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किर्गिस्तान में संसदीय चुनाव, राष्ट्रपति की ताकत बढ़ने का अनुमान - नए संविधान के लिए जनमत संग्रह

किर्गिस्तान में संसदीय चुनाव के लिए रविवार को मतदान हो रहे हैं. यह चुनाव पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देश की सरकार को जबरन बदलने के बाद हो रहा है.

President Sadyr Japarov)
राष्ट्रपति सादिर झापरोव
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Published : Nov 28, 2021, 3:34 PM IST

मॉस्को : किर्गिस्तान में संसदीय चुनाव (kyrgyzstan parliamentary elections) के लिए रविवार को मतदान हो रहे हैं. यह चुनाव पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देश की सरकार को जबरन बदलने के बाद हो रहा है.

माना जा रहा है कि इस चुनाव से राष्ट्रपति सादिर झापरोव (President Sadyr Japarov) की सत्ता पर और पकड़ मजबूत होगी. वह इस साल जनवरी में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व राष्ट्रपति के पदच्युत होने के बाद सत्ता पर काबिज हुए थे. किर्गिस्तान की सीमा चीन से लगती है और यहां की आबादी 65 लाख है. यह रूस के प्रभुत्व वाले आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन का सदस्य है.

झापरोव ने राष्ट्रपति बनने के बाद नए संविधान के लिए जनमत संग्रह को आगे बढ़ाया था जिसमें संसद की शक्तियों में कटौती कर राष्ट्रपति की ताकत को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने का प्रावधान है.

इसमें ससंद की सीटों को 120 से घटाकर 90 करने और राष्ट्रपति को न्यायधीशों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुख की नियुक्त का अधिकार दिया गया है.

पढ़ें : मेक्सिको में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त, 19 की मौत

मतदान से पहले देश में तनाव बढ़ गया है. झापरोव ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उनका तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि जो चुनाव के बाद दंगे की कोशिश करेगा उसे अभियोजित किया जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

मॉस्को : किर्गिस्तान में संसदीय चुनाव (kyrgyzstan parliamentary elections) के लिए रविवार को मतदान हो रहे हैं. यह चुनाव पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देश की सरकार को जबरन बदलने के बाद हो रहा है.

माना जा रहा है कि इस चुनाव से राष्ट्रपति सादिर झापरोव (President Sadyr Japarov) की सत्ता पर और पकड़ मजबूत होगी. वह इस साल जनवरी में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व राष्ट्रपति के पदच्युत होने के बाद सत्ता पर काबिज हुए थे. किर्गिस्तान की सीमा चीन से लगती है और यहां की आबादी 65 लाख है. यह रूस के प्रभुत्व वाले आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन का सदस्य है.

झापरोव ने राष्ट्रपति बनने के बाद नए संविधान के लिए जनमत संग्रह को आगे बढ़ाया था जिसमें संसद की शक्तियों में कटौती कर राष्ट्रपति की ताकत को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने का प्रावधान है.

इसमें ससंद की सीटों को 120 से घटाकर 90 करने और राष्ट्रपति को न्यायधीशों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुख की नियुक्त का अधिकार दिया गया है.

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मतदान से पहले देश में तनाव बढ़ गया है. झापरोव ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उनका तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि जो चुनाव के बाद दंगे की कोशिश करेगा उसे अभियोजित किया जाएगा.

(पीटीआई-भाषा)

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