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राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर नया प्रधानमंत्री नियुक्त करूंगा : प्रेमदासा

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी चल रही है. इसी दौरान श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार सजित प्रेमदासा ने दावा किया है कि वह चुनाव जीतते हैं तो एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे. जानें विस्तार से...

सजित प्रेमदासा (फाइल फोटो)
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Published : Nov 8, 2019, 1:18 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार सजित प्रेमदासा ने कहा कि अगर वह अगले हफ्ते होने वाला चुनाव जीतते हैं तो वह एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे. उन्होंने संकेत दिया कि चुनावों के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद छोड़ना पड़ेगा.

युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) नेता प्रेमदासा ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, सदन में बहुमत रखने वालों में से कौन प्रधानमंत्री होगा इसका फैसला संसद करेगी.

बता दें कि प्रेमदासा और मुख्य विपक्षी दल गोटाभाया राजपक्षे में 16 नवंबर को होने वाले चुनावों में करीबी मुकाबला है. राजपक्षे ने भी विक्रमसिंघे को हटाकर अपने भाई और कद्दावर महिंदा को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही है.

ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति महिंदा 2015 में तीसरी बार चुनाव नहीं जीत पाए थे और पद पर बने रहने की सीमा से जुड़े एक नए संवैधानिक प्रावधान के तहत वह फिर राष्ट्रपति चुनाव के लिये खड़े नहीं हो सकते थे.

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम संसद की संरचना के साथ ही मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री के पद की संरचना पर किसी तरह का असर नहीं डालेंगे.

इसे भी पढ़ें- श्रीलंकाई खेल मंत्री ने कहा- भारत का हम पर कोई दबाव नहीं था

वहीं विक्रमसिंघे ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह प्रेमदासा के चुनाव जीतने के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

गौरतबल है कि देश के संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री को सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव के जरिये, उसके इस्तीफे या फिर संसद द्वारा हटाया जा सकता है.

कोलंबो : श्रीलंका की सत्ताधारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार सजित प्रेमदासा ने कहा कि अगर वह अगले हफ्ते होने वाला चुनाव जीतते हैं तो वह एक नया प्रधानमंत्री नियुक्त करेंगे. उन्होंने संकेत दिया कि चुनावों के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद छोड़ना पड़ेगा.

युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) नेता प्रेमदासा ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति निर्वाचित होते हैं, सदन में बहुमत रखने वालों में से कौन प्रधानमंत्री होगा इसका फैसला संसद करेगी.

बता दें कि प्रेमदासा और मुख्य विपक्षी दल गोटाभाया राजपक्षे में 16 नवंबर को होने वाले चुनावों में करीबी मुकाबला है. राजपक्षे ने भी विक्रमसिंघे को हटाकर अपने भाई और कद्दावर महिंदा को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही है.

ज्ञात हो कि पूर्व राष्ट्रपति महिंदा 2015 में तीसरी बार चुनाव नहीं जीत पाए थे और पद पर बने रहने की सीमा से जुड़े एक नए संवैधानिक प्रावधान के तहत वह फिर राष्ट्रपति चुनाव के लिये खड़े नहीं हो सकते थे.

उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम संसद की संरचना के साथ ही मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री के पद की संरचना पर किसी तरह का असर नहीं डालेंगे.

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वहीं विक्रमसिंघे ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह प्रेमदासा के चुनाव जीतने के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

गौरतबल है कि देश के संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री को सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव के जरिये, उसके इस्तीफे या फिर संसद द्वारा हटाया जा सकता है.

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LANKA-TNA-PREMADASA
Tamils extend support to Premadasa, say he is 'candidate with clean hands'
         Colombo, Nov 7 (PTI) Sri Lanka's Tamil National Alliance (TNA) on Thursday extended its support to presidential candidate Sajith Premadasa, terming him as a candidate with clean hands.
         Explaining their stand to support Premadasa against the opposition candidate Gotabhaya Rajapaksa in the presidential poll scheduled for November 16, TNA, in a statement, said the Sri Lankan voter expects the new president to be genuinely committed to democracy, independence of institutions and to honour fundamental and human rights.
         Premadasa is the ruling United National Party (UNP) candidate, while former defence chief Gotabhaya is contesting from Sri Lanka People's Party (SLPP) ticket.
         Mr Premadasa is a leader with clean hands. In whatever capacity he has functioned, it is accepted that he has done his best, he has reiterated his firm commitment to uniting all the people and taking forward the country towards progress and prosperity, a TNA statement said.
         Earlier on Sunday, TNA spokesman and legislator M A Sumanthiran said that Premadasa's manifesto will be more acceptable to Tamils as compared to other candidates.
         In his manifesto, Premadasa has pledged "maximum devolution of power within an undivided and indivisible Sri Lanka".
         Blaming the Mahinda Rajapaksa administration for its authoritarian rule between 2005 and 2015, the party recalled that the independence of judiciary created after his downfall has been a plus for the country.
         The party, in the statement, said that Premadasa has attempted to take forward the process of power sharing with Tamils.
         The 13-point plan of the Tamil political parties include the demand to permanently merge north and eastern provinces, granting Tamils political autonomy in a federal solution.
         These points are seen as Tamil hardline by the Sinhala majority.
         Premadasa's main rival Gotabhaya Rajapaksa relies on the Sinhala majority to be elected president while Premadasa is seen as the more secular choice.
         The Tamil and Muslim votes are crucial to form the government.
         In 2015, current president Maithripala Sirisena, who was the main opposition challenger, secured most of the minority votes when he defeated Sri Lanka Freedom Party's Mahinda Rajapaksa ending his 10-year rule.
         Tamils, however, remain disgruntled as the current government has failed to adopt a new constitution to address Tamil demand for political autonomy. PTI Corr
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