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'अमेरिका का तथाकथित 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' दुनिया का करेगा ध्रुवीकरण'

अमेरिका के नेतृत्व में तथाकथित 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' (लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन) लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और यह दुनिया का और ध्रुवीकरण करेगा, जिसके परिणामस्वरूप नए गुटों का उदय होगा.

democracy summit
समिट फॉर डेमोक्रेसी
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Published : Dec 4, 2021, 4:16 PM IST

इस्लामाबाद : अमेरिका के नेतृत्व में तथाकथित 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' (लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन) लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और यह दुनिया का और ध्रुवीकरण करेगा, जिसके परिणामस्वरूप नए गुटों का उदय होगा.

पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही.

'लोकतंत्र शिखर सम्मेलन, अलोकतांत्रिक प्रथा' शीर्षक वाले लेख में कहा गया है, यह एक बुरा संकेत है, क्योंकि दुनिया को महामारी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य असुरक्षा, पानी और ऊर्जा के मुद्दों से निपटने के लिए सहयोग और संयुक्त प्रयासों की सख्त जरूरत है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने लेख के हवाले से बताया कि अमेरिका ने केवल सीमित संख्या में देशों और समुदायों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है और अन्य प्रणालियों और देशों के बहिष्कार से पता चलता है कि वह विविधता की परवाह नहीं करता है.

पढ़ें :- यूक्रेन पर हमले को लेकर बाइडेन ने पुतिन को चेताया

लोकतंत्र के नाम पर पश्चिमी हस्तक्षेप ने कई देशों को नष्ट कर दिया है, जिससे लाखों लोग भूख से मर रहे हैं और सैकड़ों-हजारों निर्दोष लोग लोकतंत्र की शुरूआत की प्रक्रिया के दौरान मारे गए हैं.

बता दें कि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि इस बैठक में भाग लेने वाले लोग इस पर चर्चा करेंगे कि दुनियाभर के लोकतंत्र के लिए खड़े होने के वास्ते एक साथ मिलकर कैसे काम किया जाए.

चीन ने भी हाल ही में 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' को लेकर अपना विरोध जताया है.

(आईएएनएस)

इस्लामाबाद : अमेरिका के नेतृत्व में तथाकथित 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' (लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन) लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है और यह दुनिया का और ध्रुवीकरण करेगा, जिसके परिणामस्वरूप नए गुटों का उदय होगा.

पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही.

'लोकतंत्र शिखर सम्मेलन, अलोकतांत्रिक प्रथा' शीर्षक वाले लेख में कहा गया है, यह एक बुरा संकेत है, क्योंकि दुनिया को महामारी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य असुरक्षा, पानी और ऊर्जा के मुद्दों से निपटने के लिए सहयोग और संयुक्त प्रयासों की सख्त जरूरत है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने लेख के हवाले से बताया कि अमेरिका ने केवल सीमित संख्या में देशों और समुदायों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है और अन्य प्रणालियों और देशों के बहिष्कार से पता चलता है कि वह विविधता की परवाह नहीं करता है.

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लोकतंत्र के नाम पर पश्चिमी हस्तक्षेप ने कई देशों को नष्ट कर दिया है, जिससे लाखों लोग भूख से मर रहे हैं और सैकड़ों-हजारों निर्दोष लोग लोकतंत्र की शुरूआत की प्रक्रिया के दौरान मारे गए हैं.

बता दें कि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि इस बैठक में भाग लेने वाले लोग इस पर चर्चा करेंगे कि दुनियाभर के लोकतंत्र के लिए खड़े होने के वास्ते एक साथ मिलकर कैसे काम किया जाए.

चीन ने भी हाल ही में 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' को लेकर अपना विरोध जताया है.

(आईएएनएस)

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