ETV Bharat / international

मलेशिया के सुल्तान ने राजनीतिक पार्टियों से कलह खत्म करने का किया आग्रह - सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान अहमद शाह

मलेशिया के सुल्तान ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान उनके बीच राजनीतिक कलह को खत्म करने का आह्वान किया हैं. वहीं सुल्तान ने देश में कोरोना वायरस की बदतर होती स्थिति के बीच नए प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

sultan
sultan
author img

By

Published : Aug 17, 2021, 7:37 PM IST

कुआलालंपुर : मलेशिया के सुल्तान ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान उनके बीच राजनीतिक कलह को खत्म करने का आह्वान किया हैं. वहीं लेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने करीब 18 महीने पद पर रहने के बाद सोमवार को इस्तीफा दे दिया था.

माना जाता है कि उनकी सरकार कोविड-19 महामारी का ठीक तरह से प्रबंध नहीं कर पाई थी. जिस वजह से उन पर जनता की नाराजगी का दबाव था और यही वजह रही कि उन्होंने पद से त्याग पत्र दे दिया है. मलेशिया में दुनिया में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा संक्रमण दर और मृत्यु दर है. देश में सात महीने से आपातकाल लागू है और जून से लॉकडाउन लगा है. बावजूद इसके दैनिक मामलों की संख्या 20000 के पार है.

सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान अहमद शाह ने आम चुनाव कराए जाने की संभावना से इनकार किया है क्योंकि देश के कई हिस्से रेड जोन के दायरे में हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं अपर्याप्त हैं. हालांकि यासीन को तब तक के लिए कार्यवाहक (केयर टेकर) प्रधानमंत्री नियुक्ति किया गया है. जब तक उनके उत्तराधिकारी का फैसला नहीं हो जाता है.

विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम उन आठ पार्टियों के नेताओं में शामिल थे जिन्हें महल में सुल्तान ने बैठक के लिए बुलाया था. उन्होंने कहा कि बैठक में सुल्तान ने आग्रह किया कि वे अपनी कलह खत्म करें. उनके मुताबिक, सुल्तान ने जोर दिया कि नया नेता प्रतिशोधी नहीं होना चाहिए और सभी पार्टियों को महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को उबारने में सहयोग देना चाहिए.

इब्राहिम ने महल के बाहर पत्रकारों से कहा कि मुद्दा नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने का नहीं है बल्कि सुल्तान का जोर एक नया राजनीतिक परिदृश्य बनाने की जरूरत पर है. जो लोगों के लिए अधिक शांतिपूर्ण हो. यासीन के गठबंधन में सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी राय रखी.

देश में सुल्तान की भूमिका रस्मी है लेकिन वह उस शख्स को प्रधानमंत्री नियुक्ति कर सकते हैं जिनके बारे में वह समझते हैं कि उसे प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में बहुमत हासिल है. संसद में साधारण बहुमत के लिए 111 सदस्यों की जरूरत होती है जो फिलहाल किसी दल या गठबंधन के पास नहीं है.

सुल्तान ने सभी सांसदों से व्यक्तिगत रूप से बात की है. उनसे बुधवार तक प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पसंद के उम्मीदवार का नाम देने को कहा है. विपक्ष में इब्राहिम की तीन पार्टियों के गठबंधन के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं और उसने इब्राहिम का नाम आगे किया है लेकिन उसके पास 90 से कम सांसद हैं.

यह भी पढ़ें-

इब्राहिम के लिए तब अच्छी खबर आई जब पूर्वी सबाह राज्य की एक पार्टी जिसके आठ सांसद हैं, ने कहा कि अगर इब्राहिम पर्याप्त संख्या बल जुटा सकते हैं तो वह उनका समर्थन करेगी.

कुआलालंपुर : मलेशिया के सुल्तान ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान उनके बीच राजनीतिक कलह को खत्म करने का आह्वान किया हैं. वहीं लेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने करीब 18 महीने पद पर रहने के बाद सोमवार को इस्तीफा दे दिया था.

माना जाता है कि उनकी सरकार कोविड-19 महामारी का ठीक तरह से प्रबंध नहीं कर पाई थी. जिस वजह से उन पर जनता की नाराजगी का दबाव था और यही वजह रही कि उन्होंने पद से त्याग पत्र दे दिया है. मलेशिया में दुनिया में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा संक्रमण दर और मृत्यु दर है. देश में सात महीने से आपातकाल लागू है और जून से लॉकडाउन लगा है. बावजूद इसके दैनिक मामलों की संख्या 20000 के पार है.

सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान अहमद शाह ने आम चुनाव कराए जाने की संभावना से इनकार किया है क्योंकि देश के कई हिस्से रेड जोन के दायरे में हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं अपर्याप्त हैं. हालांकि यासीन को तब तक के लिए कार्यवाहक (केयर टेकर) प्रधानमंत्री नियुक्ति किया गया है. जब तक उनके उत्तराधिकारी का फैसला नहीं हो जाता है.

विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम उन आठ पार्टियों के नेताओं में शामिल थे जिन्हें महल में सुल्तान ने बैठक के लिए बुलाया था. उन्होंने कहा कि बैठक में सुल्तान ने आग्रह किया कि वे अपनी कलह खत्म करें. उनके मुताबिक, सुल्तान ने जोर दिया कि नया नेता प्रतिशोधी नहीं होना चाहिए और सभी पार्टियों को महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को उबारने में सहयोग देना चाहिए.

इब्राहिम ने महल के बाहर पत्रकारों से कहा कि मुद्दा नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने का नहीं है बल्कि सुल्तान का जोर एक नया राजनीतिक परिदृश्य बनाने की जरूरत पर है. जो लोगों के लिए अधिक शांतिपूर्ण हो. यासीन के गठबंधन में सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी राय रखी.

देश में सुल्तान की भूमिका रस्मी है लेकिन वह उस शख्स को प्रधानमंत्री नियुक्ति कर सकते हैं जिनके बारे में वह समझते हैं कि उसे प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में बहुमत हासिल है. संसद में साधारण बहुमत के लिए 111 सदस्यों की जरूरत होती है जो फिलहाल किसी दल या गठबंधन के पास नहीं है.

सुल्तान ने सभी सांसदों से व्यक्तिगत रूप से बात की है. उनसे बुधवार तक प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पसंद के उम्मीदवार का नाम देने को कहा है. विपक्ष में इब्राहिम की तीन पार्टियों के गठबंधन के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं और उसने इब्राहिम का नाम आगे किया है लेकिन उसके पास 90 से कम सांसद हैं.

यह भी पढ़ें-

इब्राहिम के लिए तब अच्छी खबर आई जब पूर्वी सबाह राज्य की एक पार्टी जिसके आठ सांसद हैं, ने कहा कि अगर इब्राहिम पर्याप्त संख्या बल जुटा सकते हैं तो वह उनका समर्थन करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.