इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इमरान खान सरकार और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. दरअसल पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी देश के 11 प्रमुख विपक्षी दल इमरान सरकार विरोधी रैली निकालने वाले थे, जिसके इमरान सरकार ने कोविड-19 का हवाला देकर इजाजत नहीं दी.
सरकार विरोधी रैलियों में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी को देखकर परेशान इमरान खान ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान विपक्ष की राजनीति से लोगों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है.
बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पेशावर के उपायुक्त के जरिए खैबर-पख्तूनख्वा में शासन चला रही है.
आयुक्त कार्यालय ने 22 नवंबर को पीडीएम को रैली की अनुमति नहीं देने के फैसले से औपचारिक रूप से अवगत करा दिया था. हालांकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की केंद्रीय सूचना सचिव नफीसा शाह ने कहा कि पीडीएम की रैली 22 नवंबर को उसके तय कार्यक्रम के अनुसार होगी.
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देश के 11 प्रमुख विपक्षी दलों ने 20 सितंबर को पीडीएम के गठन की घोषणा की थी और तीन चरणों में सरकार विरोधी अभियान का ऐलान किया था. पीडीएम ने 16 अक्टूबर से गुजरांवाला, कराची और क्वेटा में तीन समान रैलियां की हैं.
इमरान खान ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वही पहले चाहते थे कि सख्त लॉकडाउन लगाया जा और अब वही लोगों की सुरक्षा के साथ राजनीति खेल रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच वह न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाकर रैलियों का आयोजन कर रहे हैं.
इसपर विपक्ष ने कहा कि अगर 'सरकार रूपी कोरोना वायरस' का कुछ नहीं किया गया तो सभी भूखे मरेंगे. कोरोना वायरस से दो प्रतिशत खतरा है लेकिन 'सरकार रूपी कोरोना वायरस' से 100 प्रतिशत खतरा है.