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एलएसी पर हालात में सुधार, दोनों देशों ने उठाए प्रभावी कदम : चीन - वास्तविक नियंत्रण रेखा

चीन ने गुरुवार को कहा कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अन्य इलाकों से पीछे हटने के लिए 'प्रभावी कदम' उठाए हैं तथा हालात 'स्थिर और बेहतर'हो रहे हैं. दोनों पक्षों में गतिरोध वाले सारे क्षेत्रों से तेजी से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है. पढ़ें विस्तार से...

गलवान घाटी
गलवान घाटी
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Published : Jul 9, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 7:15 PM IST

बीजिंग : चीन ने गुरुवार को कहा कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अन्य इलाकों से पीछे हटने के लिए 'प्रभावी कदम' उठाए हैं तथा हालात 'स्थिर और बेहतर'हो रहे हैं. दोनों पक्षों में गतिरोध वाले सारे क्षेत्रों से तेजी से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब नई दिल्ली में मामले के जानकारों का कहना है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले हॉट स्प्रिंग्स से सभी अस्थाई ढांचों को हटा दिया है और सारे सैनिकों को हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली है.

गलवान घाटी
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में स्थित विवादित सीमा की 28 जून (बाईं ) और 6 जुलाई (दायीं ) की मैक्सार तकनीक से ली गई सैटेलाइट तस्वीर. 28 जून की तस्वीर दिखाती है कि भारतीय सैनिकों ने अपनी सीमा में एक दीवार बना रखी है और चीनी सैनिकों ने सैन्य ठिकानों से दूर रोड के अंत में एक चौकी शिविर बनाया था. वहीं 6 जुलाई की तस्वीर में दिखाती है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों ने काराकोरम पहाड़ों पर किए गए अपने-अपने निर्माण को गिरा दिया.

झाओ ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कमांडर स्तर की बातचीत में बनी सहमति पर अमल करते हुए चीन और भारत सीमा सैनिकों ने गलवान घाटी तथा अन्य इलाकों में अग्रिम रेखा पर पीछे हटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं.'

उन्होंने कहा, 'सीमा पर हालात स्थिर हैं और बेहतर हो रहे हैं.'

दोनों देशों के बीच आगे बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यू एम सी सी)की बैठकों सहित सैन्य और राजनयिक माध्यम से बातचीत जारी रखेंगे.

प्रवक्ता ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत ठोस कार्रवाई के लिए हमारे साथ मिल कर काम करेगा और हमारे बीच बनी सहमति को अमल में लाएगा साथ ही सीमा से पीछे हटने के लिए मिल कर काम करेगा.'

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को टेलीफोन पर करीब दो घंटे हुई बातचीत के बाद दोनों ओर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सोमवार को सुबह शुरू हुई.

वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैन्यबलों की तेजी से वापसी पर सहमति जताई, ताकि क्षेत्र में शांति कायम की जा सके. डोभाल और वांग सीमा संबंधी वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं.

यह भी पढ़ें- चीन ने की 'अत्यंत आक्रामक कार्रवाई,' भारत ने दिया 'सर्वश्रेष्ठ जवाब' : पोम्पियो

नयी दिल्ली में घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले बिंदुओं से बलों की वापसी की प्रक्रिया के क्रियान्वयन की पुष्टि हो जाने के बाद दोनों सेनाओं के अगले कुछ दिन में क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के मकसद से विस्तृत वार्ता करने की उम्मीद है.

पैंगोंग सो के फिंगर इलाकों से बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई. पैंगोग सो में दोनों पक्षों के बीच गतिरोध रहा है.

बीजिंग : चीन ने गुरुवार को कहा कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अन्य इलाकों से पीछे हटने के लिए 'प्रभावी कदम' उठाए हैं तथा हालात 'स्थिर और बेहतर'हो रहे हैं. दोनों पक्षों में गतिरोध वाले सारे क्षेत्रों से तेजी से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब नई दिल्ली में मामले के जानकारों का कहना है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले हॉट स्प्रिंग्स से सभी अस्थाई ढांचों को हटा दिया है और सारे सैनिकों को हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली है.

गलवान घाटी
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में स्थित विवादित सीमा की 28 जून (बाईं ) और 6 जुलाई (दायीं ) की मैक्सार तकनीक से ली गई सैटेलाइट तस्वीर. 28 जून की तस्वीर दिखाती है कि भारतीय सैनिकों ने अपनी सीमा में एक दीवार बना रखी है और चीनी सैनिकों ने सैन्य ठिकानों से दूर रोड के अंत में एक चौकी शिविर बनाया था. वहीं 6 जुलाई की तस्वीर में दिखाती है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों ने काराकोरम पहाड़ों पर किए गए अपने-अपने निर्माण को गिरा दिया.

झाओ ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कमांडर स्तर की बातचीत में बनी सहमति पर अमल करते हुए चीन और भारत सीमा सैनिकों ने गलवान घाटी तथा अन्य इलाकों में अग्रिम रेखा पर पीछे हटने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं.'

उन्होंने कहा, 'सीमा पर हालात स्थिर हैं और बेहतर हो रहे हैं.'

दोनों देशों के बीच आगे बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यू एम सी सी)की बैठकों सहित सैन्य और राजनयिक माध्यम से बातचीत जारी रखेंगे.

प्रवक्ता ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत ठोस कार्रवाई के लिए हमारे साथ मिल कर काम करेगा और हमारे बीच बनी सहमति को अमल में लाएगा साथ ही सीमा से पीछे हटने के लिए मिल कर काम करेगा.'

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को टेलीफोन पर करीब दो घंटे हुई बातचीत के बाद दोनों ओर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सोमवार को सुबह शुरू हुई.

वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने टकराव वाले सभी बिंदुओं से सैन्यबलों की तेजी से वापसी पर सहमति जताई, ताकि क्षेत्र में शांति कायम की जा सके. डोभाल और वांग सीमा संबंधी वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि हैं.

यह भी पढ़ें- चीन ने की 'अत्यंत आक्रामक कार्रवाई,' भारत ने दिया 'सर्वश्रेष्ठ जवाब' : पोम्पियो

नयी दिल्ली में घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले बिंदुओं से बलों की वापसी की प्रक्रिया के क्रियान्वयन की पुष्टि हो जाने के बाद दोनों सेनाओं के अगले कुछ दिन में क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आवश्यक तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के मकसद से विस्तृत वार्ता करने की उम्मीद है.

पैंगोंग सो के फिंगर इलाकों से बलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई. पैंगोग सो में दोनों पक्षों के बीच गतिरोध रहा है.

Last Updated : Jul 9, 2020, 7:15 PM IST
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