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'तालिबानी तांडव' के लिए ISI का फरमान, अफगानिस्तान में भारतीय निर्माण पर निशाना !

इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने तालिबानी लड़ाको के लिए नया फरमान जारी किया है. फरमान में अफगानिस्तान में तालीबानी लड़ाकों को अफगानिस्तान में भारत के द्वारा-निर्मित संपत्तियों को टारगेट करने के लिए कहा गया है.

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Published : Jul 18, 2021, 6:48 PM IST

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इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी और तालिबानी लड़ाके शामिल है और उन्हें बीते कुछ सालों में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत के द्वारा-निर्मित संपत्तियों को लक्षित करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने दिया गया है.

गौर हो कि भारत सरकार ने पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के प्रयास में 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश किया है. डेलाराम और जरांज सलमा बांध के बीच 218 किलोमीटर की सड़क बनाई है. इसके अलावा भारत ने अफगान संसद भवन का निर्माण करवाया है, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था, यह अफगान लोगों के लिए भारतीय योगदान के सबसे बड़े प्रतीक हैं.

अनुमान और सूत्रों के अनुसार, अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ तालिबान के हमले का खुलकर समर्थन करने के लिए 10,000 से अधिक पाकिस्तानियों ने अफगानिस्तान में युद्ध क्षेत्र में प्रवेश किया है.

पढ़ें :- अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी के साथ पाकिस्तान में बेरहमी से मारपीट

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी और तालिबान लड़ाकों को विशेष-निर्देश के साथ भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को टारगेट करने और वहां भारतीय सद्भावना के किसी भी संकेत को मिटाने के लिए भेजा गया है. अफगानिस्तान की निगरानी करने वाले सरकारी सूत्रों यह जानकारी दी है.

भारत ने अफगानिस्तान में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. हक्कानी नेटवर्क सहित पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ वर्षों से अत्यधिक सक्रिय हैं.

(एएनआई)

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी और तालिबानी लड़ाके शामिल है और उन्हें बीते कुछ सालों में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत के द्वारा-निर्मित संपत्तियों को लक्षित करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने दिया गया है.

गौर हो कि भारत सरकार ने पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के प्रयास में 3 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश किया है. डेलाराम और जरांज सलमा बांध के बीच 218 किलोमीटर की सड़क बनाई है. इसके अलावा भारत ने अफगान संसद भवन का निर्माण करवाया है, जिसका उद्घाटन 2015 में किया गया था, यह अफगान लोगों के लिए भारतीय योगदान के सबसे बड़े प्रतीक हैं.

अनुमान और सूत्रों के अनुसार, अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ तालिबान के हमले का खुलकर समर्थन करने के लिए 10,000 से अधिक पाकिस्तानियों ने अफगानिस्तान में युद्ध क्षेत्र में प्रवेश किया है.

पढ़ें :- अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी के साथ पाकिस्तान में बेरहमी से मारपीट

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी और तालिबान लड़ाकों को विशेष-निर्देश के साथ भारत द्वारा निर्मित संपत्तियों को टारगेट करने और वहां भारतीय सद्भावना के किसी भी संकेत को मिटाने के लिए भेजा गया है. अफगानिस्तान की निगरानी करने वाले सरकारी सूत्रों यह जानकारी दी है.

भारत ने अफगानिस्तान में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. हक्कानी नेटवर्क सहित पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में भारत के खिलाफ वर्षों से अत्यधिक सक्रिय हैं.

(एएनआई)

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