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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से बेहद चिंतित हैं: अमेरिकी सांसद

अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्यों ने ने पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है, 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करना होगा.' पढे़ं विस्तार से...

अमेरिकी सांसद
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Published : Sep 14, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:18 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के सांसदों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर 'गहरी चिंता' जाहिर की है. उन्होंने भारत तथा पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूतों से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को समाप्त कर दिया गया. राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांट दिया गया. पाकिस्तान इसका विरोध कर रहा है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

नई दिल्ली और इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूतों केनेथ जस्टर और पॉल डब्ल्यू जोन्स को शुक्रवार को अमेरिकी सांसद ने पत्र लिखा. पत्र में लिखकर कहा कि ऐसी आशंका है कि इस संकट के परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में कड़वाहट रहेगी.

पत्र में कहा गया है, 'यह स्थिति वैश्विक शांति और स्पष्ट तौर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. पाकिस्तान और भारत दोनों ही महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित क्षेत्र में हमारे हितों के लिए बेहद जरूरी है.'

पढे़ं- इमरान खान ने माना- पाक ने ही दी जिहादियों को आतंकवाद की ट्रेनिंग

पत्र में दोनों देशों के अमेरिकी राजदूतों से अपील की गई है कि वह अपनी क्षमता के अनुसार, 'दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें.'

इसके अलावा पत्र में अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्यों ने दोनों राजनयिकों से अपील की है कि वह अमेरिका में रह रहे कश्मीरी लोगों का संपर्क जम्मू-कश्मीर में रह रहे उनके परिवारों से कराएं.

उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि जम्मू-कश्मीर में संचार के माध्यम बहाल करें और मीडिया को संबंधित क्षेत्र में जाने की अनुमति दें.

इस पत्र पर इलहान उमर, राउल एम ग्रीजाल्वा, एंडी लेविन, जेम्स पी मैकगवर्न, टेड ल्यू, डोनाल्ड बेयर और एलन लोवेनथल के हस्ताक्षर हैं.

वहीं एक अन्य बयान में राशिदा तलैब ने कहा कि उनके मन में भारत के प्रति काफी सम्मान है लेकिन वह जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना करती हैं.

वाशिंगटन: अमेरिका के सांसदों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर 'गहरी चिंता' जाहिर की है. उन्होंने भारत तथा पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूतों से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को समाप्त कर दिया गया. राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांट दिया गया. पाकिस्तान इसका विरोध कर रहा है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

नई दिल्ली और इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूतों केनेथ जस्टर और पॉल डब्ल्यू जोन्स को शुक्रवार को अमेरिकी सांसद ने पत्र लिखा. पत्र में लिखकर कहा कि ऐसी आशंका है कि इस संकट के परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में कड़वाहट रहेगी.

पत्र में कहा गया है, 'यह स्थिति वैश्विक शांति और स्पष्ट तौर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. पाकिस्तान और भारत दोनों ही महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया सहित क्षेत्र में हमारे हितों के लिए बेहद जरूरी है.'

पढे़ं- इमरान खान ने माना- पाक ने ही दी जिहादियों को आतंकवाद की ट्रेनिंग

पत्र में दोनों देशों के अमेरिकी राजदूतों से अपील की गई है कि वह अपनी क्षमता के अनुसार, 'दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें.'

इसके अलावा पत्र में अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्यों ने दोनों राजनयिकों से अपील की है कि वह अमेरिका में रह रहे कश्मीरी लोगों का संपर्क जम्मू-कश्मीर में रह रहे उनके परिवारों से कराएं.

उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि जम्मू-कश्मीर में संचार के माध्यम बहाल करें और मीडिया को संबंधित क्षेत्र में जाने की अनुमति दें.

इस पत्र पर इलहान उमर, राउल एम ग्रीजाल्वा, एंडी लेविन, जेम्स पी मैकगवर्न, टेड ल्यू, डोनाल्ड बेयर और एलन लोवेनथल के हस्ताक्षर हैं.

वहीं एक अन्य बयान में राशिदा तलैब ने कहा कि उनके मन में भारत के प्रति काफी सम्मान है लेकिन वह जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने की आलोचना करती हैं.

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PRI GEN INT
.WASHINGTON FGN9
US-LAWMAKERS-LD KASHMIR
US lawmakers urge American envoys to facilitate de-escalation of Indo-Pak tension
By Lalit K Jha
(Eds: Updating)
         Washington, Sep 14 (PTI) A group of American lawmakers have expressed concern over the situation in Jammu and Kashmir and urged the US envoys in India and Pakistan to facilitate de-escalation of tension between the two countries as it presents "tremendous danger" to global peace and a clear national security risk for the US.
          In a letter to the US Ambassadors to India and Pakistan -- Kenneth Juster and Paul W Jones respectively -- on Friday, seven Congressmen said there is risk that the relationship between India and Pakistan will continue to devolve as a result of the fresh tension between the two countries following revocation of Jammu and Kashmir's special status.
          "This presents tremendous danger to global peace and a clear national security risk for the United States. Pakistan and India are both valued allies, crucial to our interests in the region, including the Afghanistan peace process," the letter said.
          "It is of the utmost importance that we leverage our relationships with their government to de-escalate the situation, the Congressmen said and urged the two American diplomats "to do everything in their power" to de-escalate the tensions between India and Pakistan.
          Signatories to the letter are Ilhan Omar, Raul M Grijalva, Andy Levin, James P McGovern, Ted Lieu, Donald Beyer and Alan Lowenthal.
          In the letter, the members of the US House of Representatives urged the two US envoys to also "facilitate connections between Kashmiri-Americans and their family members in Jammu and Kashmir; insist that the Indian government restore communications in Jammu and Kashmir and allow media to access the region."
          Tensions between India and Pakistan spiked after New Delhi abrogated provisions of Article 370 of the Constitution to withdraw Jammu and Kashmir's special status and bifurcated it into two Union Territories.
          Pakistan downgraded its diplomatic relations with India and expelled the Indian high commissioner following the revocation of Article 370 in Jammu and Kashmir on August 5.
          Asserting that the abrogation of Article 370 was its "internal matter", India has defended imposition of restrictions in the Kashmir Valley on the grounds that they were put to prevent Pakistan from creating more mischief through proxies and terrorists.
          The US lawmakers urged the American diplomats to provide "assistance with documentation" on allegations of human rights violations in Kashmir and PoK and urge the Indian and Pakistani governments to allow independent, impartial investigations.
          In another statement, Congresswoman Rashida Tlaib said that while she has deep respect for India and its important relationship with the US, she condemned the revocation of Jammu and Kashmir's special status. PTI LKJ IND
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Last Updated : Sep 30, 2019, 2:18 PM IST
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