यांगून : देश में एक दिन पहले सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से 18 लोगों की मौत की खबरों के बावजूद सोमवार को म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में सैन्य तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आज उनपर आंसू गैस के गोले दागे.
प्रदर्शनकारी शहर में लेदान सेंटर चौराहे पर जुटने का प्रयास कर रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ना शुरू कर दिया.
प्रदर्शनकारी घटनास्थल से इधर-उधर भागते हुए और गैस के प्रभाव से बचने के लिए चेहरे धुलने का प्रयास करते हुए दिखे.
स्वतंत्र 'म्यांमार नाउ' समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक राजधानी नेपीता में पद से हटाई गईं देश की नेता आंग सान सू ची सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत में पेश हुईं.
इसमें कहा गया कि कथित तौर पर अशांति भड़काने के लिए उन पर दंड संहिता की धारा 505 (बी) के तहत आरोप तय किए गए हैं. अदालत की पेशी से जुड़े अन्य विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं हो पाए.
सू ची पर कई आरोप
सू ची पर पहले से ही दो अन्य आरोप हैं जिनमें से एक बिना पंजीकरण के आयातित वॉकी-टॉकी रखने का है और दूसरा कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए लोगों की भीड़ सीमित रखने के लिए प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी आदेश का उल्लंघन करने से संबंधित है.
सू ची (75) को शुरू में सेना द्वारा नेपीता में उनके आवास में हिरासत में रखा गया था लेकिन नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के उनके साथी सदस्यों ने कहा कि उन्हें अब कहां रखा गया है इस बारे में चीजें स्पष्ट नहीं हैं.
उनके खिलाफ आरोपों से जुंटा द्वारा एक साल के अंदर चुनाव कराने के वादे पर अमल होने की स्थिति में चुनाव लड़ने का रास्ता कानूनी रूप से बंद हो जाएगा.
तख्तापलट का विरोध कर रहे लोगों पर जुंटा समर्थकों का हमला
एक फरवरी को तख्ता पलट होने के बाद सू ची की निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल किए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के दौरान रविवार को यांगून में पुलिस गोलीबारी में कम से कम पांच प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबर है.