि वह हवाईअड्डे की सुरक्षा में जुटी 'अफगान सेना के सदस्यों' का हवाला दे रही थी. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने समर्पण कर दिया.

तालिबान के कठोर शासन के लौटने के डर से हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर निलकने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी मची है. कुछ अफगान सैनिक लोगों को निकालने के अभियान में पश्चिमी देशों के सैनिकों की मदद कर रहे हैं.

अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाले इतालवी मानवीय सेवा संगठन 'इमरजेंसी' ने कहा कि उसने हवाईअड्डे पर गोलीबारी में घायल हुए छह मरीजों का इलाज किया और किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं है.

अमेरिकी सेना और नाटो ने गोलीबारी की घटना के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है. तालिबान ने भी घटना के बारे में टिप्पणी नहीं की है.

तालिबान ने अफरा-तफरी भरे बचाव अभियान के लिए अमेरिकी सेना को दोष दिया है और कहा है कि अफगान लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं हैं. हालांकि हवाईअड्डे के आसपास एकत्र भीड़ को काबू में करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोली चलाई और लोगों पर लाठियां चलाईं.

सोमवार तड़के डेल्टा एयरलाइन का विमान दुबई में उतरा और बाद में कतर में अलउदेद एयरबेस के लिए उड़ान भरी जहां निकाले गए लोगों की भीड़ जमा है. काबुल से लोगों को निकालने के लिए सैन्य विमानों का परिचालन जारी है.

अमेरिका ने 14 अगस्त के बाद से सैन्य और अन्य विमानों से 30,000 से ज्यादा लोगों को निकाला है. अब भी हजारों लोग काबुल से निकलने का इंतजार कर रहे हैं जिसमें अमेरिका और दूसरे देशों के लोग तथा अफगान नागरिक हैं.

बाइडेन ने अभियान को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने के दिए संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को कहा कि वह लोगों को निकालने के अभियान को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने से इनकार नहीं करेंगे. इसी तारीख तक अमेरिकी सैन्य बलों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी होनी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बाइडेन से आग्रह करेंगे.

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने 'स्काई न्यूज' के साथ साक्षात्कार में कहा कि 31 अगस्त 'रेड लाइन' है और अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की समय सीमा बढ़ाना उकसावे का कदम होगा.

काबुल हवाईअड्डे पर इस्लामिक स्टेट से संबंधित स्थानीय संगठनों द्वारा हमले का भी खतरा है. इस बीच काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को 'जन विद्रोह' से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया. लेकिन तालिबान ने सोमवार को दावा किया कि उसने इन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है.

तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है. अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है. अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान मामले पर बोले बाइडेन- मुझे किसी पर भरोसा नहीं

वर्ष 2001 में तालिबान को हटाने के लिए अमेरिका का साथ देने वाले 'नार्दर्न अलायंस' संगठन के दिवंगत कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा कि उसके लड़ाके भी पंजशीर में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि ताकत से प्रांत पर कब्जा करने के किसी भी प्रतिरोध का उनके लड़ाके मुकाबला करेंगे लेकिन तालिबान के साथ वार्ता का रास्ता खुला है.

तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है. उन्होंने कहा, 'अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही. हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने के लिए मची अफरातफरी के बीच काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के एक द्वार के पास सोमवार तड़के गोलीबारी में कम से कम एक अफगान सैनिक की मौत हो गई. जर्मनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

हवाईअड्डे पर गोलीबारी के बीच तालिबान ने अपने लड़ाकों को उत्तरी क्षेत्र में भेजा है जहां पर उसे सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है. तालिबान ने कहा कि उसने तीन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है जिसे एक दिन पहले उसके विरोधियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था. इसके साथ ही पंजशीर को भी तालिबानी लड़ाकों ने घेर लिया है.

काबुल हवाईअड्डे के एक द्वार के पास गोलीबारी हुई जहां एक दिन पहले भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई थी. किन परिस्थितियों में गोलीबारी हुई यह स्पष्ट नहीं है. जर्मन सेना ने ट्वीट करके बताया कि सोमवार को गोलीबारी में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं.

सुरक्षा अधिकारी की हत्या मामले में जर्मन सेना का ट्वीट
सुरक्षा अधिकारी की हत्या मामले में जर्मन सेना का ट्वीट

बाद में जर्मन सेना ने स्पष्ट किया कि वह हवाईअड्डे की सुरक्षा में जुटी 'अफगान सेना के सदस्यों' का हवाला दे रही थी. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने समर्पण कर दिया.

तालिबान के कठोर शासन के लौटने के डर से हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर निलकने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी मची है. कुछ अफगान सैनिक लोगों को निकालने के अभियान में पश्चिमी देशों के सैनिकों की मदद कर रहे हैं.

अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाले इतालवी मानवीय सेवा संगठन 'इमरजेंसी' ने कहा कि उसने हवाईअड्डे पर गोलीबारी में घायल हुए छह मरीजों का इलाज किया और किसी की भी स्थिति गंभीर नहीं है.

अमेरिकी सेना और नाटो ने गोलीबारी की घटना के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है. तालिबान ने भी घटना के बारे में टिप्पणी नहीं की है.

तालिबान ने अफरा-तफरी भरे बचाव अभियान के लिए अमेरिकी सेना को दोष दिया है और कहा है कि अफगान लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं हैं. हालांकि हवाईअड्डे के आसपास एकत्र भीड़ को काबू में करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोली चलाई और लोगों पर लाठियां चलाईं.

सोमवार तड़के डेल्टा एयरलाइन का विमान दुबई में उतरा और बाद में कतर में अलउदेद एयरबेस के लिए उड़ान भरी जहां निकाले गए लोगों की भीड़ जमा है. काबुल से लोगों को निकालने के लिए सैन्य विमानों का परिचालन जारी है.

अमेरिका ने 14 अगस्त के बाद से सैन्य और अन्य विमानों से 30,000 से ज्यादा लोगों को निकाला है. अब भी हजारों लोग काबुल से निकलने का इंतजार कर रहे हैं जिसमें अमेरिका और दूसरे देशों के लोग तथा अफगान नागरिक हैं.

बाइडेन ने अभियान को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने के दिए संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को कहा कि वह लोगों को निकालने के अभियान को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने से इनकार नहीं करेंगे. इसी तारीख तक अमेरिकी सैन्य बलों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी होनी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बाइडेन से आग्रह करेंगे.

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने 'स्काई न्यूज' के साथ साक्षात्कार में कहा कि 31 अगस्त 'रेड लाइन' है और अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की समय सीमा बढ़ाना उकसावे का कदम होगा.

काबुल हवाईअड्डे पर इस्लामिक स्टेट से संबंधित स्थानीय संगठनों द्वारा हमले का भी खतरा है. इस बीच काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को 'जन विद्रोह' से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया. लेकिन तालिबान ने सोमवार को दावा किया कि उसने इन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है.

तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है. अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है. अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान मामले पर बोले बाइडेन- मुझे किसी पर भरोसा नहीं

वर्ष 2001 में तालिबान को हटाने के लिए अमेरिका का साथ देने वाले 'नार्दर्न अलायंस' संगठन के दिवंगत कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा कि उसके लड़ाके भी पंजशीर में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि ताकत से प्रांत पर कब्जा करने के किसी भी प्रतिरोध का उनके लड़ाके मुकाबला करेंगे लेकिन तालिबान के साथ वार्ता का रास्ता खुला है.

तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है. उन्होंने कहा, 'अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही. हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 23, 2021, 7:34 PM IST
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