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दक्षिण एशिया में शांति के लिए कश्मीर मुद्दे का न्यायसंगत समाधान जरूरी : इमरान खान - कश्मीर मुद्दे का समाधान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है. जम्मू-कश्मीर के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन के विशेष दूत यूसुफ एल्डोबे से बात करते हुए खान ने कहा कि कश्मीर का न्यायसंगत समाधान दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए एक जरूरी शर्त है.

इमरान खान
इमरान खान
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Published : Nov 9, 2021, 3:12 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि दक्षिण एशिया में स्थाई शांति एवं स्थिरता के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार कश्मीर मुद्दे का न्यायसंगत समाधान जरूरी है.

खान ने यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विशेष दूत, यूसुफ एल्डोबे से बात करते हुए की. एल्डोबे ने मानवीय मामलों के सहायक महासचिव तारिग बख्त और ओआईसी प्रतिनिधिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ उनसे मुलाकात की.

भारत ने पूर्व में ओआईसी से कहा है कि देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी के लिए वह निहित स्वार्थी तत्वों को मंच का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अगस्त में कहा था, 'ओआईसी का केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न अंग है. यह दोहराया जाता है कि ओआईसी महासचिव को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.'

खान ने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार कश्मीर का न्यायसंगत समाधान दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए एक पूर्वापेक्षा है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि खान ने मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए मानवाधिकार संगठनों और मीडिया की जम्मू-कश्मीर में पहुंच की भी मांग की.

यह भी पढ़ें- चीन-पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अफगानिस्तान को सहायता भेजने की अपील

उन्होंने आरोप लगाया कि 5 अगस्त, 2019 से भारत की एकतरफा कार्रवाई का उद्देश्य कश्मीरियों को मताधिकार से वंचित करना और जनसांख्यिकीय संरचना को बदलना है.

गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है. इसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि दक्षिण एशिया में स्थाई शांति एवं स्थिरता के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार कश्मीर मुद्दे का न्यायसंगत समाधान जरूरी है.

खान ने यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विशेष दूत, यूसुफ एल्डोबे से बात करते हुए की. एल्डोबे ने मानवीय मामलों के सहायक महासचिव तारिग बख्त और ओआईसी प्रतिनिधिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ उनसे मुलाकात की.

भारत ने पूर्व में ओआईसी से कहा है कि देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी के लिए वह निहित स्वार्थी तत्वों को मंच का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अगस्त में कहा था, 'ओआईसी का केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न अंग है. यह दोहराया जाता है कि ओआईसी महासचिव को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.'

खान ने दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार कश्मीर का न्यायसंगत समाधान दक्षिण एशिया में स्थाई शांति और स्थिरता के लिए एक पूर्वापेक्षा है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि खान ने मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए मानवाधिकार संगठनों और मीडिया की जम्मू-कश्मीर में पहुंच की भी मांग की.

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उन्होंने आरोप लगाया कि 5 अगस्त, 2019 से भारत की एकतरफा कार्रवाई का उद्देश्य कश्मीरियों को मताधिकार से वंचित करना और जनसांख्यिकीय संरचना को बदलना है.

गौरतलब है कि 5 अगस्त, 2019 को भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है. इसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी दुष्प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है.

(पीटीआई-भाषा)

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