गुवाहाटी: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के आर्थिक सलाहकार ए के एम मशीउर रहमान ने कहा कि रैडक्लिफ रेखा को अंतिम विदाई दे देनी चाहिए क्योंकि इसने पड़ोसियों के बीच अवरोधक पैदा किये हैं तथा दक्षिण एशिया में व्यापार और वाणिज्य को अवरुद्ध किया है.
रहमान ने यहां दो दिवसीय भारत-बांग्लादेश हितधारक बैठक के पहले दिन अपने संबोधन में कहा कि अलगाव कोई समाधान नहीं है तथा व्यापक आर्थिक क्षेत्र में काम करने के लिए दुनिया में मजबूत साझेदार जरूरी हैं.
रैडक्लिफ रेखा ब्रिटिश भारत के समय के पंजाब और बंगाल के भारतीय तथा पाकिस्तानी हिस्सों के बीच सीमा निर्धारण की रेखा है. इसके रचनाकार सर साइरिल रैडक्लिफ के नाम पर इसका नाम रखा गया था.
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उन्होंने कहा, रैडक्लिफ द्वारा बनाई गयी सीमाओं को अंतिम विदाई दी जानी चाहिए. इस बारे में मजबूत राय है कि रैडक्लिफ से हमारी भविष्य तय नहीं होना चाहिए. हमें सीमापार लोगों को इंसान समझना चाहिए और उन्हें उचित सम्मान देना चाहिए जिसके वे हकदार हैं.
रहमान ने कहा कि शेख हसीना राजनीति और कूटनीति को बहुत मानवीय नजरिये से देखती हैं. उन्होंने कहा कि जब भी संभावना हो हमें (भारत और बांग्लादेश को) मिलकर काम करना चाहिए.