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श्रीलंका में शीर्ष पुलिस अधिकारी गिरफ्तार, सबूत छिपाने का आरोप - पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक वास गुनावार्डेना

श्रीलंका में हथियार से जुड़े एक मामले में एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया. पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक वास गुनावार्डेना से जुड़े हथियार मामले में सबूत छिपाने के आरोपी हैं.

पुलिस अधिकारी गिरफ्तार
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Published : Jul 31, 2020, 7:44 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका में हथियार से जुड़े एक मामले में सबूत छिपाने के आरोप में शुक्रवार को एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया. आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के पूर्व निदेशक शानी अबयेसेकरा पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक वास गुनावार्डेना (Gunawardena) से जुड़े हथियार मामले में सबूत छिपाने के आरोपी हैं. गुनावार्डेना जेल में हैं.

गुनावार्डेना को 2018 में कोलंबो उच्च न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई थी. वे अबयेसेकरा को धमकी देने के मामले में दोषी पाए गए थे. अबेसेकरा गुनावार्डेना के खिलाफ हत्या के एक मामले की जांच कर रहे थे. गुनावार्डेना को 2013 में एक कारोबारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया.

यह भी पढ़ेंः तबलीगी जमात के सदस्य सरकार को दें अपनी पूरी जानकारी : सुप्रीम कोर्ट

अबयेसेकरा को नवंबर मे राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपराध जांचने वाले पुलिसकर्मी की भूमिका से हटाकर प्रांत में भेज दिया गया. वे राजपक्षे प्रशासन के खिलाफ 2005 से 2015 के बीच भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे हैं. महिंदा राजपक्षे इस अवधि में देश के राष्ट्रपति थे. इनकी जांच में राजपक्षे परिवार के कई सदस्यों और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया.

कोलंबो : श्रीलंका में हथियार से जुड़े एक मामले में सबूत छिपाने के आरोप में शुक्रवार को एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया. आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के पूर्व निदेशक शानी अबयेसेकरा पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक वास गुनावार्डेना (Gunawardena) से जुड़े हथियार मामले में सबूत छिपाने के आरोपी हैं. गुनावार्डेना जेल में हैं.

गुनावार्डेना को 2018 में कोलंबो उच्च न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई थी. वे अबयेसेकरा को धमकी देने के मामले में दोषी पाए गए थे. अबेसेकरा गुनावार्डेना के खिलाफ हत्या के एक मामले की जांच कर रहे थे. गुनावार्डेना को 2013 में एक कारोबारी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया.

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अबयेसेकरा को नवंबर मे राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपराध जांचने वाले पुलिसकर्मी की भूमिका से हटाकर प्रांत में भेज दिया गया. वे राजपक्षे प्रशासन के खिलाफ 2005 से 2015 के बीच भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे हैं. महिंदा राजपक्षे इस अवधि में देश के राष्ट्रपति थे. इनकी जांच में राजपक्षे परिवार के कई सदस्यों और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया.

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