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अफगानिस्तान : अमेरिका के साथ शांति समझौते के बाद तालिबान ने 95 हमले किए - अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका के साथ पिछले महीने शांति समझौता होने के बावजूद तालिबान पिछले 24 घंटों में दस प्रांतों में अफगान सेना के खिलाफ 95 हमले कर चुका है.

प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Mar 15, 2020, 1:35 PM IST

काबुल : अमेरिका के साथ पिछले महीने शांति समझौता होने के बावजूद तालिबान ने पिछले 24 घंटों में दस प्रांतों में अफगान सेना के खिलाफ 95 हमले किए हैं. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

टोलो न्यूज के मुताबिक, मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कपिसा, लगमान, कुनर, बल्ख, हेलमंद, फरयाब, बदख्शां, कुंदुज, वरदक और लोगर में रॉकेट से हमला, गोलाबारी और सड़क किनारे बम विस्फोट जैसी घटनाएं हुई हैं.

पिछले सप्ताह, कार्यवाहक रक्षा मंत्री असदुल्लाह खालिद ने तालिबान के हमले बढ़ने पर प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी थी कि 14 मार्च के बाद अफगान सेना रक्षात्मक मोड में नहीं रहेगी.

अंतर-अफगान वार्ता शुरू करने और दशकों से युद्ध की मार झेल रहे अफगानिस्तान में युद्ध स्थिति के अंत के उद्देश्य से दोहा में 29 फरवरी को ऐतिहासिक अमेरिका-तालिबान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.

हालांकि, दस मार्च को ओस्लो में शुरू होने वाली अंतर-अफगान वार्ता तालिबानी कैदी की रिहाई के समय संबंधी मुद्दों के कारण विलंबित हो गई.

इराक में अमेरिकी सैनिकों के ठिकाने पर रॉकेट से हमले : अधिकारी

सूत्रों के अनुसार, अगर पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा कर दिया जाता है, तो बातचीत कुछ दिनों के भीतर शुरू हो सकती है.

काबुल : अमेरिका के साथ पिछले महीने शांति समझौता होने के बावजूद तालिबान ने पिछले 24 घंटों में दस प्रांतों में अफगान सेना के खिलाफ 95 हमले किए हैं. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

टोलो न्यूज के मुताबिक, मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कपिसा, लगमान, कुनर, बल्ख, हेलमंद, फरयाब, बदख्शां, कुंदुज, वरदक और लोगर में रॉकेट से हमला, गोलाबारी और सड़क किनारे बम विस्फोट जैसी घटनाएं हुई हैं.

पिछले सप्ताह, कार्यवाहक रक्षा मंत्री असदुल्लाह खालिद ने तालिबान के हमले बढ़ने पर प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी थी कि 14 मार्च के बाद अफगान सेना रक्षात्मक मोड में नहीं रहेगी.

अंतर-अफगान वार्ता शुरू करने और दशकों से युद्ध की मार झेल रहे अफगानिस्तान में युद्ध स्थिति के अंत के उद्देश्य से दोहा में 29 फरवरी को ऐतिहासिक अमेरिका-तालिबान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.

हालांकि, दस मार्च को ओस्लो में शुरू होने वाली अंतर-अफगान वार्ता तालिबानी कैदी की रिहाई के समय संबंधी मुद्दों के कारण विलंबित हो गई.

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सूत्रों के अनुसार, अगर पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा कर दिया जाता है, तो बातचीत कुछ दिनों के भीतर शुरू हो सकती है.

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