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मलेशिया के राजा के दबाव के बाद संसद की बैठक 26 जुलाई से

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Published : Jul 5, 2021, 8:14 PM IST

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण विधायिका की कार्यवाही पर लगी रोक हटाने के लिए राजा के दबाव के बाद मलेशिया की सरकार ने सोमवार को कहा कि संसद की बैठक 26 जुलाई से शुरू होगी. प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासीन ने कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण एक अगस्त तक आपातकाल लागू करने को लेकर राजा से अनुमति ली थी.

मलेशिया संसद की बैठक
मलेशिया संसद की बैठक

कुआलालंपुर : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण विधायिका की कार्यवाही पर लगी रोक हटाने के लिए राजा के दबाव के बाद मलेशिया की सरकार ने सोमवार को कहा कि संसद की बैठक 26 जुलाई से शुरू होगी.

प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासीन ने कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण एक अगस्त तक आपातकाल लागू करने को लेकर राजा से अनुमति ले ली थी, लेकिन आलोचकों ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि इससे उन्हें विपक्ष और गठबंधन के भीतर से नेतृत्व को मिल रही चुनौतियों से उबरने में मदद मिलेगी. आपातकाल के तहत संसद को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन इसमें कोई अन्य विकल्प नहीं शामिल किए गए. आलोचकों ने कहा कि आपातकाल की जब घोषणा की गई, उस वक्त की तुलना में मई में रोजाना 9,000 से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे थे. इसके बाद सरकार ने जून से व्यापक स्तर पर लॉकडाडन की घोषणा कर दी.

इसे भी पढ़े-थाइलैंड की फैक्ट्री में धमाका, एक की मौत और 62 घायल

देश में अब भी संक्रमण के 6,000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं और संक्रमितों की कुल संख्या 785,000 से ज्यादा और मृतक संख्या 5,400 से ज्यादा हो चुकी है. प्रधानमंत्री ने पूर्व में उम्मीद जताई है कि सितंबर तक संसद की बैठक शुरू हो जाएगी, लेकिन देश के राजा ने जोर दिया कि जल्द से जल्द बैठक आयोजित की जाए.

वर्ष 2018 में सुधारवादी गठबंधन ने जीत हासिल की थी, लेकिन इसमें फूट के बाद मुहीद्दीन यासीन ने मार्च 2020 में सत्ता की बागडोर संभाली. हालांकि, संसद में यासीन की सरकार को मामूली बहुमत प्राप्त हुआ था, लेकिन संसद के निलंबित रहने पर शक्ति परीक्षण नहीं हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

कुआलालंपुर : कोरोना वायरस संक्रमण के कारण विधायिका की कार्यवाही पर लगी रोक हटाने के लिए राजा के दबाव के बाद मलेशिया की सरकार ने सोमवार को कहा कि संसद की बैठक 26 जुलाई से शुरू होगी.

प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासीन ने कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के कारण एक अगस्त तक आपातकाल लागू करने को लेकर राजा से अनुमति ले ली थी, लेकिन आलोचकों ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि इससे उन्हें विपक्ष और गठबंधन के भीतर से नेतृत्व को मिल रही चुनौतियों से उबरने में मदद मिलेगी. आपातकाल के तहत संसद को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन इसमें कोई अन्य विकल्प नहीं शामिल किए गए. आलोचकों ने कहा कि आपातकाल की जब घोषणा की गई, उस वक्त की तुलना में मई में रोजाना 9,000 से ज्यादा कोरोना के मामले आ रहे थे. इसके बाद सरकार ने जून से व्यापक स्तर पर लॉकडाडन की घोषणा कर दी.

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देश में अब भी संक्रमण के 6,000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं और संक्रमितों की कुल संख्या 785,000 से ज्यादा और मृतक संख्या 5,400 से ज्यादा हो चुकी है. प्रधानमंत्री ने पूर्व में उम्मीद जताई है कि सितंबर तक संसद की बैठक शुरू हो जाएगी, लेकिन देश के राजा ने जोर दिया कि जल्द से जल्द बैठक आयोजित की जाए.

वर्ष 2018 में सुधारवादी गठबंधन ने जीत हासिल की थी, लेकिन इसमें फूट के बाद मुहीद्दीन यासीन ने मार्च 2020 में सत्ता की बागडोर संभाली. हालांकि, संसद में यासीन की सरकार को मामूली बहुमत प्राप्त हुआ था, लेकिन संसद के निलंबित रहने पर शक्ति परीक्षण नहीं हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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