इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को तीन वर्ष के लिए और बढ़ाने संबंधी अधिसूचना पर मंगलवार को यह कहते हुए रोक लगा दी कि इसमें प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.
यह फैसला इमरान खान सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात है क्योंकि खान ने क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला देते हुए बाजवा को दूसरा कार्यकाल दिया था.
यह फैसला बाजवा की 29 नवंबर को होने जा रही सेवानिवृत्ति से ठीक पहले आया है.
जियो न्यूज ने मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा के हवाले से बताया, यह पूरी प्रक्रिया ही उल्टी थी. पहले मंत्रिमंडल से मंजूरी लेनी थी, उसके बाद प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति को इस पर सलाह देनी चाहिए थी.
इस घटनाक्रम के बाद खान ने तत्काल मंत्रिमंडल की बैठक की और जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने वाली अधिसूचना वापस ले ली. इसके बाद शिक्षा मंत्री शफकात महमूद ने पत्रकारों को बताया कि पहले वाली अधिसूचना वापस ले ली गई है और उच्चतम न्यायालय की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाया गया है.
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इसी बीच पाकिस्तान के विधि मंत्री फारोग नसीम ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, ताकि वह बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व कर सकें.