ढाका : बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ग्रामीण विकास और सहकारिता मंत्री तजुल इस्लाम को निशाना बनाकर धमाका किया गया. इस हमले में दो पुलसकर्मी घायल हो गए. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है.
धमाके के कुछ घंटों बाद SITE इंटेलिजेंस ग्रुप ने बताया कि इसमें ISIS का हाथ है. SITE एक अमेरिकी कंपनी है, जो सफेद वर्चस्ववादी और जिहादी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधि को ट्रैक करता है.
स्थानीय अखबार ने पुलिस और चश्मदीदों के हवाले से बताया कि शनिवार रात जब ताजुल इस्लाम साइंस लैब चौराहे से गुजर रहे थे तभी उन पर बम फेंका गया. इस हमले में वे बाल-बाल बच गए.
अखबार ने सहायक उपनिरीक्षक एबी शहाबुद्दीन के हवाले से लिखा, 'मंत्री के सुरक्षा दल में छह पुलिसकर्मी थे. घटना के समय मंत्री बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के कार्यक्रम में जा रहे थे. साइंस लैब चौराहे के पास हम लाल बत्ती की वजह से फंस गए. मैं वाहन से उतरकर यातायात पुलिस से मंत्री के लिए रास्ता साफ करने के लिए कहने जा रहा था तभी विस्फोट हुआ.'
विस्फोट में शहाबुद्दीन के अलावा यातायात पुलिस आरक्षक अमीनुल इस्लाम भी घायल हो गए. दोनों को ढाका चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती कराया गया है और दोनों खतरे से बाहर हैं.
ढाका महानगर पुलिस आयुक्त असदुज्जमान मिया ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है.
गौरतलब है कि बांग्लादेश की सरकार देश में ISIS की मौजूदगी से हमेशा इनकार करती रही है. हालांकि, भारतीय प्रायद्वीप में आईएसआईएस और अलकायदा ने कुछ धमाकों की जिम्मेदारी ली है.
नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि धमाके में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से मिलते-जुलते बम का प्रयोग किया गया था. ऐसे ही तत्व बीते 24 जुलाई को ढाका के पल्टन और खमरबाड़ी में बरामद किए गए थे.
पढ़ें: बोको हराम के हमले में मारे गए आठ नाइजीरियाई
अधिकारी ने बताया, 'संदेह है कि इस हमले के पीछे वहीं आतंकी संगठन है, जिसने पलटन और खमरबाड़ी में आईईडी हमला किया था.'
उन्होंने आगे बताया कि 26 मई को मालीबाग चौराहे पर एक पुलिस पिकअप के पास बम फटने से एक महिला पुलिस अधिकारी सहित दो लोग घायल हो गए थे. वहीं, 29 अप्रैल को गुलिस्तान में हुए विस्फोट में दो ट्रेफिक पुलिस कांस्टेबल और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
जांच में पाया गया है कि बम फटने से कुछ दिन पहले पलटन, खमरबारी, गुलिस्तान और मालीबाग स्पॉट के पास लगे सीसीटीवी कैमरे क्षतिग्रस्त हो गए थे.