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ट्रंप की इमरान को नसीहत, कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ संभलकर बयानबाजी करे पाकिस्तान

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सभंलकर बयानबाजी करने को कहा है. ट्रंप ने दोनों पक्षों से तनाव बढ़ने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया.

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
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Published : Aug 21, 2019, 3:01 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 5:37 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बातचीत की और उन्हें कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में एहतियात बरतने को कहा. ट्रम्प ने साथ ही स्थिति को मुश्किल बताया और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा.

ट्रंप ने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सोमवार को फोन पर करीब 30 मिनट बात करने के बाद खान से बात की.

मोदी ने बातचीत के दौरान पाकिस्तानी नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा के लिए उग्र बयानबाजी और उकसावे का मुद्दा उठाया.

व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप ने खान से जम्मू-कश्मीर मामले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में संयम बरतने और तनाव कम करने को लेकर चर्चा की.

कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए खान ने रविवार को भारत सरकार को ‘फासीवादी और ‘श्रेष्ठतावादी करार दिया था तथा कहा था कि यह पाकिस्तान और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है.

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ट्रंप का बयान

उन्होंने यह भी कहा था कि दुनिया को भारत के परमाणु आयुध की सुरक्षा पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि यह न केवल क्षेत्र, बल्कि विश्व पर असर डालेगा.

व्हाइट हाउस ने कहा कि खान के साथ बातचीत के दौरान, ट्रंप ने दोनों पक्षों से तनाव बढ़ने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया.

इसने कहा कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जताई.

इस बीच, इस्लामाबाद में सोमवार देर रात, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अमेरिका और ट्रंप से कश्मीर की स्थिति के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि खान का मत था कि कश्मीर से भारत द्वारा कर्फ्यू और सभी पाबंदियां हटाना महत्वपूर्ण मुद्दा है.

खान ने ट्रंप से यह भी कहा कि स्थिति का जायजा लेने के लिए मानवाधिकार इकाइयों के प्रतिनिधियों को कश्मीर भेजा जाना चाहिए.

मोदी और खान से बातचीत के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, 'अपने दो अच्छे दोस्तों, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और सबसे अधिक महत्वपूर्ण कश्मीर में तनाव कम करने को लेकर बात की.

उन्होंने लिखा, मुश्किल स्थिति, लेकिन अच्छी बातचीत...

पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के PM को किया कॉल, आतंकवाद पर चर्चा

व्हाइट हाउस के प्रधान उप प्रेस सचिव होगन गिडले ने कहा कि ट्रम्प ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों और अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी पर चर्चा करने के लिए मोदी से बात की.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया.

गिडले ने कहा कि दोनों नेताओं ने आगे इस बारे में भी चर्चा की कि वे व्यापार में बढ़ोतरी के जरिए किस तरह अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेंगे, और वे जल्द फिर से मिलने को लेकर आशान्वित हैं.

मोदी और ट्रम्प के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने खान से कहा था कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं.

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है. इस्लामाबाद ने भारत के कदम को एकतरफा करार दिया है.

वहीं, भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि संबंधित मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए.

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बातचीत की और उन्हें कश्मीर पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में एहतियात बरतने को कहा. ट्रम्प ने साथ ही स्थिति को मुश्किल बताया और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा.

ट्रंप ने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सोमवार को फोन पर करीब 30 मिनट बात करने के बाद खान से बात की.

मोदी ने बातचीत के दौरान पाकिस्तानी नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा के लिए उग्र बयानबाजी और उकसावे का मुद्दा उठाया.

व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप ने खान से जम्मू-कश्मीर मामले पर भारत के खिलाफ बयानबाजी में संयम बरतने और तनाव कम करने को लेकर चर्चा की.

कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए खान ने रविवार को भारत सरकार को ‘फासीवादी और ‘श्रेष्ठतावादी करार दिया था तथा कहा था कि यह पाकिस्तान और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरा है.

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ट्रंप का बयान

उन्होंने यह भी कहा था कि दुनिया को भारत के परमाणु आयुध की सुरक्षा पर भी गौर करना चाहिए क्योंकि यह न केवल क्षेत्र, बल्कि विश्व पर असर डालेगा.

व्हाइट हाउस ने कहा कि खान के साथ बातचीत के दौरान, ट्रंप ने दोनों पक्षों से तनाव बढ़ने से बचने और संयम बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया.

इसने कहा कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जताई.

इस बीच, इस्लामाबाद में सोमवार देर रात, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अमेरिका और ट्रंप से कश्मीर की स्थिति के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि खान का मत था कि कश्मीर से भारत द्वारा कर्फ्यू और सभी पाबंदियां हटाना महत्वपूर्ण मुद्दा है.

खान ने ट्रंप से यह भी कहा कि स्थिति का जायजा लेने के लिए मानवाधिकार इकाइयों के प्रतिनिधियों को कश्मीर भेजा जाना चाहिए.

मोदी और खान से बातचीत के बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, 'अपने दो अच्छे दोस्तों, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और सबसे अधिक महत्वपूर्ण कश्मीर में तनाव कम करने को लेकर बात की.

उन्होंने लिखा, मुश्किल स्थिति, लेकिन अच्छी बातचीत...

पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के PM को किया कॉल, आतंकवाद पर चर्चा

व्हाइट हाउस के प्रधान उप प्रेस सचिव होगन गिडले ने कहा कि ट्रम्प ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों और अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी पर चर्चा करने के लिए मोदी से बात की.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया.

गिडले ने कहा कि दोनों नेताओं ने आगे इस बारे में भी चर्चा की कि वे व्यापार में बढ़ोतरी के जरिए किस तरह अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेंगे, और वे जल्द फिर से मिलने को लेकर आशान्वित हैं.

मोदी और ट्रम्प के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने खान से कहा था कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय ढंग से कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं.

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है. इस्लामाबाद ने भारत के कदम को एकतरफा करार दिया है.

वहीं, भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि संबंधित मुद्दा भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए.

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Last Updated : Sep 27, 2019, 5:37 PM IST
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