इस संबंध में बुधवार को अमेरिका के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बात की. उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर काबू करने के लिए ठोस एवं निर्णायक कार्रवाई करे ताकि क्षेत्र में फिर से तनाव नहीं बढ़े.'
अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, 'अगर पाकिस्तान की ओर से इन संगठनों के खिलाफ कोई ठोस एवं गंभीर प्रयास नहीं होते हैं तो कोई भी अन्य हमला पाकिस्तान के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है और यह क्षेत्र में फिर से तनाव बढ़ने का कारण भी बन जाएगा.'
संवाददाताओं ने अमेरिकी अधिकारी से बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई से जुड़े सवाल भी किए. भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में भी सवाल किए गए.
इन सवालों पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय देखना चाहता है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई हो.
अधिकारी ने कहा, 'अभी पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर पूर्ण आकलन करना जल्दबाजी होगी.'
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पाकिस्तान ने कुछ 'शुरुआती' कदम उठाए हैं. मसलन, कुछ आतंकी संगठनों के संपत्तियां जब्त की गई हैं और कुछ की गिरफ्तारी भी हुई है और जैश के कुछ ठिकानों को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है.
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इन कदमों के अलावा अभी पाकिस्तान की ओर से बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.