श्रीलंका : श्रीलंका (Sri Lanka) के तट के पास केमिकल से लदा एक मालवाहक जहाज (Container Ship) में समुद्र की खराब स्थिति और अदृश्यता के कारण ईंधन के रिसाव का पता नहीं चल पा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि जहाज डूबने की कगार पर है. इसके डूबने से पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई जा रही है.
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श्रीलंकाई नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि गोताखोरों ने रविवार को जहाज में ईंधन के रिसाव की तलाश की थी, लेकिन समुद्र की खराब स्थिति के कारण मिशन को पूरा नहीं कर सके.
अधिकारियों ने कहा कि तेल या रासायनिक के रिसाव के कोई संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन पर्यावरणविदों ने संभावित पर्यावरणीय आपदा की चेतावनी दी है. कहा गया है कि सैकड़ों टन इंजन ऑयल समंदर में पहुंचने से समुद्री जीवों को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
12 दिनों तक की आग बुझाने की कोशिश
बता दें, श्रीलंका और भारत की नौसेनाओं ने मिलकर 12 दिनों तक जहाज में लगी आग को बुझाने की कोशिश की थी, ताकि ये टूटकर डूब न जाए. जहाज में 20 मई को आग लगी थी और बीते बुधवार (2 जून) से यह टूटकर डूब रहा है. जहाज को कोलंबो के बंदरगाह से दूर ले जाने के प्रयास विफल रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि इसका स्टर्न अभी भी लगभग 21 मीटर (70 फीट) की गहराई पर नीचे की ओर टिका हुआ है और आगे का हिस्सा धीरे-धीरे नीचे की ओर जा रहा है.
आग ने जहाज के अधिकांश माल को नष्ट कर दिया है, जिसमें 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायन शामिल थे, लेकिन ऐसी आशंका है कि रसायन और सैकड़ों टन ईंधन तेल समुद्र में लीक हो सकता है, इससे समुद्री जीवन और द्वीप राष्ट्र के समुद्र तटों को और अधिक प्रदूषित कर सकता है.
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वहीं, इस घटना के चलते सरकार ने लगभग 80 किलोमीटर (50 मील) समुद्र तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कोलंबो की एक अदालत ने जहाज के कप्तान, मुख्य अभियंता और सहायक अभियंता के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने कहा है कि वह क्षतिपूर्ति के लिए जहाज के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.