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बांग्लादेश में आतंकवादी संगठन का शीर्ष नेता गिरफ्तार

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Published : Jul 17, 2021, 9:44 AM IST

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसार अल-इस्लाम और हेफाजत-ए-इस्लाम के शीर्ष नेता महमूद हसन गुनबी को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गिरफ्तार किया गया है.

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ढाका : रैपिड एक्शन बटालियन के लीगल एंड मीडिया विंग के निदेशक कमांडर खांडाकर अल मोइन ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसार अल-इस्लाम और हेफाजत-ए-इस्लाम के शीर्ष नेता महमूद हसन गुनबी को शुक्रवार शाम ढाका के तटबंध क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.

गुनबी मासूम लड़के-लड़कियों को बहकाता था और कहता था कि इस्लाम का पालन करने के लिए खुद को आतंकवादी और आत्मघाती आतंकवादी सदस्य के रूप में पेश करना जरूरी है. उसने कबूल किया कि वह विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों को गुप्त रूप से आत्मघाती आतंकवादी बनाने के लिए सम्मोहित करना जानता है.

मदरसे के छात्र रिश्तेदारों, परिवार और दोस्तों से अलग रहते हैं. प्रशिक्षुओं को जीवन, समाज, राजनीति, संस्कृति और विज्ञान से दूर रखा जाता है. तब उनका मन धार्मिक गलत व्याख्याओं और सामान्य जीवन के प्रति घृणा से भयभीत हो जाता है. नतीजतन, प्रशिक्षु अपनी भावनाओं, बुद्धि, पारिवारिक संबंधों, न्यायिक ज्ञान आदि को खो देते हैं.

इस तरह से किशोर अपना दिमाग खो कर खुद को क्रूर उग्रवादी के रूप में विकसित करते हैं. 5 मई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की छापेमारी में ढाका से गिरफ्तार किए गए आतंकवादी अल शाकिब (20) ने कबूल किया था कि वह गुनबी से प्रभावित था और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के आत्मघाती हमलावर के रूप में खुद को बदलने और बाद में उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने में विशेष भूमिका निभाई थी.

आतंकवादी संगठन दावत ए इस्लाम का सरगना गुनबी, हूजी, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन इत्यादि के जरिए इस्लाम के नाम से निर्दोष लोगों को आतंकवादी गतिविधि में शामिल करता था. उसने आरएबी के साथ अपने इकबालिया बयान में खुद को अल कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन दावत ए इस्लाम बांग्लादेश का प्रमुख होने का दावा किया.

अभियान के दौरान जिहादी किताबें और पर्चे बरामद किए गए. कमांडर मोइन ने बताया कि गुनबी महिलाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा था. उसके कई करीबी सहयोगी, सैफुल इस्लाम, अब्दुल हमीद, अनीसुर रहमान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

गुनबी अपने फैलते उग्रवाद को छिपाने के लिए छाया संगठन चलाता था. उन्हें दावत ए इस्लाम के मन्हाजी सदस्य कहा जाता है. उन सदस्यों ने संगठन के भीतर उग्रवादी सदस्य बनाए. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर उग्रवाद और आतंकवाद को भी उकसाया. उन्होंने दावत इस्लाम के बैनर में अन्य धर्मों के अनुयायियों को शामिल करने और उग्रवाद में शामिल होने के लिए विशेष पहल की.

इस मामले में, वे विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक पश्चाताप को जगाने के लिए एक रणनीति का उपयोग करते हैं. गुनबी, हूजी के शीर्ष उग्रवादियों में से एक, पहली बार हूजी (बी) से जुड़ा था. जो एक इस्लामी आतंकवादी संगठन था, जो 1990 के दशक की शुरूआत से पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के दक्षिण एशियाई देशों में सक्रिय था. बांग्लादेश में 2005 में आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान में जल्दबाजी में अमेरिकी सैनिकों की वापसी से अस्थिरता बढ़ी: लावरोव

बाद में, वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जमात ए इस्लाम की छात्र शाखा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के संस्थापकों में से एक जसीम उद्दीन रहमानी के संपर्क में आया. रहमानी के करीबी सहयोगी के रूप में, उसपर दार्शनिक अविजित रॉय, बांग्लादेश के अन्य बुद्धिजीवियों और विचारकों जैसे राजीव, दीपोन की हत्या का आरोप भी है.

(आईएएनएस)

ढाका : रैपिड एक्शन बटालियन के लीगल एंड मीडिया विंग के निदेशक कमांडर खांडाकर अल मोइन ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसार अल-इस्लाम और हेफाजत-ए-इस्लाम के शीर्ष नेता महमूद हसन गुनबी को शुक्रवार शाम ढाका के तटबंध क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.

गुनबी मासूम लड़के-लड़कियों को बहकाता था और कहता था कि इस्लाम का पालन करने के लिए खुद को आतंकवादी और आत्मघाती आतंकवादी सदस्य के रूप में पेश करना जरूरी है. उसने कबूल किया कि वह विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों को गुप्त रूप से आत्मघाती आतंकवादी बनाने के लिए सम्मोहित करना जानता है.

मदरसे के छात्र रिश्तेदारों, परिवार और दोस्तों से अलग रहते हैं. प्रशिक्षुओं को जीवन, समाज, राजनीति, संस्कृति और विज्ञान से दूर रखा जाता है. तब उनका मन धार्मिक गलत व्याख्याओं और सामान्य जीवन के प्रति घृणा से भयभीत हो जाता है. नतीजतन, प्रशिक्षु अपनी भावनाओं, बुद्धि, पारिवारिक संबंधों, न्यायिक ज्ञान आदि को खो देते हैं.

इस तरह से किशोर अपना दिमाग खो कर खुद को क्रूर उग्रवादी के रूप में विकसित करते हैं. 5 मई को कानून प्रवर्तन एजेंसियों की छापेमारी में ढाका से गिरफ्तार किए गए आतंकवादी अल शाकिब (20) ने कबूल किया था कि वह गुनबी से प्रभावित था और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के आत्मघाती हमलावर के रूप में खुद को बदलने और बाद में उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने में विशेष भूमिका निभाई थी.

आतंकवादी संगठन दावत ए इस्लाम का सरगना गुनबी, हूजी, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन इत्यादि के जरिए इस्लाम के नाम से निर्दोष लोगों को आतंकवादी गतिविधि में शामिल करता था. उसने आरएबी के साथ अपने इकबालिया बयान में खुद को अल कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन दावत ए इस्लाम बांग्लादेश का प्रमुख होने का दावा किया.

अभियान के दौरान जिहादी किताबें और पर्चे बरामद किए गए. कमांडर मोइन ने बताया कि गुनबी महिलाओं को आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहा था. उसके कई करीबी सहयोगी, सैफुल इस्लाम, अब्दुल हमीद, अनीसुर रहमान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

गुनबी अपने फैलते उग्रवाद को छिपाने के लिए छाया संगठन चलाता था. उन्हें दावत ए इस्लाम के मन्हाजी सदस्य कहा जाता है. उन सदस्यों ने संगठन के भीतर उग्रवादी सदस्य बनाए. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर उग्रवाद और आतंकवाद को भी उकसाया. उन्होंने दावत इस्लाम के बैनर में अन्य धर्मों के अनुयायियों को शामिल करने और उग्रवाद में शामिल होने के लिए विशेष पहल की.

इस मामले में, वे विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक पश्चाताप को जगाने के लिए एक रणनीति का उपयोग करते हैं. गुनबी, हूजी के शीर्ष उग्रवादियों में से एक, पहली बार हूजी (बी) से जुड़ा था. जो एक इस्लामी आतंकवादी संगठन था, जो 1990 के दशक की शुरूआत से पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के दक्षिण एशियाई देशों में सक्रिय था. बांग्लादेश में 2005 में आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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बाद में, वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जमात ए इस्लाम की छात्र शाखा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के संस्थापकों में से एक जसीम उद्दीन रहमानी के संपर्क में आया. रहमानी के करीबी सहयोगी के रूप में, उसपर दार्शनिक अविजित रॉय, बांग्लादेश के अन्य बुद्धिजीवियों और विचारकों जैसे राजीव, दीपोन की हत्या का आरोप भी है.

(आईएएनएस)

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