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इजराइल-यूएई समझौता : फिलिस्तीन ने यूएई से अपने राजदूत को वापस बुलाया

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल ने बृहस्पतिवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए एक समझौता किया है, जिसके बाद फिलिस्तीन ने संयुक्त अरब अमीरात में तैनात अपने राजदूत को वापस बुला लिया है.

फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास
फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास
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Published : Aug 14, 2020, 3:38 PM IST

यरुशलम : फिलिस्तीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में तैनात फिलिस्तीनी राजदूत को वापस बुला लिया गया है. यूएई और इजराइल ने बृहस्पतिवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए समझौते किए, जिसके बाद फिलिस्तीन ने यह कदम उठाया है.

फिलिस्तीन ने समझौते पर निशाना साधते हुए इसे फिलिस्तीन की मांगों के साथ 'विश्वासघात' करार दिया और इसे वापस लेने की मांग की.

संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल ने बृहस्पतिवार को उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस समझौते के तहत इजराइल को वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की विवादास्पद योजना को रोकना होगा.

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रदेनेह ने कहा कि यह समझौता 'राजद्रोह' के समान है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूएई को अपना यह निर्णय वापस लेना चाहिए और साथ ही उन्होंने अरब देशों से भी 'फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की कीमत पर' इसका पालन न करने का आग्रह किया.

पढ़ें - इजराइल-यूएई के बीच 'दुश्मनी' खत्म, संपन्न हुआ एतिहासिक समझौता

वहीं, अमेरिका, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात का मानना है कि इससे पश्चिम एशियाई क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी.

यरुशलम : फिलिस्तीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में तैनात फिलिस्तीनी राजदूत को वापस बुला लिया गया है. यूएई और इजराइल ने बृहस्पतिवार को पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए समझौते किए, जिसके बाद फिलिस्तीन ने यह कदम उठाया है.

फिलिस्तीन ने समझौते पर निशाना साधते हुए इसे फिलिस्तीन की मांगों के साथ 'विश्वासघात' करार दिया और इसे वापस लेने की मांग की.

संयुक्त अरब अमीरात और इजराइल ने बृहस्पतिवार को उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस समझौते के तहत इजराइल को वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की विवादास्पद योजना को रोकना होगा.

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रदेनेह ने कहा कि यह समझौता 'राजद्रोह' के समान है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यूएई को अपना यह निर्णय वापस लेना चाहिए और साथ ही उन्होंने अरब देशों से भी 'फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की कीमत पर' इसका पालन न करने का आग्रह किया.

पढ़ें - इजराइल-यूएई के बीच 'दुश्मनी' खत्म, संपन्न हुआ एतिहासिक समझौता

वहीं, अमेरिका, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात का मानना है कि इससे पश्चिम एशियाई क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी.

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