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श्रीलंका में पोम्पियो बोले- यह हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण

श्रीलंका में पोम्पियो के साथ रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर भी थे. दोनों नेता 'टू प्लस टू' वार्ता के तीसरे संस्करण के लिए भारत आये थे. पोम्पियो की यात्रा को श्रीलंका में चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर देखा जा रहा है. वहीं पोम्पियो ने तमाम मुद्दों पर बात की.

pompeo on US Sri lanka relations
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने श्रीलंका के राजनेताओं से की मुलाकात
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Published : Oct 28, 2020, 8:53 PM IST

कोलंबो : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को यहां कहा कि श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है. उन्होंने द्वीप राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है. द्विपक्षीय वार्ता के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि अमेरिका और श्रीलंका ने एक लोकतांत्रिक नजरिये को साझा किया है.

विश्व मंच पर एक सकारात्मक भागीदार है श्रीलंका

श्रीलंका दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वास्तव में, एक मजबूत संप्रभु श्रीलंका विश्व मंच पर एक सकारात्मक भागीदार है. यह एक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उम्मीद की एक किरण हो सकता है. श्रीलंका में पोम्पियो ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एक शिकारी है. अमेरिका अलग तरह से आता है. हम दोस्त के रूप में आते हैं.

श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना चाहता है अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पोम्पियो अमेरिका के सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं, जिन्होंने श्रीलंका की यात्रा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और श्रीलंका ने मजबूत संबंध बनाने और लोकतांत्रिक चुनाव आयोजित करने की स्वतंत्रता के लिए एक दृष्टिकोण साझा किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक और पूरी तरह से स्वतंत्र श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना चाहता है.

कोविड-19 पर भी हुई चर्चा

श्रीलंका में पोम्पियो ने कहा कि उन्होंने श्रीलंका के नेताओं से कोविड-19 महामारी, जो चीन के वुहान से फैली थी पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा अभियानों के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कहा कि वह उत्तरी कोलंबो में सेंट एंथोनी गिरजाघर का दौरा करेंगे, जो पिछले साल हुए ईस्टर रविवार के हमलों से तबाह हुए गिरजाघरों में से एक है. वहीं, गुणवर्धने ने कहा कि श्रीलंका एक गुट-निरपेक्ष राष्ट्र बना रहेगा और इस आधार पर अमेरिकी अधिकारियों ने श्रीलंका का दौरा किया.

पढ़ें: अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से की मुलाकात

चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर देखा जा रहा पोम्पियो का श्रीलंका दौरा

विदेश मंत्री पोम्पियो, रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' वार्ता के तीसरे संस्करण के लिए भारत आये थे. पोम्पियो की यात्रा को श्रीलंका में चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर देखा जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए समन्वय को बढ़ाने पर सहमत हुए थे. इस बीच विपक्षी दल विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने अमेरिकी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया. जिसमें अमेरिका से श्रीलंका में कथित हस्तक्षेप को समाप्त करने का आग्रह किया गया. पोम्पियो की कोलंबो यात्रा से केवल एक दिन पहले चीनी दूतावास ने अमेरिका पर चीन और श्रीलंका के बीच संबंधों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था.

कोलंबो : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को यहां कहा कि श्रीलंका को लेकर अमेरिका का नजरिया चीन से बहुत अलग है. उन्होंने द्वीप राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है. द्विपक्षीय वार्ता के बाद श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि अमेरिका और श्रीलंका ने एक लोकतांत्रिक नजरिये को साझा किया है.

विश्व मंच पर एक सकारात्मक भागीदार है श्रीलंका

श्रीलंका दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वास्तव में, एक मजबूत संप्रभु श्रीलंका विश्व मंच पर एक सकारात्मक भागीदार है. यह एक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए उम्मीद की एक किरण हो सकता है. श्रीलंका में पोम्पियो ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एक शिकारी है. अमेरिका अलग तरह से आता है. हम दोस्त के रूप में आते हैं.

श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना चाहता है अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पोम्पियो अमेरिका के सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं, जिन्होंने श्रीलंका की यात्रा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और श्रीलंका ने मजबूत संबंध बनाने और लोकतांत्रिक चुनाव आयोजित करने की स्वतंत्रता के लिए एक दृष्टिकोण साझा किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक और पूरी तरह से स्वतंत्र श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को बढ़ाना चाहता है.

कोविड-19 पर भी हुई चर्चा

श्रीलंका में पोम्पियो ने कहा कि उन्होंने श्रीलंका के नेताओं से कोविड-19 महामारी, जो चीन के वुहान से फैली थी पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा अभियानों के बारे में विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कहा कि वह उत्तरी कोलंबो में सेंट एंथोनी गिरजाघर का दौरा करेंगे, जो पिछले साल हुए ईस्टर रविवार के हमलों से तबाह हुए गिरजाघरों में से एक है. वहीं, गुणवर्धने ने कहा कि श्रीलंका एक गुट-निरपेक्ष राष्ट्र बना रहेगा और इस आधार पर अमेरिकी अधिकारियों ने श्रीलंका का दौरा किया.

पढ़ें: अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से की मुलाकात

चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर देखा जा रहा पोम्पियो का श्रीलंका दौरा

विदेश मंत्री पोम्पियो, रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ भारत और अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू' वार्ता के तीसरे संस्करण के लिए भारत आये थे. पोम्पियो की यात्रा को श्रीलंका में चीन के बढ़ते दबाव के मद्देनजर देखा जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए समन्वय को बढ़ाने पर सहमत हुए थे. इस बीच विपक्षी दल विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने अमेरिकी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया. जिसमें अमेरिका से श्रीलंका में कथित हस्तक्षेप को समाप्त करने का आग्रह किया गया. पोम्पियो की कोलंबो यात्रा से केवल एक दिन पहले चीनी दूतावास ने अमेरिका पर चीन और श्रीलंका के बीच संबंधों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था.

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