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पीएलए और आईएसआई का गठजोड़, बीजिंग में मिलकर कर रहे काम

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Published : May 19, 2020, 5:15 PM IST

चीन और पाकिस्तान की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है. चीन ने अब एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे भारत को चौकन्ना रहना पड़ेगा. इसने आईएसआई के अधिकारी को बीजिंग में पोस्टिंग दे दी है. इसे लेकर भारत की खुफिया एजेंसी अलर्ट हो गई है. आइए जानते हैं विस्तार से खबर.

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पीएम इमरान खान,राष्ट्रपति शी चिनफिंग

नई दिल्ली : चीन की पीपुल लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कर्नल रैंक के एक अधिकारी को अपने यहां तैनात किया है. चीन का कहना है कि दोनों देशों के बीच बेहतर सैन्य तालमेल के लिए ऐसा किया गया है.

सूचना के अनुसार मार्च में यह तैनाती मार्च महीने में ही कर दी गई थी. आईएसआई का यह अधिकारी बीजिंग में ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट में बैठेगा. यह केन्द्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के तहत आता है.

कथित तौर पर इसके दो उद्देश्य बताए गए हैं. उन्हें समन्वय का काम करना है. पहला चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीनी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और दूसरा है उइगर में चरमपंथियों की गतिविध पर नियंत्रण लगाने के लिए.

रॉ के पूर्व अतिरिक्त सचिव जयदेव रानाडे ने ईटीवी भारत को बताया कि चीन पाकिस्तान की मदद से उइगर के विद्रोही तत्वों को समाप्त करने में लगा हुआ है. चीन चाहता है कि उइगर के विद्रोही तत्वों को सुरक्षित पनाहगाह और रास्ता ना मिले. वे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शरण ले लेते हैं. साथ ही सीपीईसी प्रोजेक्ट के दौरान चीन के कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहते हैं.

रानाडे ने बताया कि यह पोस्ट स्थायी किस्म का है. किसी को भी पता नहीं है कि कब तक यह व्यवस्था कायम रहेगी.

आपको बता दें कि उइगर चीन के दक्षिण पश्चिम प्रांत झिनजियांग में रहते हैं. वे मुस्लिम धर्म को मानते हैं. वे चीन से आजादी की मांग कर रहे हैं. उइगर की एक बड़ी आबादी ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है.

यह भी पढ़ें- कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे बयान को तालिबान ने फर्जी बताया

दूसरी ओर सीपीईसी चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसके आर्थिक और रणनीतिक हित हैं. चीन ने अब तक 62 बिलियन डॉलर यहां पर निवेश किया है. हाल ही में स्थानीय लोगों ने चीन के कर्मियों पर हमला किया था.

सीएमसी पीएलए का नर्व सेंटर माना जाता है. यह सैन्य प्रशासन, ऑपरेशन्स कमांड, फॉर्मेशन, मोबलाइजेशन, हायरिंग और ट्रेंनिगं का काम देखता है. सीएमसी को 2016 में बनाया गया था.

निश्चित तौर पर आने वाले समय में ऐसी तैनाती का बहुत अधिक महत्व होगा. भारत को इस पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता है.

(संजीव बरुआ)

नई दिल्ली : चीन की पीपुल लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कर्नल रैंक के एक अधिकारी को अपने यहां तैनात किया है. चीन का कहना है कि दोनों देशों के बीच बेहतर सैन्य तालमेल के लिए ऐसा किया गया है.

सूचना के अनुसार मार्च में यह तैनाती मार्च महीने में ही कर दी गई थी. आईएसआई का यह अधिकारी बीजिंग में ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट में बैठेगा. यह केन्द्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के तहत आता है.

कथित तौर पर इसके दो उद्देश्य बताए गए हैं. उन्हें समन्वय का काम करना है. पहला चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीनी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और दूसरा है उइगर में चरमपंथियों की गतिविध पर नियंत्रण लगाने के लिए.

रॉ के पूर्व अतिरिक्त सचिव जयदेव रानाडे ने ईटीवी भारत को बताया कि चीन पाकिस्तान की मदद से उइगर के विद्रोही तत्वों को समाप्त करने में लगा हुआ है. चीन चाहता है कि उइगर के विद्रोही तत्वों को सुरक्षित पनाहगाह और रास्ता ना मिले. वे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शरण ले लेते हैं. साथ ही सीपीईसी प्रोजेक्ट के दौरान चीन के कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहते हैं.

रानाडे ने बताया कि यह पोस्ट स्थायी किस्म का है. किसी को भी पता नहीं है कि कब तक यह व्यवस्था कायम रहेगी.

आपको बता दें कि उइगर चीन के दक्षिण पश्चिम प्रांत झिनजियांग में रहते हैं. वे मुस्लिम धर्म को मानते हैं. वे चीन से आजादी की मांग कर रहे हैं. उइगर की एक बड़ी आबादी ने पाकिस्तान में शरण ले रखी है.

यह भी पढ़ें- कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे बयान को तालिबान ने फर्जी बताया

दूसरी ओर सीपीईसी चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसके आर्थिक और रणनीतिक हित हैं. चीन ने अब तक 62 बिलियन डॉलर यहां पर निवेश किया है. हाल ही में स्थानीय लोगों ने चीन के कर्मियों पर हमला किया था.

सीएमसी पीएलए का नर्व सेंटर माना जाता है. यह सैन्य प्रशासन, ऑपरेशन्स कमांड, फॉर्मेशन, मोबलाइजेशन, हायरिंग और ट्रेंनिगं का काम देखता है. सीएमसी को 2016 में बनाया गया था.

निश्चित तौर पर आने वाले समय में ऐसी तैनाती का बहुत अधिक महत्व होगा. भारत को इस पर नजर बनाए रखने की आवश्यकता है.

(संजीव बरुआ)

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